नए साल की शुरुआत से पहले मोदी सरकार अपने कर्मचारियों के लिए एक नई सौगात लाई है। यह सौगात उन पुरुष कर्मचारियों के लिए है, जो अकेले ही अपने बच्चों की देखरेख करते हैं। जी हां, आपने बिल्कुल सही अनुमान लगाया है। अब महिलाओं की तरह पुरुषों को भी मैटर्निटी लीव मिल सकेगी। मोदी सरकार के इस फैसले से केंद्रीय पुरुष कर्मचारी को 730 दिन की पेड छुट्टियां मिलेंगी।
बता दें कि, इससे पहले यह फायदा केवल महिला कर्मचारियों को ही मिलता था। हालांकि, सरकार के इस फैसले का लाभ ऐसे पुरुष कर्मचारियों को मिलेगा जो अकेले ही बच्चे की जिम्मेदारी संभालते हैं। इसका मतलब यह है कि केवल सिंगल पैरेंट को ही इस फैसले का लाभ मिलेगा। यानी अगर बच्चों की मां बच्चे के साथ है तो फिर पिता को लीव यानी छुट्टियां नहीं मिलेंगी।
केंद्र सरकार ने जो नियम निर्धारित किए हैं, उसके अनुसार सिंगल पैरेंट की श्रेणी में वो होगा जो अविवाहित, विधुर या फिर तलाकशुदा होगा। अब ऐसे पुरुष कर्मचारी भी बच्चों की देखभाल कर सकेंगे।
सेंट्रल गवर्नमेंट के ऐसे कर्मचारी, जिनके बच्चों की उम्र 18 साल से कम है, वे भी इसका फायदा उठा सकेंगे। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, सिंगल पुरुष कर्मचारी साल में 6 बार CCL ले सकेंगे। वहीं दूसरी ओर महिला कर्मचारियों को 3 बार CCL लेने का अधिकार है।
बता दें कि, बनाए गए नए नियमों के अनुसार ऐसे कर्मचारियों को पहले एक साल पूरी सैलरी और दूसरे साल में 80 फीसदी सैलरी मिलेगी। इस तरह की छुट्टी के अलावा महिला कर्मचारी 6 महीने और पुरुष कर्मचारी 15 दिन की छुट्टी ले सकते हैं।
वहीं दूसरी ओर अगर हम निजी क्षेत्रों की बात करें तो निजी क्षेत्र में काम कर रही महिला कर्मचारियों को 26 हफ्ते की छुट्टी मिलती है। केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय के अनुसार महिला कर्मचारी और सिंगल पैरेंट पुरुष कर्मचारियों को 730 दिन की छुट्टी चाइल्ड केयर लीव के तहत मिलेगी। यह छुट्टी केवल दो बच्चों के लिए ही मिलेगी।
इस नियम को लागू किए जाने को लेकर सातवें वेतन आयोग ने कहा था कि अगर पुरुष कर्मचारी सिंगल है तो उसके ऊपर ही बच्चे की परवरिश की जिम्मेदारी आ जाती है। इसलिए ऐसे कर्मचारियों के लिए छुट्टी की संस्तुति की जाती है।
बता दें कि, इससे पहले सिंगल पैरेंट की श्रेणी में आने वाले पुरुष कर्मचारियों को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता था। वो बच्चों को न तो अपने साथ ऑफिस ले जा सकते थे और न ही घर पर छोड़ सकते थे। ऐसे में वो तमाम दुविधाओं से गुजरते थे लेकिन मोदी सरकार के इस फैसले ने उन्हें इस समस्या से मुक्ति दे दी है। इससे सिंगल पैरेंट श्रेणी या फिर आम पुरुष कर्मचारियों में खुशी का भाव हैं
हालांकि, ऐसे पुरुषों की संख्या बहुत कम है, जो इस दायरे में आएंगे लेकिन केन्द्र सरकार का कहना है कि हम एक-एक कर्मचारियों की सुविधा का ख्याल रखेंगे। बता दें कि, भारत में ही नहीं, दुनिया के अन्य देशों में भी इस तरह की छुट्टियां दी जाती हैं। कैलिफोर्निया में 6 महीने की छुट्टी ली जा सकती है। ऑस्ट्रेलिया में बच्चों की देखभाल के लिए 18 हफ्ते की छुट्टी ली जा सकती है। केन्द्र सरकार के इस फैसलों को लेकर पुरुष कर्मचारी ही नहीं महिला कर्मचारियों द्वारा भी तारीफ हो रही है। ऐसे में अगर हम ये कहें कि नए साल में मोदी सरकार द्वारा अपने पुरुष कर्मचारियों को सौगात दी गई है तो यह गलत नहीं होगा।