राजनीति में ऐसी कहावत है कि “दुश्मन का दुश्मन, दोस्त होता है”, ये बात इन दिनों पाकिस्तान में गए पंजाब की कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान पर बिल्कुल फिट बैठ रही है। दरअसल, जिस तरह से सिद्धू ने पाकिस्तान जाते ही वहां पर भारत की आंतरिक राजनैतिक मतभेद, आंतरिक राजनैतिक लड़ाई को जाहिर किया, इसे पाक ने भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ा। अब पाक ने भारत-पाक के बीच बन रहे कॉरीडोर का श्रेय सिद्दू के देकर कूटनीतिक चाल खेली है। जबकि दूसरी ओर सिद्धू ने जब बोलना शुरू किया तो यो देश के सबसे बड़े दुश्मन कहे जाने वाले पाक पीएम के तारीफों के पुल ही बांध बैठे।
#WATCH: Navjot Singh Sidhu recites poetry in praise of Pakistan PM Imran Khan at the ground-breaking ceremony of #KartarpurCorridor in Pakistan. pic.twitter.com/DJqXG8pa4j
— ANI (@ANI) November 28, 2018
दरअसल भारत और पाकिस्तान के बीच बने करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास समारोह में पाकिस्तान की तरफ से पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्दू को निमंत्रण मिला था। जिसमें पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह तो नहीं गए लेकिन सिद्धू तपाक से पाकिस्तान पहुंच गए। यही नहीं, सिद्धू पाकिस्तान जाकर पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद वाजवा से गले मिलने के साथ ही भारत सरकार पर हमला भी बोल दिया।
ऐसे में पाक में जैसे ही भारत के आंतरिक राजनैतिक स्थिति की पोल सिद्दू ने खोली, पाकिस्तान ने भी तुरंत अपनी कूटनीतिक चाल खेल दी। पाकिस्तान की मीडिया ने इस कॉरीडोर के बनने का श्रेय सिद्धू को दिया है। जो ये बताता है कि पाकिस्तान को सिद्धू का भारत विरोधी रुख काफी रास आ रहा है। जो “दुश्मन का दुश्मन, दोस्त होता है” वाली राजनैतिक कहावत पर खरी उतर रही है।
हालांकि हम ये नहीं कह रहे हैं कि सिद्धू भारत के दुश्मन है लेकिन इतना तो तय है कि पाक भारत का मित्र नहीं है और सिद्धू पाकिस्तान से गलबहियां करने गए हैं। ऐसा मालूम पड़ता है जैसे सिद्धू को पंजाब सरकार में कांग्रेस सरकार में मंत्रीपद मिलते ही वह खुद को राजनैतिक विशेषज्ञ समझ बैठे हैं। इसी भ्रम में वो अपने बड़बोलेपन की धुन में देश की राजनैतिक स्थिति की आपसी मनमुटाव को भी पाक की खूफिया एजेंसियों और मीडिया को देते जा रहे हैं। जिसका फायदा पाक सरकार और वहां की मीडिया ने उठते हुए राजनैतिक चल दिया।
पाक के न्यूज़ चैनल GEO NEWS के मुताबिक, “नवजोत सिंह सिद्धू जब पाकिस्तान आए थे तो उनकी और सेना प्रमुख कमर बाजवा की मुलाकात से करतारपुर कॉरिडोर की बातें आगे बढ़ीं। सिद्धू के कारण ही आज ये कॉरिडोर की नींव डाली जा रही है।“ चर्चा में बैठे एक्सपर्ट ने कहा कि भारत सरकार की ओर से जिन मंत्रियों को भेजा गया है, उनकी खुद नवजोत सिंह सिद्धू से अनबन चल रही है।“
सिद्धू द्वारा भारत के आंतरिक राजनैतिक स्थिति की पोल देने का ही नतीजा रहा कि अपनी रणनीतिक चाल के तहत पाक ने भारत की विदेशमंत्री सुषमा स्वराज और हरसिमरत कौर की खींचाई की। तो वहीं दूसरी तरफ मीडिया ने कॉरीडोर बनने का पूरा श्रेय सिद्धू को दिया। जबकि इस कॉरीडोर के बनने की पहल 20 साल पहले से ही की गई थी। उस समय सिद्धू राजनीति का ककहरा भी नहीं जानते थे।
पाक कहां अपनी नापाक हरकत से बाज आने वाला है और इस कार्यकर्म एक दौरान उसने ओछी हरकत कर ही दी। पाकिस्तान के करतारपुर में आयोजित इस समारोह में आतंकी सरगना हाफिज सईद का करीबी सहयोगी और खालिस्तान समर्थक गोपाल चावला भी मौजूद था। यही नहीं समारोह के दौरान वो पाक सेना प्रमुख बाजवा के साथ हाथ मिलाता हुआ भी नजर आया। ऐसा लगता है कि कहीं न कहीं सिद्धू पाकिस्तान में जो कर रहे हैं वो अप्रत्यक्ष रुप से ही सही लेकिन भारत के पक्ष में नहीं है।