पश्चिम बंगाल में बीजेपी के दस्तक देने की आहट से घबराई ममता बनर्जी राज्य से बीजेपी को रोकने के भरसक प्रयास कर रही है। लेकिन अमित शाह की एक रैली ने इस पर पानी फेर दिया है। ममता बनर्जी द्वारा अमित शाह के हेलीकॉप्टर को उतरने से रोके जाने और रथ यात्रा पर अड़ंगा लगाने की तमाम बाधाओं को पार कर बुधवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पश्चिम बंगाल के मालदा में रैली कर ही बैठे। इस रैली में अमित शाह ममता सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने ममता सरकार की तमाम असफलताओं को जनता के सामने उजागिर किया। रैली में अपेक्षा से बहुत अधिक भीड़ को देखकर अमित शाह का हौसला काफी बढ़ा हुआ दिखाई दिया।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ममता बनर्जी के गढ़ माने जाने वाले मालदा जिले में ममता बनर्जी की जमकर आलोचना की। भाजपा अध्यक्ष ने कहा, “मैं चुनावी अभियान की शुरुआत करने आया हूं। 2019 का चुनाव भारत का भविष्य निर्धारित करने वाला चुनाव तो है ही लेकिन उसके साथ बंगाल के लिए भी यह चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण है।” उन्होंने बंगाल की जनता से कहा कि यह चुनाव निर्धारित करेंगे कि भाजपा के कार्यक्रमों को रोकने वाली ममता सरकार रहेगी या जाएगी।
इस रैली में अमित शाह ने कोलकाता में विपक्षी एकता के लिए की गई रैली के नारों की ओर भी जनता का ध्यान खींचा। अमित शाह ने जनता को याद दिलाया कि विपक्ष की रैली में एक बार भी भारत माता का नारा नहीं लगा, वंदे मातरम का नारा नहीं लगा, बस मोदी-मोदी-मोदी होता रहा। उन्होंने पश्चिम बंगाल की जनता का आह्वान करते हुए कहा कि बस एक बार यहां कमल खिला दीजिए, एक भी घुसपैठियां यहां घुस नहीं सकता। विदेशी भी पैर नहीं रख सकता अगर भाजपा की सरकार बन जाए। इस दौरान शाह ने कहा कि सरकार बनने के बाद हम एक- एक हिंदू को नागरिकता देने का काम करेंगे।
शाह ने आगे कहा कि हिंदू, ईसाई, सिख जो बांग्लादेश, अफगानिस्तान, पाकिस्तान से आए हैं उन्हें हम नागरिकता देने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश से जो शरणार्थी आए हैं वो जवाब चाहते हैं कि आप नागरिकता बिल का समर्थन करेंगे या नहीं, मुझे भरोसा है कि वो नहीं करेंगे। वो लोकसभा से वॉकआउट करेंगे क्योंकि उनका वोट बैंक चला जाएगा।
शाह की इस रैली को जनता का भी भारी समर्थन मिल रहा था। रैली में अपेक्षा से अधिक भीड़ देखकर शाह के हौसले और भी बुलंद दिख रहे थे। इस दौरान शाह भूल ही चुके थे कि वो हाल ही में अस्पताल से डिस्चार्ज हुए हैं। जनता के दर्द को समझते हुए शाह ने आगे कहा कि “प. बंगाल में ही दुर्गा विसर्जन की अनुमति नहीं है। सरस्वती पूजन के लिए प्रतिबंध, दुर्गा विसर्जन के लिए हमले होते हैं। उन्होंने कहा कि, यह किस तरह का बंगाल है। उन्होंने कहा कि, यह विवेकानंद का बंगाल है, टैगोर का बंगाल है, यहां हमें कोई नहीं रोक सकता। पहले यहां रवींद्र संगीत गूंजता था, आज बम धमाके सुनाई देते हैं। यहां बम की फैक्टरी चलती है, हम इसे बंद करना चाहते हैं। हमारी सरकार विकास का कारखाना है।”
रैली में भाजपा अध्यक्ष ने मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि जो 70 सालों में नहीं हुआ वो पीएम मोदी ने 5 साल में कर दिखाया। हम आयुष्मान भारत का लाभ देना चाहते हैं, 5 लाख रुपये इलाज के लिए मिलते हैं लेकिन उनके लोग, नेता, एमपी पोस्ट ऑफिस पहुंचकर कार्ड छीन लेते हैं। उन्होंने कहा, लेकिन ममता जी आयुष्मान योजना नहीं चाहती, ममता जी को सबक सिखाना पड़ेगा मित्रों। उनकी रैली में वंदे मातरम, भारत माता के नारे नहीं लगते।
अमित शाह ने कहा कि हम चाहते हैं भ्रष्टाचार हटे, गरीबी हटे, बीमारी हटे, वो चाहते हैं मोदी हट जाए। हम चाहते हैं देश सुरक्षित हो, वो कहते हैं मोदी हटे।विपक्षियों के नेतृत्वहीन गठबंधन पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि 23 लोग जो ब्रिग्रेड मैदान में बैठे थे उसमें से 9 प्रधानमंत्री बनने बैठे थे। हमारे यहां एक ही नेता है। पूरा एनडीए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चट्टान की तरह खड़ा हुआ है।
बता दें कि हाल ही में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को स्वाइन फ्लू हुआ था। जिसके कारण वे कुछ दिनों तक एम्स में भर्ती रहे थे। माना जा रहा था कि रैली में उनमें पुराना उत्साह और ऊर्जा नहीं दिखेगी। लेकिन रैली में जिस तरह से उन्हें पश्चिम बंगाल की जनता का अपेक्षा से अधिक साथ, समर्थन और हौसला मिला, उसने अमित शाह को जल्द ही पुराने उत्साह से भर दिया। ऐसा माना जा रहा था कि इस बार पश्चिम बंगाल जैसे राज्य में भी बीजेपी अपना पांव जमाने वाली है। इसी स्थिति को भांपते हुए ममता ने अमित शाह को राज्य में न घुसने देने के लिए तमाम हथकंडे अपनाए लेकिन सफल नहीं हुईं। अब जनता का समर्थन देखकर लगता है कि सच में पश्चिम बंगाल में जनता ममता बनर्जी से ऊब चुकी है।
























