उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को विकास और धर्म के रास्ते ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। वो लगातार एक के बाद एक नए निर्णय ले रहे हैं। वो जहां भी जा रहे हैं, वहां की जनता के दुख दर्द को बांटते हुए नए सौगात दे रहे हैं। इस बार योगी आदित्यनाथ वेस्ट यूपी के गढ़मुक्तेश्वर पहुंचे हैं और बड़ी घोषणा की। यहां कार्तिक पूर्णिमा मेला चल रहा है।
कार्तिक पूर्णिमा मेले में गढ़मुक्तेश्वर पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि, इस क्षेत्र को नए तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा। गढ़मुक्तेश्वर पहुंचे सीएम ने गुरुवार को बीस करोड़ रुपए की लागत से चार परियोजनाओं को शुरू करने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने अतिथिगृह, मनोरंजन पार्क, लेज़र साउंड एंड लाइट शो और श्रद्धालुओं के विश्राम के लिए एक शेड का निर्माण करने की परियोजनाओं की शुरुआत की। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे ये जगह तीर्थस्थल के तौर पर विकसित होगी। राज्य के मुख्यमंत्री गुरुवार दोपहर को गढ़ गंगा मेले में पहुंचे। यहां पहुंचकर उन्होंने सबसे पहले पूजा और गंगा आरती की। इसके बाद जिले के विकास कार्यों की पुस्तिका का विमोचन किया। विमोचन के बाद मुख्यमंत्री ने करोड़ों रुपए की विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया।
सीएम योगी ने कहा कि “राज्य सरकार और केंद्र सरकार साथ मिलकर इस मेले को एक नए तीर्थ के रूप में विकसित करने के लिए कदम उठा रही हैं। इसके लिए हम एक योजना बनाकर इस क्षेत्र का समग्र भौतिक विकास करवाने की दिशा में काम कर रहे हैं।“ योगी ने आगे कहा, “इस मेले का इतिहास 5000 साल पुराना है और इस परंपरा को और मजबूत करना है।“ यही नहीं मुख्यमंत्री ने गंगा के ऊपर पुल बनवाने की भी घोषणा की और कहा कि इस पुल के बन जाने से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को गंगा पूजा में काफी आसानी होगी।
बताते चलें, ये पहली बार है जब कोई मुख्यमंत्री गढ़मुक्तेश्वर धार्मिक नगरी के मेले में पहुंचा है और जमीनी स्तर पर स्थिति का जायजा लिया है। इससे पहले हिंदुओं की ये धार्मिक नगरी हमेशा उपेक्षा का शिकार होती आ रही थी। इससे पहले समाजवादी सरकार में अखिलेश के कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने धार्मिक नगरी की गरिमा वापस दिलाने का वादा किया था लेकिन कोई कदम नहीं उठाये। वो वादा सिर्फ वादा ही रह गया। हालांकि, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ न सिर्फ यहां आये बल्कि इस क्षेत्र के विकास के लिए उन्हें कई सौगात भी दी। इसके अलावा उन्होंने इस इलाके की चीनी मिलों के के दर्द को भी समझा और कहा, ‘हम समझते हैं कि नए सत्र में हम दो नई चीनी मिलें चालू करने की स्थिति में होंगे जहां पहले से 119 मिलें चल रही हैं। राज्य सरकार ने गन्ना किसानों को मिलने वाले बचे हुए मुआवज़े के लिए 6,000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है और हमने प्रशासन को 30 नवंबर तक हर हाल में मुआवज़ा देने के निर्देश दे दिए हैं।’
बता दें इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुबे के सड़क, सुरक्षा, तकनीकी, शैक्षिक व अन्य क्षेत्रों में विकास के अलावा सामाजिक, धार्मिक उत्थान के लिए भी एक के बाद बेबाक निर्णय लिये हैं। 2019 में होने वाले कुंभ मेले के लिए योगी आदित्यनाथ ने 1500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसके अलावा इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करते हुए उसे उसकी सनातनी पहचान वापस दिलाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या की दीपावली और ब्रज की होली के आयोजन को भी ध्यान रखा। उन्होंने इसके लिए भी 10 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस कदम की एक ओर जहां आम नागरिकों में तारीफ हो रही है तो वहीं दूसरी ओर विपक्षी खेमे में खलबली है। विपक्षी पार्टियां अपने शासन में सुबे के जिन क्षेत्रों के साथ सौतेला व्यवहार किया था, योगी उन क्षेत्रों को भी साथ लेकर चल रहे हैं। इससे सुबे में बदहाली से गुजर रहे कई क्षेत्रों की जनता के मन में जो निराशा थी, वो अब आशा में बदल रही है।