जेएनयू कैंपस में हुए देशद्रोह के कथित मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल अब कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य तथा कुछ अन्य लोगों के खिलाफ देशद्रोह के मामले में आरोप पत्र दाखिल करने वाली है। दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने बुधवार को इसकी जानकारी दी है। पटनायक ने कहा, “मामला अंतिम चरण में है. इसकी जांच पेचीदा थी क्योंकि पुलिस टीमों को बयान लेने के लिये अन्य राज्यों का दौरा करना पड़ा था। आरोप पत्र जल्द दायर किया जाएगा”
खबरों के अनुसार, चार्जशीट में आठ लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें दो जेनयू छात्र, दो जामिया के छात्र, एक एएमयू छात्र, एक मुरादनगर का रहने वाला डॉक्टर और दो अन्य छात्र शामिल हैं। पुलिस के अनुसार इन आठों के खिलाफ उसके पास पुख्ता सबूत हैं। पुलिस ने चार्जशीट में 32 ऐसे लोगों के नाम भी डाले हैं, जिनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। इस ड्राफ्ट आरोप पत्र को सरकारी अभियोजक के पास देखने के लिए भेजा गया है। ऐसा बताया जा रहा है कि जल्द ही इसे कोर्ट में दाखिल किया जाएगा।
बता दें कि, कन्हैया कुमार, खालिद और भट्टाचार्य को राजद्रोह के आरोपों में 2016 में गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी संसद हमले के आरोपी अफजल गुरू की फांसी के खिलाफजेएनयू कैंपस में 9 फरवरी 2016 को आयोजित हुए एक कार्यक्रम में कथित रूप से देशद्रोही नारे लगने के आरोप में हुई थी। गिरफ्तारी के बाद कन्हैया कुमार सुर्खियों में आ गए थे और इसके बाद देशभर में प्रदर्शन भी हुए थे। कार्यक्रम की एक फुटेज को सही पाया गया था, जिसके बाद पिछले साल स्पेशल ब्रांच के अधिकारियों ने कुछ छात्रों से पूछताछ की थी। बता दें कि उसके बाद जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर 10,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया था।
फोन की लोकेशन बना सबूत
खबरों के अनुसार, इस मामले में जो चार्जशीट दाखिल की जाने वाली है, उसमें वीडियो व फोन की लोकेशन को सबूत के तौर पर रखा गया है। दरअसल, इस मामले को लेकर जो वीडियो पुलिस ने जब्त किए थे और जो अन्य वीडियो अलग-अलग श्रोतों से हासिल किए थे, उनकी फोरेंसिक जांच की गई है। पुलिस से मिले सूत्रों के अनुसार, मामले में आरोपियों के फेसबुक प्रोफाइल को खंगाला गया जिससे पुलिस को कई सबूत भी हाथ लगे हैं। सूत्रों के अनुसार एक आरोपी ने तो घटना के दौरान हुई नारेबाजी की वीडियो अपने फेसबुक वॉल पर डाल रखी थी। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि, उन्हें कार्यक्रम में ज्यादा से ज्यादा छात्रों को लेकर आने के लिए कहा गया था।
बताया जा रहा है कि, कानूनी विशेषज्ञों से राय के बाद पुलिस द्वारा अन्य नामों को भी आरोपितों की सूची में शामिल किया जाएगा। आरोप पत्र में पुलिस आरोपितों के वीडियो व फोन की लोकेशन को सबूत के तौर पर कोर्ट के सामने पेश करेगी। दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक के बयान के बाद अब कहा जा सकता है कि, जल्द ही जेएनयू में हुई देशविरोधी घटना के आरोपी सलाखों के पीछे होंगे।