मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अभी से अपनी जीत को लेकर बेहद उत्साहित दिख रहे हैं। शुक्रवार को आए एग्जिट पोल के बाद भले ही कांग्रेस जीत के लिए दम भर रही हो लेकिन शिवराज का कहना है कि, वे सूबे के सबसे बड़े सर्वेयर हैं और उन्हें पता है कि, प्रदेश में बीजेपी की ही सरकार बनेगी। हालांकि, एग्जिट पोल इस तरफ इशारा कर रहे हैं कि, प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी दोनों प्रमुख दलों में से किसी के भी पक्ष में जनादेश जा सकता है। इसके बावजूद कुछ ऐसे फेक्टर्स हैं, जो शिवराज के दावे पर खरे उतरते हैं।
सूबे में मतदान के बाद शिवराज सिंह चौहान चुनाव की थकान मिटाने के लिए कुछ दिनों पहले ही अपने परिवार के साथ बांधवगढ़ पहुंचे थे। यहां कुछ दिन बिताने के बाद शिवराज अपने परिवार के साथ वापस भोपाल रवाना होने के लिए उमरिया हवाईपट्टी पहुंचे। यहीं पर उन्होंने एग्जिट पोल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि, “मध्य प्रदेश में सबसे बड़ा सर्वेयर मैं हूं। मैं हमेशा ही जनता के बीच रहता हूं, इसलिए जानता हूं कि, एक बार फिर मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की ही सरकार बनेगी। प्रदेश की जनता फिर भाजपा को ही चुनेगी, इसका मुझे पूरा भरोसा है।’’ शिवराज सिंह चौहान की मानें, तो उन्हें पूरा भरोसा है कि, पिछले चुनावों की तरह ही वे इस बार भी बड़े अंतर से जीतकर आएंगे। शनिवार को सीएम शिवराज सिंह ने अपने आवास पर बीजेपी नताओं की बैठक भी बुलाई थी।बता दें कि, बीते 28 नवंबर को मध्य प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ है। सूबे में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 116 सीटों की जरूरत होगी। बीजेपी इन चुनावों में ‘अबकी बार 200 पार’ के नारे के साथ उतरी थी।
ये फेक्टर बताते हैं मध्यप्रेदश में आएगी बीजेपी
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में इस बार लगभग 75 प्रतिशत मतदान हुआ है जो कि पिछले चुनावों से करीब तीन प्रतिशत ज्यादा है। आमतौर पर ज्यादा मतदान का होना एंटी इनकंबेंसी यानी सत्ता विरोधी लहर मानी जाती है लेकिन मध्यप्रदेश में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से ट्रेंड बिल्कुल विपरीत नजर आया। 2003 से बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से हर विधानसभा चुनावों में यहां मतदान प्रतिशत बढ़ा है और सत्ता पार्टी ही फिर से विजेता रही है। गौरतलब है कि, 2003 के विधानसभा चुनावों में राज्य में मतदान प्रतिशत 67.35 प्रतिशत था। उसके बाद 2008 में यह 69.28 प्रतिशत, 2013 में 72.13 प्रतिशत और अब 2018 में बढ़कर 75 प्रतिशत से ज्यादा होने जा रहा है।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में एक ट्रेंड यह भी है कि, यहां जब चुनाव प्रतिशत बढ़ता है, तब बीजेपी ही सत्ता में आती है। 1998 के विधानसभा चुनावों में राज्य में मतदान प्रतिशत 60.5 प्रतिशत रहा था तब सूबे में कांग्रेस की सरकार थी। उसके बाद 2003 के चुनावों में मतदान प्रतिशत करीब 7 प्रतिशत बढ़कर 67.25 प्रतिशत हो गया और बीजेपी सत्ता में आई। इसके बाद से लगातार राज्य में बीजेपी जीतती रही है। इन फेक्टर्स को देखें, तो सीएम शिवराज सिंह का दावा सही ही प्रतीत हो रहा है और वे एक बार फिर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हो सकते हैं।