पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर का बेसुरा राग अलापा है। करतारपुर कॉरीडोर के शिलान्यास के समय पाकिस्तानी पीएम ने कश्मीर की बात कर एक बार फिर अपना चेहरा बेनकाब कर दिया। पाक पीएम इमरान खान ने कहा, ”मैं आज कह रहा हूं कि, हमारे नेता, सेना और अन्य सभी संस्थान एकमत हैं। हम आगे बढ़ना चाहते हैं, हम एक शिष्ट संबंध चाहते हैं। हमारे सामने सिर्फ एक समस्या है, कश्मीर। अगर आदमी चंद्रमा पर चल सकता है तो कौन सी समस्या है, जिसका हम हल नहीं कर सकते।” इमरान के इस बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भारत ने कहा है कि, करतारपुर कॉरीडोर के शिलान्यास जैसे शुभ अवसर पर पाकिस्तान को ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए। विदेश मंत्रालय ने कहा, “पाकिस्तान को यह याद रखना चाहिए कि उस पर किसी भी तरह के सीमा पार आतंकवाद को रोकने और उसके खिलाफ कार्रवाई करने की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता है। पाकिस्तान अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी निभाए।” पाकिस्तान की इस हरकतों के चलते इस बार पीएम मोदी सार्क सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। बता दें कि, इससे पहले 2016 में भी मोदी ने पाक की घटिया हरकतों के चलते सार्क सम्मेलन में जाने से मना कर दिया था।
इसके साथ ही पाकिस्तान द्वारा सीमा पार से आतंकी हरकतों को देखते हुए भारत ने एक बार फिर से सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने से मना कर दिया है। भारत का साफ कहना है कि, आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं हो सकते हैं। बता दें कि, साल 2016 वाले सार्क सम्मेलन में भी भारत ने आतंकवाद को लेकर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया था। दरअसल उस बार भी पाकिस्तान ने उड़ी में हमला करवाया था। भारत के कदम पीछे खींच लेने के बाद सार्क के कई अन्य सदस्य देशों ने भी सम्मेलन में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद 2016 का सार्क सम्मेलन ही रद्द हो गया था। इस बार भी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि, पाकिस्तान के बुलावे पर हम सार्क में कतई हिस्सा नहीं लेंगे। अर्थात 2016 की तरह ही इस बार भी प्रधानमंत्री मोदी सार्क सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे।
बता दें, देश ने अभी-अभी पाकिस्तान द्वारा दिए गए 26/11 के जख़्म की बरसी मनाई है। वहीं दूसरी ओर अमृतसर ब्लास्ट में पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी के हाथ की पुष्टि भी हुई है। जिसे लेकर देशवासियों में पाकिस्तान के प्रति गुस्सा भरा है लेकिन पंजाब में कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को इन सारी बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता है। वो अपनी राजनीति चमकाने के चक्कर में पाकिस्तान में धूल फांक रहे हैं। वो पाक पीएम की तारीफों के पुल भी बांध रहे हैं। पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से गले मिलने के बाद अब तो सिद्दू ने भारत में 26/11 के मास्टर माइंड के करीबी और खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला के साथ फोटो भी खिंचवाई है। यही नहीं, सिद्दू पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की तारीफ में शायरियों का तड़का भी लगा रहे हैं। सिद्धू की तारीफ से गदगद होकर इमरान ने भी करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास समारोह में कह दिया कि, अगर सिद्दू हमारे यहां से चुनाव लड़ जाएं तो वह जीत जाएंगे। इन सभी गतिविधियों के बीच पाकिस्तानी पीएम और पाक मीडिया ने भी सिद्धू को अपना मोहरा बनाकर खूब खेला। पाक पीएम ने सिद्दू के सामने कश्मीर का राग अलापा लेकिन सिद्धू यह नहीं कह सके कि यह मौका कश्मीर राग अलापने का नहीं है। यहां तक कि सिद्धू ने पाकिस्तान में जाकर भारत के रक्षा सौदे का भी जिक्र कर दिया। राफेल की बात कर उन्होंने देश के आंतरिक राजनैतिक मतभेद पर भी दुश्मन देश में जाहिर कर दिए। वो भी ऐसे मंच पर जहां पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, खालीस्तान समर्थक और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जैसे लोग मौजूद हों, जो हमेशा भारत को बर्बाद करने की साजिश रचते रहते हों।
ऐसे में सवाल यह है कि क्या कांग्रेस सिद्धू की इन दुश्मन देश समर्थित गतिविधियों को देखते हुए उन पर कार्रवाई करेगी या इससे आंख मूंदकर मौन स्वीकृति ही देती रहेगी। कांग्रेस कुछ करे या ना करे लेकिन देश के पीएम मोदी ने तो पाक के बुलावे पर सार्क में नहीं जाने का ऐलान कर पाकिस्तान को अच्छा जवाब दिया है।