कांग्रेस पार्टी की मानें, तो ईवीएम केवल तभी हैक हुई होती है, जब वो हार जाती हैं। जब वो जीत जाती हैं, तो ईवीएम ठीक मान ली जाती है। ऐसा ही एक बार फिर से देखने को मिला है। अभी-अभी पांच राज्यों (मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मिजोरम) के चुनाव नतीजों में बीजेपी को अपेक्षित सफलता नहीं मिली। इसके बावजूद बीजेपी ने ईवीएम मशीनों पर ऊंगली उठाने या अन्य किसी पर ठिकरा फोड़ने की बजाए अपनी कमियों पर ध्यान देने का निर्णय लिया है। बीजेपी ने जनता के बीच जाने का निर्णय लिया है। जबकि अगर हम कांग्रेस सहित दूसरी विपक्षी पार्टियों की बात करें, तो ये पार्टियां हर बार चुनाव हारते ही कभी evm मशीन पर तो कभी बीजेपी पर वोट खरीदने का आरोप लगाती है। यह एक-दो बार नहीं हुआ बल्कि पिछले 4 साल से कांग्रेस, सपा, बसपा, आम आदमी पार्टी, टीएमसी और जेडीयू जैसी तमाम विपक्षी पार्टियां चुनाव हारते ही अपनी हार स्वीकार करने की बजाय बीजेपी द्वारा ईवीएम के हैक करने का आरोप मढ़कर पल्ला झाड़ लेती हैं।
दरअसल, आज यानी 11 दिसंबर को मतपत्रों की गिनती के बाद ईवीएम मशीनें खुली तो तीनों राज्यों में कांग्रेस को बढ़त मिलती दिखी। इसके बाद कांग्रेस में खुशी की लहर दौड़ गई। अब सवाल उठना लाजमी है कि, क्या विपक्ष द्वारा अब भी इस बेचारी ईवीएम मशीन पर सवाल उठाए जाएंगे। यहां तक कि, शीतकालीन सत्र से एक दिन पहले हुई सर्वदलीय बैठक में भी विपक्षी दल भाजपा पर evm के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा चुके हैं।
अभिषेक मनु सिंघवी ने एग्जिट पोल आने के बाद evm मशीन पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में खूबसूरत सा बहाना बनाते हुए अपना बचाव किया। उन्होंने बहाना बनाते हुए कहा कि, “यह भ्रम है कि, हमारी ईवीएम की शिकायत जीत और हार पर निर्भर है। सभी ईवीएम खराब नहीं होती। evm की मदद से केवल यह प्रयास किया जाता है कि, कुछ कोर सैंपल evm में गड़बड़ी कर किसी कोर इलाके का चुनावी नतीजा प्रभावित किया जाए।”
बता दें कि, ईवीएम मशीन पर अब तक हैंकिंग और नंबरों में छेड़छाड़ के आरोप लगाए जाते रहे हैं। विपक्षी दलों ने इस संबंध में चुनाव आयोग से शिकायत तक की थी। विपक्षी दलों के आरोपों का जवाब देने के लिए चुनाव आयोग ने सभी दलों को ईवीएम हैक करके दिखाने के लिए डेमो टेस्ट का मौका दिया था। लेकिन आयोग की चुनौती के बाद कोई भी दल अपना पक्ष रखने आगे नहीं आया। अभी एक बार फिर से 10 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने ईवीएम मशीन की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि, भाजपा evm मशीनों का गलत फायदा उठा रही है।
बता दें कि, इससे पहले गुजरात और कर्नाटक विधानसभा चुनावों के दौरान भी हार नजदीक देखकर कांग्रेस ने ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी होने की आशंका को जोरशोर से उठाया था। जबकि हाल ही में तेलंगाना में एक बार फिर से हार का आभास होने पर कांग्रेस ने मंगलवार को ईवीएम में गड़बड़ी का अंदेशा जताया। कांग्रेस ने मांग की थी कि, वीवीपैट की पर्चियों की 100 फीसदी गणना की जानी चाहिए। अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां अब चुनाव आयोग और बीजेपी से माफी मांगेंगी।