अपनी हरकतों से सिद्धू एक बार फिर से विवादों में घिर गये हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अब सिद्धू को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किए जाने की वकालत की है। दरअसल, पाकिस्तान में जाकर सिद्धू ने गोपाल चावला के साथ फोटो क्लिक करवाई थी । इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम था कि गोपाल चावला कौन है।
बता दें कि इससे पहले भी पाकिस्तान में जाकर सिद्धू ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद वाजवा के साथ फोटो खिंचवाया था। उस समय भी सिद्धू देशवासियों के निशाने पर आ गए थे। उस बार भी सिद्धू ने यही घिसा पिटा बहाना बनाया था कि हमें नहीं मालूम थी कि वाजवा कौन है। जबकि इस बार खालिस्तानी समर्थक गोपाल चावला के साथ फोटो खिंचवाने पर भी वही घिसा-पिटा झूठ बोल रहे हैं। मात्र अपनी राजनीति चमकाने के भ्रम में नवजोत सिंह सिद्धू देश विरोधी गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं। देश के दुश्मनों के साथ फोटो खिंचवा रहे हैं।
इसलिए इसमें कोई दो राय नहीं है कि सिद्धू जिस तरह की हरकतें कर रहे हैं, उसके अनुसार उनपर कानूनी कार्रवाई बनती है। यही बात भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कही है। उनका कहना है कि इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा की जानी चाहिए और उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
इन सबके बावजूद कांग्रेस नवजोत सिंह सिद्धू के बचाव में है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद खुलकर नवजोत सिंह सिद्धू के पक्ष में बोल रहे हैं।
बता दें कि गोपाल चावला खालिस्तानी समर्थक है। वह 26/11 हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद का करीबी है। वह पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी आईएसआई का भी करीबी है। ऐसे में सिद्धू के ऊपर कार्रवाई होना गलत नहीं है। इससे पहले क्रिकेटर से नेता बने और पंजाब की कांग्रेस सरकार में मंत्री सिद्धू पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की बात को अनसुनी करके पाकिस्तान पहुंच गए। जिसके कारण पंजाब कांग्रेस भी दो हिस्सों में बंटी नजर आ रही है। पाकिस्तान जाकर सिद्धू देश की भीतरी राजनीति पर भी बोलने लगे।
इससे पहले पकिस्तान में करतारपुर कॉरीडोर के शिलान्यास में पाकिस्तान ने भारत सरकार और पंजाब सरकार को निमंत्रण भेजा था। जिसमें भारत सरकार की ओर से हरसिमरत कौर बादल को भेजा गया था। दूसरी ओर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। उन्होंने सिद्धू से भी पाकिस्तान न जाने के लिए कहा था लेकिन फिर भी सिद्धू पाकिस्तान चले गये। सिद्धू न सिर्फ वहां गये बल्कि वहां जाकर देशविरोधियों के साथ गलबहिंया की। उनके साथ फोटो खिंचवाए।
अब देखना ये दिलचस्प होगा कि सिद्धू पर क्या कार्रवाई होती है। क्या सिद्धू पर एनएसए के तहत कार्रवाई हो पाएगी। क्या कांग्रेस सिद्धू को पार्टी से निकालेगी या उनकी हरकतों से मुंह मोड़ लेगी। या फिर उनकी बातों का समर्थन करेगी। ध्यान रहे कि अब जबकि आम चुनाव नजदीक है तो ऐसे में ये बात दूसरी ओर भी इशारा करती है कि कहीं सिद्धू कांग्रेस के इशारे पर तो बार-बार पाकिस्तान नहीं जा रहे हैं। कहीं सिद्धू का बार-बार पाकिस्तान जाने का कनेक्शन चुनाव से तो नहीं हैं।