TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    Wajahat Khan Sharmistha Panoli

    अंडरग्राउंड हुआ शर्मिष्ठा पर केस करने वाला वजाहत खान, करता था देवी-देवताओं का अपमान

    bjp controversies and scandals in Madhya Pradesh

    हाईवे पर धाकड़, मंदिर में गुंडई : बेलगाम मध्य प्रदेश भाजपा नेताओं की फुल टाइम कंट्रोवर्सी

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    आधुनिक सैन्य प्रणालियों का निरीक्षण करते हुए सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी

    ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार इस्तेमाल होने वाले ‘मेड इन इंडिया’ लूटरिंग म्यूनिशन्स का सेनाध्यक्ष ने किया मुआयना

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गौरव कुंडी से मारपीट करती पुलिस (बाएं) अमृतपाल कौर के साथ गौरव कुंडी (दाएं) [PHOTO- 9News]

    ऑस्ट्रेलिया में नस्लभेदी बर्बरता? पुलिस ने भारतीय मूल के शख्स को मार-मारकर पहुंचाया ICU

    कराची जेल से फरार हुए कैदी

    पाकिस्तान में जेल तोड़कर फरार हुए 200 से ज़्यादा कैदी, शहरों में डर का माहौल; जानें कैसे भूकंप बना वजह?

    एलन मस्क के पिता एरोल मस्क

    ‘पूरी दुनिया शिव का अनुसरण करे तो…’: एलन मस्क के पिता एरोल मस्क ने हिंदू धर्म पर क्या कहा?

    बांग्लादेश की नई करेंसी

    बांग्लादेश में बदले सियासी संकेत – नए नोटों से ‘राष्ट्रपिता’ मुजीब गायब, मंदिरों और सांस्कृतिक प्रतीकों ने ली जगह

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    Wajahat Khan Sharmistha Panoli

    अंडरग्राउंड हुआ शर्मिष्ठा पर केस करने वाला वजाहत खान, करता था देवी-देवताओं का अपमान

    bjp controversies and scandals in Madhya Pradesh

    हाईवे पर धाकड़, मंदिर में गुंडई : बेलगाम मध्य प्रदेश भाजपा नेताओं की फुल टाइम कंट्रोवर्सी

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    आधुनिक सैन्य प्रणालियों का निरीक्षण करते हुए सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी

    ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार इस्तेमाल होने वाले ‘मेड इन इंडिया’ लूटरिंग म्यूनिशन्स का सेनाध्यक्ष ने किया मुआयना

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गौरव कुंडी से मारपीट करती पुलिस (बाएं) अमृतपाल कौर के साथ गौरव कुंडी (दाएं) [PHOTO- 9News]

    ऑस्ट्रेलिया में नस्लभेदी बर्बरता? पुलिस ने भारतीय मूल के शख्स को मार-मारकर पहुंचाया ICU

    कराची जेल से फरार हुए कैदी

    पाकिस्तान में जेल तोड़कर फरार हुए 200 से ज़्यादा कैदी, शहरों में डर का माहौल; जानें कैसे भूकंप बना वजह?

    एलन मस्क के पिता एरोल मस्क

    ‘पूरी दुनिया शिव का अनुसरण करे तो…’: एलन मस्क के पिता एरोल मस्क ने हिंदू धर्म पर क्या कहा?

    बांग्लादेश की नई करेंसी

    बांग्लादेश में बदले सियासी संकेत – नए नोटों से ‘राष्ट्रपिता’ मुजीब गायब, मंदिरों और सांस्कृतिक प्रतीकों ने ली जगह

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

कभी ना भूलने वाले वो तीन दिन : आज भी मन सिहर जाता है 84 के हत्या कांड के मंजर को याद करके

