राजस्थान विधानसभा चुनाव में जहाँ एक तरफ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल प्रत्याशियों को साफ हिदायत दे रहे हैं कि फिल्मी या टीवी कलाकारों को प्रचार के लिए आमंत्रित नहीं करेंगे। दूसरी तरफ उन्होंने पार्टी के विज्ञापन में भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग के नाम का इस्तेमाल किया है। इसके बाद वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट करके बेनीवाल के झूठ का पर्दाफाश कर दिया।
दरअसल, राजस्थान विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की टिकट पर हुरड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे मनसुख गुर्जर के समर्थन में आसींद ने एक बड़ा किसान समेलन आयोजित किया था। ये आयोजन 29 नवंबर को किया जाना था जिसके लिए अखबरों में भी सीके विज्ञापन दिए गये थे। ज्यादा से जयादा भीड़ जुटाने के लिए पार्टी ने विज्ञापन में वीरेंद्र सहवाग की तस्वीर भी थी। इसमें दावा किया गया था कि वीरेंद्र सहवाग भी आयोजन में शामिल होंगे।जब इस विज्ञापन की खबर वीरेंद्र सहवाग को लगी तो उन्होंने इस झूठ को बेनकाब कर दिया। उन्होंने ट्वीट करतेहुए कहा, ‘झूठ अलर्ट- मैं दुबई में हूँ और इनमें से किसी व्यक्ति से कभी सम्पर्क नहीं हुआ! जब यह लोग बेशर्मी से अपने कैम्पेन के नाम पर मेरा नाम धोकाधड़ी से इस्तेमाल कर लोगों को बेवक़ूफ़ बना सकते हैं,तो अंदाज़ा लगाया जा सकता है की यदि यह कहीं जीत गए तो कितना बेवक़ूफ़ बनाएँगे ! झूठों से सावधान।’
झूठ अलर्ट-
मैं दुबई में हूँ और इन्मे से किसी व्यक्ति से कभी सम्पर्क नहीं हुआ!
जब यह लोग बेशर्मी से अपने कैम्पेन के नाम पर मेरा नाम धोकाधड़ी से इस्तेमाल कर लोगों को बेवक़ूफ़ बना सकते हैं,तो अंदाज़ा लगाया जा सकता है की यदि यह कहीं जीत गए तो कितना बेवक़ूफ़ बनाएँगे ! झूठों से सावधान pic.twitter.com/ykDa4S835N— Virender Sehwag (@virendersehwag) December 1, 2018
इस तरह के विज्ञापन से न्यूज़पेपर के एडिटोरियल पर भी गंभीर सवाल खड़े हिते हैं। एक न्यूज़पपेर को इस तरह की खबरों को प्रकाशित नहीं करनी चाहिए जो लोगों को भ्रमित अकरने का काम करे और सच से उसका कोई वास्ता न हो, ये एक गंभीर मुद्दा है और चुनाव आयोग को इस मामले को संज्ञान में लेना चाहिए।।
हनुमान बेनीवाल पहले बीजेपी के नेता थे लेकिन उन्होंने हाल में एक नयी पार्टी के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। इस ऐलान के साथ ही राजस्थान में तीसरे मोर्चे का गठन हुआ। ऐसा लगता है कि जिसका मकसद अब सिर्फ जनता को मुर्ख बनाना है और गुमराह करके वोट हासिल करना है। इसने गंदी राजनीती का एक और उदाहरण सामने रखा है।
बता दें कि कांग्रेस और बीजेपी की लड़ाई के बीच जाट नेता हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में राजस्थान तीसरे मोर्चे का उदय होता हुआ और वो राज्य में जाटों को लुभाने के लिए भरपूर प्रयास कर रहे हैं। हनुमान बेनीवाल ने भारतीय जनता पार्टी से अलग होकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) का गठन भी इसीलिए किया है ताकि वो जाटों को एकजुट कर सकें, इस पार्टी में बीजेपी के उन पूर्व नेताओं का साथ आना है जो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व से खुश नहीं हैं और न ही उन्हें राजे के नेतृत्व में अपना अच्छा भविष्य देखते हैं। इस पार्टी का लक्ष्य राजे और कांग्रेस के खिलाफ लड़ना है। ऐसे में कांग्रेस के मतदाता आधार में भी सेंध लगाने की चाल नजर आती है।