जैसे जैसे चुनाव पास आते हैं नेताओं को जनता की याद आने लगती है और वो जनता को लुभाने के लिए नए-नए हत्कंडे अपनाना शुरू कर देते हैं । ऐसा ही कुछ आजकल तेलंगाना में भी देखने को मिल रहा है जहां टीआरएस के नेता मतदाताओं को लुभाने के लिए नयी-नयी तरकीब अपना रहे हैं जो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है। टीआरएस का ये तरीका बहुत ही बेतुका है। कोई लोगों की दाढ़ी बना रहा है तो कोई उन्हें नहला रहा है तो कोई खाना भी पका रहा है। इन नेताओं के इस तरह के प्रचार का लोग जमकर मजाक उड़ा रहे हैं।
दरअसल, तेलंगाना में 7 दिसंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं और इस चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को घोषित किये जायेंगे। चुनाव पास है तो पार्टी के नेता पार्टी के प्रचार में व्यस्त हो गये हैं। तेलंगाना विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष टीआरएस के उम्मीदवार मधुसूदन चारी की भी एक ऐसी ही तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें वो हेयर कटिंग सैलून में घुसे और वहां एक ग्राहक की दाढ़ी बनाने लगे। दाढ़ी बनाते वक्त वो ये कहते हुए भी नजर आये कि “भइया मुझे वोट जरूर देना, मैं तुम्हारी सेवा कर रहा हूं।”
तो वहीं कोई कपड़े प्रेस करने की दुकान पर वोट मांगने पहुंच गया और वोट के लिए कपड़े तक प्रेस किये जा रहे हैं। टीआरएस के एक नेता श्रीनिवास गौड़ ने मजदूरों का हाथ बंटाया, सिलाई मशीन पर कपड़े सिले और पानी के घड़े लेकर जा रही महिलाओं की मदद तक करने लगे।
हद तो तब हो गयी जब टीआरएस के उम्मीदवार कोरम कनकइया चुनाव प्रचार के दौरान खुले में नहा रहे शख्स को बाल्टी से नहलाने लगे। इससे जुड़ा उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हो रहा है। यूजर्स तरह तरह के कमेंट्स कर रहे हैं। हालांकि, इस तरह के प्रचार में कांग्रेस के नेता भी पीछे नहीं है। एक कांग्रेस नेता की डोसा बनाते हुए तस्वीर भी सामने ये है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
मतदाताओं को लुभाने के लिए टीआरएस और कांग्रेस प्रत्याशियों के इन तरीकों से कई गंभीर सवाल उठते हैं। सवाल ये कि क्या टीआरएस के पास अपने कार्यों का लेखा जोखा कम पड़ गया जो अपनी पार्टी की उपलब्धियों को गिनने की बजाय दाढ़ी बना रहे हैं मतदाताओं को नहला रहे हैं। वास्तव में टीआरएस के पास अपनी सफल नीतियों और कार्यों का लेखा-जोखा जनता के समक्ष रखने के लिए कुछ भी नहीं है और सरकार के पांच साल पूरे होने के बाद वो मतदाताओं को लुभाने व मीडिया का ध्यान खींचने के लिए ये तरीके अपना रहे हैं। क्या इन पांच सालों में तेलंगाना में टीआरएस सरकार ने कुछ भी नहीं किया है जिसका ब्यौरा जनता के सामने रख सकें? ऐसे में सवाल तो ये भी उठता है कि जब आपकी सरकार ने बीते पांच सालों में राज्य में कोई विकास कार्य नहीं किया है तो इस बार विधानसभा चुनाव में आम जनता किस आधार पर उन्हें एक बार फिर से सत्ता में लाने के लिए वोट देगी? कांग्रेस और टीआरएस के हत्कंडे सफल नहीं होने वाले हैं। वैसे, ये कहना गलत भी नहीं होगा कि पांच सालों में भले ही टीआरएस ने कुछ न किया हो लेकिन अपने इस निम्नतम स्तर के पैंतरों से जनता का मनोरंजन जरुर कर रही है।