Chitra Awasthi द्वारा Chitra Awasthi
15 November 2018
in मत
सिख कानपूर

PC: bhaskar.com

Share on FacebookShare on X

हमारे देश में दंगे फसाद होना कोई नयी बात अन्हीं है। आज़ादी के पहले और आज़ादी के बाद भी भारत बहुत से दंगों का गवाह रहा है लेकिन एक ऐसा दंगा भी है जहां रक्षक ही भक्षक बन जाए तो ऐसे दंगे को क्या कहेंगे? सच तो ये है की उसको दंगा कहना भी गलत ही होगा वास्तव में वो तो एक हत्याकांड था। एक सोची समझी साजिश थी। उस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर काफी कुछ लिखा गया, न जाने कितनी जांच हुई है, न जाने कितने आरोप प्रत्यारोप लगे, सच्चे झूठे आंकड़े पेश किये गए. खैर मेरा काम उन सब की व्याख्या करना नहीं है। मैं तो केवल उतने ही बात करूंगी जो मैंने खुद देखा और जाना है। आज हम एक छोटे से शहर की किशोर लड़की की नज़र से उन दुर्भाग्यपूर्ण दिनों को देखेंगे। बड़े दुःख और शर्म से कहना पड़ रहा है कि दिल्ली के बाद जहां सबसे बड़े पैमाने पर दंगे हुए थे वह मेरा शहर कानपुर ही था। खैर, उस समय तो मुझे ये भी नहीं पता था। 1984 में संचार के इतने साधन नहीं थे की किसी घटना की खबर तुरंत हमारे घरों के तक पहुंचे। पहले जनता तक किसी खबर को जल्दी से पहुंचाने के दो ही तरीके होते थे,  या तो कि कोई प्रत्यक्षदर्शी फ़ोन करके बताये या अखबार के दफ्तर जहां टेलीप्रिंटर खटखट करता ही रहता था। मेरे पिता लेखक और पत्रकार थे इसलिए ख़बरों तक हमारी पहुंच कुछ जल्दी ही हो जाती थी। एक और बात ये कि तब वहाट्सएप और फेसबुक नहीं होते थे फिर भी अफवाहों का बाजार गर्म होने में देर नहीं लगती थी।

31 अक्टूबर, 84 बुधवार का दिन था। हम 10 बजे स्कूल के लिए निकले ही थे। दैनिक जागरण के दफ्तर से हमारे घर फ़ोन आया कि प्रधानमंत्री निवास पर गोली चल गयी, कुछ देर में दूसरी खबर आई, शायद प्रधानमंत्री को भी लगी है। फिर खबर आई की प्रधानमंत्री पर हमला सिख आतंकवादियों ने किया है। दोपहर तक कुछ ख़ास पता नहीं चला। दूरदर्शन के शाम के बुलेटिन में ह्त्या की खबर आने के साथ ही अफवाहों पर विराम लग गया लेकिन ये तूफ़ान आने से पहले की शांति थी।

संबंधितपोस्ट

आतंकियों की मौत के बाद तिलमिलाया पाकिस्तान, बौखलाहट में गुरुद्वारे पर किया हमला; पुंछ में 11 नागरिकों की हुई मौत

सिख बाप-बेटे को ज़िंदा जलाया था, कांग्रेस नेता सज्जन कुमार दोषी करार: 18 फरवरी को सुनाई जाएगी सज़ा

नाम जपो, कीरत करो, वंड छको… समाज सुधार के लिए गुरु नानक ने किए कई कार्य, दिल्ली से काबा तक उनकी कहानियाँ

और लोड करें

कुछ ही देर में ख़बरें आने लगीं कि शहर में दंगे हो रहे हैं। कोई कहता कि आज रात सिख घात लगा कर हमला करेंगे कोई कहता हमारे घर के पास के सिख बहुल इलाके गोविंदनगर में सिखों को मारा जा रहा है। हमारे पड़ोसी सेठी अंकल जो कि केशधारी सिख थे, अपने घर पर ताला लगा कर गायब हो गए। फिर फ़ोन आया पिताजी के एक नेता किस्म के परिचित का जिन्होंने कहा, “दादा ,इन सरदारों ने बड़ा आतंकवाद फैला रखा है आज इनको छोड़ना नहीं है।“ बेचारे पिताजी पूछते ही रह गए कि कानपूर में कहां आतंकवाद है और किसको तुम नहीं छोड़ोगे। हमारे परिचय के ज्यादा सिख नहीं थे जिनका घर में आना जाना हो। मैं ज्यादा चिंतित नहीं थी क्योंकि वो एक पड़ोस के सेठी अंकल ही तो थे वो भी समय रहते ही सुरक्षित जगह चले गए। मुझे नहीं पाता था की उस दिन शहर में कोई जगह ऐसी नहीं थी जहां सेठी अंकल सुरक्षित हों। जैसी भयानक घटनाओं की खबर मिल रही थी उनको आज मैं दोहराना भी नहीं चाहूंगी। दूसरी तरफ कॉलोनी पर हमले का भी डर था। क्या सच है और क्या झूठ समझना बड़ा मुश्किल था।

