चुनाव जीतने मात्र के लिए कांग्रेस जो कर ले वो कम ही होगा। ये पंक्तियां इस बार राजस्थान में चुनाव नजदीक देखकर कांग्रेस द्वारा उड़ाई गई अफवाह पर सटीक बैठ रही हैं। दरअसल, राजस्थान में चुनाव नजदीक देखकर कांग्रेस ने एक अफवाह उड़ाई थी कि राजस्थान में सत्ता विरोधी लहर है। कांग्रेस के कार्यकर्ता गली-गली शोर मचाते फिर रहे थे कि राजस्थान में सत्ता विरोधी लहर है लेकिन जनता है कि कांग्रेस की सुन ही नहीं रही है। कांग्रेस गली-गली वसुंधरा राजे और बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने और सत्ता विरोधी लहर का भ्रम पैदा करने में लगी रही लेकिन जनता ने उनकी एक न सुनी।
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ऐसा हम नहीं कर रहे हैं बल्कि राजस्थान में प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों में उमड़ी बेतहासा भीड़ बता रही है। एक रैली में पीएम मोदी ने कहा कि इतिहास गवाह है, कांग्रेस ने राम मंदिर के अस्तित्व कभी नहीं स्वीकार है। उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा जिसे जनता का खूब समर्थन मिला। वहीं जमीन से जुड़े लोगों का ऐसा कहना है कि कुछ समय पहले वसुंधरा के खिलाफ़ हल्के-फुल्के विरोध की सुगबुगाबट थी लेकिन धीरे-धीरे जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियां शुरू होते ही जनता मोदी की फैन ही हो गई। अब कांग्रेस बहुत पीछे नजर आ रही है। जो ये बताता है कि जनता के बीच अभी भी मोदी लहर कायम है। मोदी की रैलियों में उमड़ रही भीड़ 2014 की मोदी सूनामी की याद दिलाते हैं। रैली में उमड़ी भीड़ देखकर पता चलता है कि कांग्रेस लड़ाई में बहुत पीछे छूट चुकी है। बढ़ती भीड़ और जनता का मूड भांपते हुए सट्टा बाजोरों में भी बीजेपी की कीमत तेजी से बढ़ने की खबर आ रही है।
रैलियों में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने बचपन में अपनी मां की एक परेशानी देखकर योजना चलाने का ख्याल आने का भी जिक्र किया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को नामदार बताकर उन पर भी खूब निशाना साधा। प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण के दौरान केंद्र सरकार की जहां योजनाएं गिनायें, वहीं सर्जिकल स्ट्राइक, नक्सलवाद, आतंकवाद, पिछली सरकारों के घोटाले और सरदार पटेल के प्रधानमंत्री न बनने के मुद्दों के कारण भी बताएं। जिससे जनता का कांग्रेस से और भी मोह भंग होता दिखा। वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस ध्रुवीकरण करने और आपसी कलह में फंसी हुई है। नेताओं में तालमेल और आपसी सामंजस की कमी देखने को मिल रही है। राज्य में कांग्रेस दो हिस्सों में बंटी हुई नजर आ रही है। कांग्रेस के आपसी कलह और फूट के कारण जनता का कांग्रेस से और भी मोह भंग हुआ है।
वहीं दूसरी ओर न्यूज़ एक्सप्रेस की रिपोर्ट में भी ऐसा दावा किया गया है कि जनता की पसंद पीएम मोदी हैं। मोदी की रैलियों से राजस्थान में कांग्रेस के हाथ से बाजी फिसलती जा रही है। जबकि चुनावी पंडितों का कहना है कि राजस्थान में सत्ता विरोधी लहर रणनीति के तहत महज एक अफवाह थी। ऐसे में मोदी प्रचार के साथ ही ये अफवाह भी हवा बनकर रह गई है। अब जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, कांग्रेस का ग्राफ गिरता ही जा रहा है जबकि बीजेपी का जनाधार और आत्मविश्वास बढ़ता जा रहा है। अब जनता को बस 7 दिसंबर का इंतजार है।