दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह में महिलाओं के प्रवेश की मांग पर कुछ छात्राओं ने जनहित याचिका दायर की थी। इस जनहित याचिका पर सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और दरगाह ट्रस्ट को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी। दरअसल, कानून की कुछ छात्राओं ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह में महिलाओं को प्रवेश करने की अनुमति के लिए केंद्र और अन्य प्राधिकारों को निर्देश देने की मांग की थी। इस जनहित याचिका में बताया गया है कि, ‘दरगाह’ के बाहर एक नोटिस लगा हुआ है। नोटिस में हिंदी और अंग्रेजी में लिखा है कि, दरगाह में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति नहीं है।
वहीं, दूसरी ओर छात्राओं ने याचिका में यह भी बताया था कि, उन्होंने दरगाह में महिलाओं को प्रवेश दिलाने के लिए दिल्ली पुलिस सहित कई प्राधिकारों से आग्रह किया, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद मजबूर होकर उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील कमलेश कुमार मिश्रा ने दायर याचिका में केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और दरगाह का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट को निर्देश देने की मांग की थी। निर्देश में वकील कमलेश कुमार मिश्रा ने मांग की थी कि, महिलाओं का प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश तय करें। साथ ही महिलाओं के प्रवेश की अनुमति पर रोक को ‘असंवैधानिक’ भी घोषित किया जाए।
बताया जा रहा है कि, याचिकाकर्ता पुणे से कानून की छात्राएं हैं। छात्राओं का कहना है कि, जब सुप्रीम कोर्ट ने केरल के सबरीमाला में हर उम्र वर्ग की महिलाओं को प्रवेश देने की अनुमति दे दी है तो फिर राष्ट्रीय राजधानी की महिलाओं को दरगाह में प्रवेश देने से क्यों रोका जा रहा है। याचिका के मुताबिक, कानून की छात्राओं को यहां महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी के बारे में उस समय पता चला जब 27 नवम्बर को वे दरगाह गई थीं।
बता दें कि, पिछले महीने केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश न देने पर सर्वोच्च न्यायालय ने रोक लगाते हुए महिलाओं व पुरुषों, दोनों को मंदिर में प्रवेश देने का आदेश दिया था। इसके बावजूद राष्ट्रीय राजधानी में खुले आम बोर्ड लगाकर महिलाओं का प्रवेश वर्जित करना अपने आप में चौंकाने वाली बात है। संविधान में समानता के अधिकार को ध्यान में रखा जाए, तो यहां में प्रवेश के लिए महिलाओं का पूरा हक़ बनता है। अब जबकि दिल्ली की हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर रोक को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है, तो देखना यह होगा कि, 11 अप्रैल को होने वाली सुनवाई में कोर्ट क्या आदेश देता है।