लगभग 12 घंटे से ज्यादा इसी डर और चिंता में बीते कि कहीं कोई हमारे घरों पर हमला ना कर दें।  तब तक सबक सिखाने की घटनाएं इक्का दुक्का सामने आने लगी थीं। शाम से कॉलोनी में हलचल थी कि आज रात सिख आतंकवादी घात लगा कर कॉलोनी में हमला कर सकते हैं, जिसके पास जो हथियार हो ले कर तैयार रहे। मेरे पिताजी गांधीजी के सच्चे और कट्टर भक्त थे, घर में हथियार के नाम पर केवल दो फुट की एल्युमीनियम की पुरानी परदे टांगने वाली रॉड थी। कॉलोनी के पश्चिम की तरफ खटिकों और नटों बस्ती थी, उनके मुखिया घर आ कर आश्वासन दे गए, “पंडित जी घबड़ायौ ना, तुम्हरे घर तक पहुंचे से पहिले उनका हमार लास पार करैं का पड़ी“, लेकिन पिताजी  अपनी गांधीवादी सोच के अनुरूप ही ना तो उनको अपने घर के बाहर रहने देने को तैयार हुए ना ही घर में कोई हथियार रखने को तैयार हुए। कोई भी समझ सकता है कि हमारा किशोर मन जो इतना परिपक्व था कि सब कुछ समझता था लेकिन पिताजी की तरह इतना भी परिपक्व नहीं था कि उस विषम परिस्थिति में भी संतुलन बनाये रखे ।

शायद इतना सदमा बहुत नहीं था। दो नवम्बर की दोपहर को वो हुआ जिसकी हमने हमने जीवन में कभी कल्पना नहीं की थी  और ना ही कभी देखना चाहेंगे। ऐसा दृश्य जिसे यद् करके आज भी मन सिहर जाता है। हमारे घर से करीब 500 मीटर की दूरी पर एक बहुत बड़ी और मज़बूत कोठी थी। सुनते थे कोई पेट्रोल पंप के मालिक सिख थे जिनकी वो कोठी थी। पहली नवम्बर को इलाके का थानेदार उनको सचेत भी करने गया था। लेकिन जो लोग उत्तर प्रदेश से परिचित हैं वो जानते होंगे कि उस तरफ पेट्रोल पंप दबंगों का बिजनेस है। उनके पास कुछ हथियार भी थे। वो निश्चिन्त हो कर अपने मज़बूत घर में सुरक्षित बैठे थे। अचानक सुनने में आया किसी विधायक (शायद कानपूर देहात से कांग्रेस के विधायक और तत्कालीन मुख्यमंत्री एन डी तिवारी के मुंह लगे ) का बेटा राघवेंद्र प्रताप अपने कुछ लोगों को लेकर उस घर पर हमला करने आ रहा है। हो सकता है मैं नाम याद करने में गलती भी कर रही हूँ। हम भाई बहन झटपट छत पर चढ़ गए देखने के लिए। हमारे घर पर एक पुरानी जापानी दूरबीन भी थी। बारी बारी से उसका भरपूर उपयोग हम कर रहे थे। देखा लगभग पचास लोगों की भीड़ ने उस घर को घेर लिया था और शायद उनसे बाहर आने को कह रहे थे । उस घर के लोग छत पर आ गए और गोली चलाने लगे। गोलियां चलने से भीड़ पगला गयी और नीचे से पत्थर, गुम्मे और इक्का दुक्का गोलियां चलीं। वो लोग भी शायद भीड़ की तादाद और उन्माद देख कर डर गए और अंदर चले गए। प्रभावशाली व्यक्ति तो थे ही, उन्होंने इधर उधर पुलिस और नेताओं को फ़ोन लगाने की कोशिश भी की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुयी। बाद में शायद भीड़ ने फ़ोन के तार भी काट दिए। अचानक भीड़ ने नया पैतरा सोचा। न जाने कहां से बांस और लकड़ी के लट्ठे लाने शुरू कर दिए। और मकान के चारो तरफ चिता जैसी चुननी शुरू करदी। कुछ ही देर लकड़ी और बांस धूधू करके जलने लगे। घर के अंदर के लोग घबरा गए। उसके बाद मैंने जो देखा वह अगर ना ही देखा होता तो अच्छा होता। एक एक कर उस घर के लोग जलते हुए घर से बाहर कूदने लगे।बाहर  जलती हुयी लकडियां और उन्मादी भीड़ उनका इंतज़ार कर रही थी। सुनने में आया उस दिन उस घर का कोई भी बाशिंदा ज़िंदा नहीं बचा था। अब समझ में आता है कि आतंकवादी हमले की अफवाह भी जानबूझ कर फैलाई गयी थी जिस से लोग अपने घरों में ही बंद रहें। इसी वजह से जब इस कांड की जांच हुई तो जनता में से शायद ही कोई गवाह मिला  था।

