कर्नाटक में कर्जमाफी के लिए अब तक तरस रहे किसान और कांग्रेस ने राजस्थान में कर दिया कर्जमाफी का वादा

राजस्थान कांग्रेस घोषणापत्र

PC: ANI

मध्यप्रदेश में राहुल गांधी द्वारा हर चुनावी रैली में किसानों से कर्जमाफी का वादा करने के बाद अब राजस्थान के चुनावी घोषणापत्र में भी कांग्रेस ने किसानों का कर्ज माफ करने का दांव खेला है। कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को जारी किए अपने इस चुनावी घोषणापत्र का नाम ‘एक ही संकल्प, कांग्रेस ही विकल्प’ दिया है। जबकि बीजेपी ने इस घोषणापत्र को फरेब से भरा ‘नकलपत्र’ बताया है।

देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी की घोषणा है कि, सत्ता में आने के 10 दिन के भीतर कांग्रेस पार्टी किसानों का कर्ज माफ कर देगी। यह पार्टी इस वादे से हर बार किसानों को लुभाती आ रही है। हाल ही में हुए लगभग सभी विधानसभा चुनावों में इस पार्टी ने घोषणापत्र में किसानों का कर्ज माफ करने की बात कही है। यहां सवाल यह है कि, देश की सबसे पुरानी पार्टी का यह वादा बाकी राज्यों कि तरह राजस्थान में भी सिर्फ जुमला ही बनकर तो नहीं रह जाएगा। कर्नाटक की ही बात करें तो, यहां कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आते ही 10 दिनों के भीतर किसानों की कर्जमाफी की बता कही थी लेकिन अब वही कांग्रेस पार्टी की सरकार यहां किसानों को कर्ज नहीं चुकता करने के कारण नोटिस और जेल भेजने के वारंट भेज रही है।

कर्नाटक के किसान आज तक भी देश की सबसे पुरानी पार्टी के इस वादे के पूरा होने की बाट जो रहे हैं। गौरतलब है कि, कर्नाटक विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस द्वारा कर्जमाफी की बात कही गयी थी लेकिन इस राज्य में कांग्रेस के इस वादे की पोल खुल गई है। कर्नाटक चुनाव में हार को करीब देखते हुए कांग्रेस ने कर्जमाफी का ऐलान कर तो दिया था लेकिन अब वह अपने वादे से मुकरती दिख रही है। दरअसल, किसानों द्वारा काफी दबाव बनाने के बाद कांग्रेस ने कर्नाटक में कर्ज माफ़ की घोषणा कर तो दी पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है। यहाँ किसानों को जितना फायदा मिलना चाहिए था, उतना फायदा नहीं मिला। यहां नवंबर में यह योजना पूरी तरह से लागू नहीं की गयी थी। जिसकी वजह से जिन किसानों ने अपना कर्ज नहीं चुकाया था उन्हें गिरफ्तार के वारंट भी भेजे गए थे। जिसे लेकर कांग्रेस की काफी किरकिरी हो रही है। सवाल यह है कि, कहीं राजस्थान में भी कांग्रेस पार्टी घोषणापत्र में तो वाद कर दे लेकिन बाद में किसानों के साथ कर्नाटक जैसा ही बर्ताव न कर दे।

पीएम ने भी कसा है तंज

कांग्रेस पार्टी के इस वादे पर पीएम मोदी ने भी तंज कसा है। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव प्रचार के सिलसिले में आदिवासी बहुल झाबुआ में आमसभा को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, “कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक में वोट तो ले लिये, सरकार भी बना ली लेकिन ब्याज माफ करने की और कर्ज माफ करने की बात तो छोड़ो, किसानों को जेल भेजने का वारंट निकाल रहे हैं। वारंट यह कि, आपने पैसा जमा नहीं कराया तो जेल जाने की तैयारी करो। अब किसान अपना घर छोड़-छोड़ कर भागे घूम रहे हैं और आज कर्नाटक में किसान आंदोलन चल रहा है। किसानों की मांग पर वहां के मुख्यमंत्री कहते हैं कि आपको यहां किसने बुलाया। ये तो गुंडे लोग हैं। यह इस कांग्रेस पार्टी का चरित्र देखिये। अभी चार माह पहले वोट बटोर लिये थे। आज उन्हीं किसानों को गुंडे कहकर जेलों में बंद करने की दिशा में काम कर रहे हैं।”

2008 के चुनावों में कांग्रेस ने किया था कर्जमाफी घोटाला- मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान कर्जमाफी के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी को आढ़े आथों लिया था। उन्होंने कहा कि, “ऐसा ही एक ड्रामा कांग्रेस पार्टी ने 2008 में किया था। 2009 के चुनावों में गाजे बाजे के साथ ढोल पीटा गया था, किसानों का कर्ज माफ करेगें। 6,000 अरब रुपये का कर्ज था देश के किसानों पर। उन्होंने कर्जमाफी के नाम पर चुनाव में वोट तो ले लिये लेकिन 6,000 अरब रुपये के सामने 60 हजार करोड़ का कर्ज भी माफ नहीं किया। यह बात बाहर नहीं आई क्योंकि 2009 में वह चुनाव जीत गये थे। मोदी ने कहा कि, कैग की रिपोर्ट में 40 लाख ऐसे नकली लोग निकले जिनका कर्जमाफी का कारण ही नहीं बनता था, लेकिन उनके यार दोस्तों ने खाते में रुपये डाल कर लूट मचाई। बाद में कैग ने इसे पकड़ लिया। मोदी ने बताया कि, जब सभी बातें पकड़ में आयीं तो इस पार्टी का एक नया खेल सामने आया जिसमें करीब सवा करोड़ लोगों को सर्टिफिकेट ही नहीं दिया था कि, आपका कर्ज माफ हो गया है। इसका परिणाम यह हुआ कि इन किसानों को जिंदगी भर के लिए कर्ज लेने से मनाही हो गई और उनकी जिंदगी तबाह हो गई।

कर्जमाफी को लेकर किसानों से झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा, कि कांग्रेस पार्टी के ये झूठे वादे और तरीके हैं। यह देशद्रोह, किसान द्रोह है। ऐसे में राजस्थान में कर्जमाफी का लालच देकर कांग्रेस पार्टी एक बार फिर से किसानों को बेवकूफ बनाने की फिराक में है। अब देखने वाली बात यह होगी कि, क्या राजस्थान के किसान कांग्रेस पार्टी के इस जाल में फंसते हैं या इतिहास से सबक लेकर उसकी नीयत भांप लेते हैं।

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