उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करते हुए अपनी ही सरकार के तीन मंत्रियों के निजी सचिवों को निलंबित कर दिया है। इन निजी सचिवों पर रिश्वत लेने का आरोप लगा है। योगी आदित्यनाथ ने बिना देर किए तुरंत मामले पर संज्ञान लेते हुए उन सचिवों को निलंबित कर दिया। इन सचिवों को निलंबित करने के बाद योगी ने एक एसआईटी गठित करने का आदेश दिया। एसआईटी मामले की जांच करेगी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दोषी पाए जाने पर सचिवों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
दरअसल एक निजी न्यूज चैनल ने अपने स्ट्रिंग ऑपरेशन में इन सचिवों को रिश्वत मांगते दिखाया था। ये तीनों सचिव तबादले और ठेका-पट्टा दिलाने के मामले में डीलिंग कर रहे थे। वहीं योगी के तीनों मंत्रियों का कहना है कि अगर ये सच है और हमारे सचिव ऐसा कर रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई जरुर होनी चाहिए। मामला प्रकाश में आते ही योगी ने तुरंत सख्त कदम उठाया। ये तीनों पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर, खनन राज्यमंत्री अर्चना पांडे और बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव हैं। मामले का खुलासा होते ही तुरंत योगी आदित्यनाथ ने फ्रंट पर आते हुए एक्शन ले लिया।
वैसे ये पहली बार नहीं है जब उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐसा एक्शन लिया है। सूबे की कमान संभालते ही योगी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक के बाद एक बड़े फैसले लिए थे।
आजकल योगी आदित्यनाथ कभी भी, किसी भी विभाग में जाकर औचक निरीक्षण कर रहे हैं। खामियां पाते ही सक्षम अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है। वो कभी अस्पताल तो कभी स्कूल तो कभी अधिकारियों के कार्यालय में औचक निरीक्षण कर रहे हैं। वो प्रदेश के हर विभागों में खुद जाकर कार्यों का जायजा ले रहे हैं। वो कभी आधी रात को सरकारी कामों का जायजा लेने वाराणसी पहुंच जाते हैं तो कभी औचक किसी भी अस्पताल में पहुंच जाते हैं। अभी हाल ही में योगी जी एक रैन बसेरों में जा पहुंचे थे। योगी जी के ऐसे एकाएक निरीक्षण से सभी विभागों के सभी अधिकारी हमेशा सशंकित रहते हैं। वो कभी भी किसी भी वक्त योगी जी के निरीक्षण करने की प्रवृत्ती से सचेत और सक्रिय रहते हैं।
पिछले महीने ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार अचानक राजधानी लखनऊ के पुलिस लाइन का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए थे। इस दौरान उन्होंने पुलिसकर्मियों के आवास के साथ अन्य सुविधाओं का निरक्षण किया। गंदगी देख उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई और साफ़ सफाई करने का निर्देश दिया था। यही नहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ छह जिलों के दौरे पर थे। वो आये दिन राज्य के जिलों में कहीं भी पहुंच जाते हैं और कानून-व्यवस्था का हाल जानने के साथ ही विकास कार्यों व क्रय केंद्रों का निरीक्षण कर रहे हैं।
अब योगी आदित्यनाथ ने अपने ही मंत्रियों के सचिवों के खिलाफ फास्ट एक्शन लेकर एक बार फिर से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की अपनी उस प्रतिबद्धता को साबित कर दिया है। योगी जी के इस त्वरित कार्यवाही से एक ओर जहां सूबे में जनता उनकी तारीफ कर रही है तो दूसरी ओर कामचोरी करने या ढीला रवैया अपनाने वाले अधिकारियों के रातों की नींद हराम हो गई है। एक अस्पताल के गार्ड ने बताया कि पहले साहब (डॉक्टर साहब) 11-12 बजे आते थे लेकिन योगी जी के एकाएक निरीक्षण की खबरें सुनकर वो अपने टाइम से थोड़ा पहले ही आ पहुंचते हैं और जाते भी देर से हैं। ऐसे में योगी जी ने ये बात साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई के बीच में आने वाले किसी भी व्यक्ति पर किसी भी प्रकार का कोई भी ढीला रवाया नहीं अपनाने वाले हैं।