इन दिनों पत्रकारों के साथ राजनेता किस तरह का व्यवहार करते हैं इसका एक और उदाहरण सामने आया है जिसमें एक नेता पत्रकार को कुत्ते का बच्चा तक कह रहा है। ये नेता और कोई नहीं बल्कि असम के ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) प्रमुख बदरुद्दीन अजमल हैं जिन्होंने एक पत्रकार को सिर फोड़ने की धमकी दी और तो और पत्रकार को कई अपशब्द भी कहे। इससे जुड़ा उनका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल भी हो रहा है।
#WATCH AIUDF Chief Badruddin Ajmal in Hatsingimari, Assam threatens to smash head of journalist who asked him if he'll ally with Congress or BJP in future: Go dogs, for how much money have you been bought by BJP? Go away, I will smash your head. Go register a case against me. pic.twitter.com/XQvp5mZ4it
— ANI (@ANI) December 26, 2018
दरअसल, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के नेता मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने बुधवार को दक्षिण सलमरा-मणकचार जिले में मीडिया से बातचीत के दौरान एक टीवी पत्रकार को न सिर्फ अपशब्द कहे बल्कि उसे जान से मारने की भी धमकी दी। इस पत्रकार ने सवाल पूछा था कि वो साल 2019 के लोकसभा चुनाव में किस पार्टी के साथ गठबंधन करेंगे भारतीय जनता पार्टी या कांग्रेस ? इस सवाल पर अजमल भड़क गये। एआईयूडीएफ के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने पत्रकार का सिर फोड़ने की धमकी देते हुए कहा, “जाओ कुत्तो, बीजेपी ने तुम्हें कितने पैसों में खरीदा है। भाग जाओ नहीं तो मैं तुम्हारा सिर फोड़ दूंगा। जाओ मेरे खिलाफ केस दर्ज करवा लो।“ बदरुद्दीन अजमल यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि, “यहां आसपास कई लोग हैं जो तुम्हे एक इशारे पर खत्म कर देंगे। जाओ केस करना है कर दो, क्या कर लोगे तुम? चले जाओ यहां से” जैसे शब्द भी कहे। जब बदरुद्दीन अजमल पत्रकार के साथ अभद्र व्यवहार कर रहे थे तब वहां आसपास मौजूद लोग हंस रहे थे।
यही नहीं अजमल ने ये तक कहा कि, “वो (पत्रकार) मुझसे ऐसा सवाल करने वाला कौन होता है?” इसके बाद अजमल ने पत्रकार पर सभी से माफ़ी मांगने के लिए दबाव भी बनाया। वैसे ये पहली बार नहीं था इससे पहले भी बदरुद्दीन अजमल पर कई आरोप लग चुके हैं। धुबरी लोकसभा सीट से सांसद अजमल पर 11 अगस्त 2012 में मुंबई के आजाद मैदान में हुई तोड़-फोड़ और दंगे को भड़काने का आरोप भी लग चुका है। यही नहीं साल 2012 में असम में हुए जातीय हिंसा के भी बदरूद्दीन अजमल आरोप लगे हैं।
असम के एक मुसलमान संगठन सादाउ असोम गारिया और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने बदरुद्दीन अजमल पर आरोप लगाया था कि उनकी भड़काऊ टिप्पणियों की वजह से ही असम में हिंसा फैली थी।
बता दें कि असम में अजमल का बोलबाला है। असम के मौजूदा हालात में अजमल मुसलमानों का सबसे बड़े नेता माने जाते हैं। साल 2014 में लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने 14 में से तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी। असम की राजनीति में ख़ास पहचान और बड़े नेता के तौर पर मशहूर अजमल द्वारा इस तरह से पत्रकार को धमकी देना राज्य में उनके दबंगई रवैये को दर्शाता है। वास्तव में अजमल जैसे नेता हिंसा का सांप्रदायीकरण कर अपनी सियासी रोटी सेंकते हैं।