अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक बार फिर से सुर्खियों में है। नया विवाद तब सामने आया जब विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान लगे एक पोस्टर में भारत के मानचित्र में जम्मू-कश्मीर ही गायब था। इस पोस्टर में भारत के आधे-अधूरे मानचित्र को ‘भारत का नक्शा’ दर्शाया गया है। यही नहीं, नक्शे में अरुणाचल प्रदेश को भी भारत की बजाय चीन में दर्शाया गया है। इस मानचित्र के मीडिया में आने के बाद अब एएमयू प्रशासन सफाई देने में जुट गया है। विवाद के तूल पकड़ने के बाद एएमयू प्रशासन की ओर से कल्चरल एजुकेशन सेंटर की कोऑर्डिनेटर इंचार्ज व ड्रामा क्लब की अध्यक्ष डॉ विभा शर्मा व सीईसी में कार्यरत कर्मचारी अब्दुल हमीद को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। विश्वविद्यालय की ओर से दोनों को दो दिन में अपना पक्ष रजिस्ट्रार कार्यालय में रखने के लिए कहा गया है।
दरअसल, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में विख्यात लेखक असगर वजाहत के चर्चित नाटक ‘जिस लाहौर नई देख्या…’ का मंचन किया जाना था। इस नाटक का अमेरिका समेत कई देशों में पहले ही मंचन किया जा चुका है। लोगों ने इस नाटक की काफी सराहना भी की लेकिन पाकिस्तान में कट्टरपंथियों को ये नाटक रास नहीं आया और वहां इस नाटक पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। ऐसे में इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि कट्टरपंथियों ने इस नाटक को रोकने मात्र के लिए ऐसी देशविरोधी हरकत की है। हालांकि, हुआ भी वही, विवाद को देखते हुए इस नाटक का मंचन ही रोक दिया गया।
भारत के नक्शे में कश्मीर व अरुणाचल प्रदेश नहीं होने की जानकारी मिलने के बाद राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शिक्षा निगरानी समिति, भारत सरकार के सदस्य और भाजपा ब्रज क्षेत्र के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष डॉ. मानवेंद्र प्रताप सिंह ने एडीएम सिटी एवं एएमयू प्रॉक्टर से इस संबंध में बातचीत की। उनकी सूचना के बाद एएमयू प्रशासन हरकत में आया। एएमयू पीआरओ आफिस के मेंबर इंचार्ज प्रो. शाफे किदवई ने कहा कि, “नाटक में नक्शे का मतलब नहीं है। नक्शे में त्रुटि की सूचना मिलने के बाद पोस्टर को हटवा दिया गया है। हमने नाटक के मंचन को भी स्थगित कर दिया है।“
अब सवाल ये उठता है कि, ऐसी हरकतें या गलतियां एएमयू में ही क्यों होती हैं? बता दें, भारत के नक्शे से कश्मीर व अरुणाचल को अलग करने से पहले भी एएमयू में बहुत सी देशद्रोही गतिविधियां होती रही हैं। इससे पहले भी एएमयू के छात्रसंघ भवन में जिन्ना की तस्वीर लगी थी। इसके अलावा अभी हाल ही में एएमयू का एक छात्र आतंकी संगठन में शामिल हुआ था जिसे सुरक्षा बलों द्वारा मार गिराया गया था। ये छात्र रिसर्च स्कॉलर था। भविष्य में अच्छा करियर और संपन्न परिवार से होने के बावजूद उसने आतंक का रास्ता चुना। इस आतंकी की याद में भी एएमयू के कुछ छात्रों ने विश्वविद्यालय में ही शोकसभा आयोजित की थी। एएमयू छात्रों ने आतंकी की याद में नमाज भी अदा की थी। हालांकि, बाद में इन छात्रों को एएमयू प्रशासन ने सफाई देते हुए निलंबित कर दिया था। एएमयू प्रशासन इन गलतियों को जितनी सहजता से सफाई देकर खत्म करता है, ये उतनी सामान्य गलतियां नहीं हैं। ये एक के बाद एक गंभीर और देशद्रोह वाले मामले हैं। हालांकि, एएमयू प्रशासन हर बार मामले में सफाई देता है और अपना बचाव करता है। अगर वाकई विश्वविद्यालय प्रशासन को इन गतिविधियों की जानकारी नहीं होती है तो उन्हें अब गंभीरता से विचार करने की जरूरत है और विश्वविद्यालय के परिसर में ये गलतियां न दोहराई जायें इसके लिए सख्त कदम उठाये जाने चाहिए।