देश को राजमार्गों के नेटवर्कों से जोड़ने की दिशा में मोदी सरकार एक और नया कदम उठाने जा रही है। अब केंद्र सरकार जल्द ही भारतमाला योजना के दूसरे चरण यानी भारतमाला 2.0 की शुरुआत करने जा रही है। सरकार का कहना है कि राजमार्ग विकास के अगले चरण में राजमार्ग निर्माण पर ध्यान केंद्रीत किया जाएगा। इसके लिए भारतमाला के दूसरे चरण में सरकार 3,000 किलोमीटर रोड और लगभग 4,000 किलोमीटर नए ग्रीनफील्ड हाईवे बनाने का काम शुरू करेगी। भारतमाला प्रोजेक्ट 2.0 में काशी से गंगासागर तक नए एक्सप्रेसवे और हाईवे का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना के जरिये वाराणसी-रांची-कोलकाता, इंदौर-मुंबई, बंगलूरू-पुणे और चेन्नई-त्रिची को हाईवे के नए नेटवर्क से जोड़ा जाएगा
वहीं दूसरी ओर इस परियोजना की शुरुआत करने से पहले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) जरूरी तैयारियों में जुट चुका है। इन तैयारियों के मद्देनजर एनएचएआई यानी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण में बोलियां भी आमंत्रित की हैं। एनएचएआई चाहता है कि भारतमाला परियोजना के पहले चरण का काम खत्म होने से पहले दूसरे चरण पर काम शुरू हो जाए। इस मामले में राजमार्ग के एक अधिकारी ने कहा कि हमें भारतमाला के पहले चरण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने में करीब दो सालों का समय लग गया। अगली बहुत सी परियोजनाओं के लिए डीपीआर तैयार करने से समय की बचत होगी और तेजी से निष्पादन के लिए उच्च गुणवत्ता वाली विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इसके अलावा केंद्र की मोदी सरकार ने कुछ मुख्य शहरों का चुनाव किया है। इन शहरों के बीच 4,000 किलोमीटर के नए ग्रीनफील्ड हाईवे निर्माण की तैयारी शुरू की है। इस नई परियोजना के तहत राउरकेला, झांसी से रायपुर, सोलापुर से बेलगाम, गोरखपुर से बरेली और वाराणसी से गोरखपुर के बीच अब नए राजमार्गों का निर्माण किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले राजमार्ग निर्माण के मान पर मौजूदा सड़कों के विस्तार और चौड़ीकरण का काम किया जाता रहा है।
इसके अलावा इन शहरों के मौजूदा रोड कॉरिडोर का विस्तार न करके उनकी जगह ग्रीनफील्ड हाईवे तैयार करने की योजना है। सरकार और एनएचएआई का मानना है कि ऐसा करने से जमीन अधिग्रहित करने में होने वाली देरी, जमीन लेने के लिए दी जाने वाली ज्यादा कीमत और अतिक्रमण हटाने जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है। सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर कारों की अधिकतम गति सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की है।
बता दें कि एनएचएआई अभी तक भारतमाला परियोजना के पहले चरण में काम कर रही थी। ये परियोजना भारत सरकार के सड़क परिवहन का एक मेगा प्लान माना जाता है। भारतमाला योजना के तहत 7 फेज में 34,800 किलोमीटर सड़क बनाने की योजना है। इस परियोजना की शुरुआत गुजरात और राजस्थान से करते हुए बाद पंजाब और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार से होते हुए पूर्वोतर के राज्य सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मिजोरम में भारत-म्यांमार बॉर्डर तक सड़कें बनाने की योजना थी। इस परियोजना के पहले चरण में कुल 550 जिले कवर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। 34 जिलों में सड़कों में लेन भी बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया था। इसके बाद 35 शहरों में लॉजिस्टिक पार्क और 700 जगहों पर सड़क किनारे यात्री सुविधाओं (रोड साइड एमेनिटीज) का निर्माण करने की योजना निर्धारित की गई थी। अब एनएचएआई द्वारा इस परियोजना का और विस्तार करने की योजना बनाई गई है। इस परियोजना की सफलता के बाद एनएचएआई के नाम एक और कामयाबी जुड़ जाएगी।