शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। चुनाव की तारीख़ों की घोषणा पहले शनिवार दोपहर 12 बजे होनी थी लेकिन पत्रकारों और पोल अधिकारियों ने दोपहर 12:30 बजे प्रेस वार्ता में शामिल होने में असमर्थता जताई तो चुनाव आयोग ने अपने प्रेस कॉन्फ़्रेंस का वक़्त आख़िरी समय में बढ़ाकर तीन बजे कर दिया था।
Simultaneous elections will be held in Madhya Pradesh, Rajasthan, Chhattisgarh and Mizoram, before 15th December: CEC OP Rawat in Delhi pic.twitter.com/vBF3RVR0pO
— ANI (@ANI) October 6, 2018
ख़ास बात ये हैं कि इनमें से तीन राज्यों में बीजेपी की सरकार है जबकि मिजोरम में कांग्रेस की सरकार है और तेलंगाना में टीआरएस की सरकार है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने कहा कि, 5 राज्यों में एकसाथ चुनाव होंगे और 11 दिसंबर को पांचों राज्यों के नतीजे घोषित किये जायेंगे इसी के साथ ही चुनाव आयोग ने ये भी साफ़ किया कि 15 दिसंबर से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। छत्तीसगढ़ में 12 नंवबर को पहले चरण का मतदान और दूसरे और आखिरी चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा जबकि मध्य प्रदेश और मिजोरम में 28 नवंबर और राजस्थान और तेलंगाना में 7 दिसंबर को मतदान होगा। इन पांचों राज्यों के चुनाव नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे। इसी के साथ ही आयोग ने कर्नाटक के बेल्लारी, शिमोगा और मांड्या के उपचुनाव के तारीख की घोषणा भी की है जिसके मुताबिक कर्नाटक के बेल्लारी, शिमोगा और मांड्या में 3 नवंबर को उप-चुनाव होंगे।
Counting of votes to be done on 11 December for Madhya Pradesh, Chhattisgarh, Mizoram, Rajasthan and Telangana state assembly elections. pic.twitter.com/j7NZgah45m
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इसके अलावा चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव में आधुनिक EVM और VVPAT का इस्तेमाल किया जायेगा और दृष्टिहीन मतदाताओं के लिए पहली बार ब्रेल में वोटर पर्ची की सुविधा उपलब्ध होगी और सीसीटीवी से मतदान केंद्रों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। यही नहीं इस कांफ्रेंस में आयोग ने दागी उम्मीदवारों को भी निर्देश दिए हैं कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट के ताजा निर्देशों का पालन करना होगा। ये चुनाव 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी के लिए अग्निपरीक्षा की तरह होगा क्योंकि इन राज्यों के नतीजे आम चुनाव का रास्ता तय करेंगे।
इन राज्यों में चुनावी समीकरणों पर अगर नजर डालें तो छत्तीसगढ़ की 90, मध्य प्रदेश की 230, राजस्थान की 200, मिजोरम की 40 और तेलंगाना की 119 सीटों पर चुनाव होंगे। मध्य प्रदेश के साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 166, कांग्रेस को 57 सीटें मिली थीं। यहां इस बार सियासी लड़ाई मुख्यरूप से कांग्रेस और बीजेपी में है लेकिन बीजेपी को इस बार कड़ी टक्कर देने के लिए बसपा भी लगातार राज्य में अपनी पकड़ को मजबूत करने के प्रयास कर रही है।
राजस्थान में साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 163 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी जबकि कांग्रेस 21 सीटोंसे ही संतोष करना पड़ा था।
छतीसगढ़ में साल 2013 के विधानसभा चुनाव बीजेपी को 49, कांग्रेस को 39 सीट मिली थी। भारतीय जनता लगातार तीन बार राज्य में जीत दर्ज कर रही है और इस बार भी पार्टी की कोशिश इसे बनाये रखने की है।
मिजोरम में साल 2013 के विधानसभा चुनाव में कुल 40 सीटों में से कांग्रेस को 34, एमएनएफ को 5 और और एमपीसी को 1 सीट मिली थी जबकि बीजेपी को निराशा हाथ लगी थी लेकिन बीजेपी की पहले से ज्यादा मजबूत पार्टी बन चुकी है ऐसे में इस बार के आंकड़ों में बड़े बदलाव नजर आ सकते हैं।
बता दें कि, तेलंगाना में पिछली बार विधानसभा चुनाव 2014 के लोकसभा चुनाव के साथ हुए थे लेकिन मुख्यमंत्री केसीआर ने समय से पहले विधानसभा भंग कर दिया था जिसके चलते तेलंगाना में भी इन्हीं चार राज्यों के साथ चुनाव होगा।
अब देखना ये होगा कि आगामी चुनावों में परिदृश्य क्या होगा। कौनसी पार्टी को जनता अपना वोट देगी और किसे मैदान से बाहर करेगी। हालांकि, ये चुनाव लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों का भविष्य तय कर सकता है। क्या मोदी सरकार की विकास की लहर जनता भाजपा को दोबारा वही अप्रत्याशित जीत दिला पायेगी? इसके लिए हमें थोडा इंतजार करना होगा।