मैं बहुत दिनों तक सोचती रहती थी कि वो कौन होंगे जिनके साथ ऐसा बुरा हुआ, उनके परिवार जन क्या सोचते और अनुभव करते होंगे। लेकिन उस से भी बड़ा सवाल जो मेरी नींद उड़ा देता था वो अभी कुछ दिन तक अनुत्तरित ही था। मैं सोचती थी कि उस भीड़ में शामिल लोग कौन थे, उनकी उस परिवार से क्या दुश्मनी थी, उनको ऐसा करके क्या मिला,  क्या उनका भी मेरे जैसा ही परिवार होगा? फिर समझ में आया भीड़ का मनोविज्ञान अलग होता है लेकिन तब एक उस से भी बड़ा सवाल उठता है कि उस भीड़ को उन्माद तक पहुंचाने वाले कौन थे और उन्हें क्या करना है उसे बताने वाला कौन था?

अब मुझे लगता है कि शायद टुकड़े-टुकड़े गैंग उस समय भी सक्रिय था। जिस तरह से सिख आतंकवाद के माध्यम से हिंदुओं और सिखों के बीच एक न भरने वाली खाई खोदने की कोशिश हुई थी उसी का अगला कदम ये प्रायोजित घटनाक्रम था जिसे हिन्दू सिख दंगों का नाम देने की कोशिश थी। इसको दंगा तो कहना भी गलत होगा ये तो एक सुनियोजित नृशंस हत्याकांड था जिसके कर्ता – धर्ता किसी भी तरह से क्षमा के पात्र नहीं हैं।

Tags: कानपूरसिख
शेयर134ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

कठुआ गैंगरेप: पीड़ित परिवार ने वकील दीपिका सिंह राजावत को केस से हटाया

अगली पोस्ट

कमलनाथ का वायरल वीडियो तो है सिर्फ बानगी, चुनाव आते ही कांग्रेस शुरु कर देती है तुष्टिकरण की घटिया राजनीति

संबंधित पोस्ट

Veer Savarkar Congress And Indira Gandhi
चर्चित

इंदिरा गांधी ने किया था सम्मान लेकिन वीर सावरकर से क्यों चिढ़ती है कांग्रेस?

28 May 2025

विनायक दामोदर सावरकर जिन्हें 'स्वातंत्र्यवीर' के रूप में जाना जाता है। वो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रांतिकारी थे। उनकी भूमिका और विचारधारा आज...

पाकिस्तान से खाड़ी देशों पर मंडराता तात्कालिक ख़तरा
मत

पाकिस्तान से खाड़ी देशों पर मंडराता तात्कालिक ख़तरा

14 May 2025

जैसे-जैसे खाड़ी देश आधुनिक बन रहे हैं और पाकिस्तान को पैसा देना बंद कर रहे हैं, इस्लामाबाद उन्हें “सच्चे इस्लाम” से भटकता हुआ मानता है।...

भारतीय सेना ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है
मत

ऑपरेशन सिंदूर: झूठे नैरेटिव के शोर में सेना के पराक्रम की गूंज न दबने दें

14 May 2025

भारत-पाकिस्तान के बीच सैनिक संघर्ष रुकने पर हम देश की प्रतिक्रिया देखें तो बड़ा वर्ग, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मोदी सरकार और भाजपा के समर्थक...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Pakistan needs money from IMF to feed their people

Pakistan needs money from IMF to feed their people

00:15:20

Vacate PoK and more: Steps Pakistan needs to take to avoid Indian military action

00:06:36

Taking The Wire’s Propaganda Piece on VP to the Cleaners – Feat. Prof. Kapil Kumar

00:09:19

Rahul Gandhi Undermines India’s Electoral Integrity as Trump Applauds It

00:07:09

Why Pakistan army chief reminds two nation theory| what is the plan| Waqf Bill |Asim Munir| Jinnah

00:13:02
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited