सऊदी अरब में रह रहे एक भारतीय ने बताया मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद क्या आया बदलाव

मोदी सऊदी अरब

PC: countercurrents

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत के बाद जब एनडीए की सरकार बनी तो लोगों के मन में एक उम्मीद की लहर दौड़ी कि अब देश में विकास होगा। सालों से यूपीए सरकार में हुए भ्रष्टाचार, घोटालों और लूट ने देश की स्थिति को काफी हद तक कमजोर कर दिया था। उस समय मोदी सरकार की तरफ जनता उम्मीद भरी निगाहों से देख रही थी। अब जब मोदी सरकार के कार्यकाल को पांच साल पूरा होने वाला है तो लोगों के जहन में एक सवाल है वो ये कि पिछले पांच सालों में देश कितना बदला है? अगर ओईचे मुड़कर देखें तो आप भी पाएंगे आज भारत जिस तरह से विकास की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है वो पहले कभी नहीं देखी गयी। शिक्षा का स्तर हो या स्वास्थ या स्वछता या आर्थिक स्तर पर काफी बदलाव देखा गया है। यहां तक कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की छवि मजबूत हुई है। सऊदी अरब हो या अमेरिका या ब्रिटेन सभी ने न सिर्फ पीएम मोदी की सराहना की है बल्कि भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने की दिशा में कदम भी उठाये हैं। देश में तेल की बढती कीमतों को लेकर मचे हाहाकार को भी शांत करने में भारत सरकार का योगदान रहा है। यही वजह है कि देश में तेल के बढ़ते दामों से भारत को राहत मिली और आम जनता के चेहरे पर मुस्कराहट लौटी। सऊदी अरब ने पीएम मोदी के दौरे के बाद भरोसा दिया कि वो भारत की तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने को तैयार है। यही नहीं पीएम मोदी के दौरे के बाद किस तरह से सऊदी अरब में भारतीयों के प्रति वहां के लोगों का नजरिया बदला है वो जानकर आप भी कहेंगे कि सच में हमने सही सरकार का चुनाव किया था।

दरअसल, सऊदी अरब में रहने वाले एक भारतीय ने tfipost.com के साथ अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा किया है और बताया है कि सऊदी अरब में भारतियों के लिए न सिर्फ सम्मान बढ़ा है बल्कि वो पीएम मोदी के भी मुरीद हुए हैं। इसके साथ ही भारतीय दूतावास की भी कायाकल्प हुई है। इस भारतीय ने बताया कि जब वो पहली बार सऊदी अरब गया था तो वहां के हालात ऐसे थे कि लोग भारतीयों को घृणा की नजर से देखते थे।  

“जब मैंने पहली बार सऊदी अरब की पावन ज़मीं पर अपना कदम रखा तो एक अनोखा अनुभव हुआ। एक लम्बी इमीग्रेशन की कतार थी, मैं चार घंटे उस कतार में था, लगा भेंड़ों की भीड़ में खड़ा हूं, अचानक से लगा मैं कहां आ गया हूं, क्या यहां आकर मैंने कोई गलती कर दी। बाहर निकला तो मेरे ड्राइवर का कोई नामोनिशान नहीं था,  हो सकता है काफ़ी देर इंतेज़ार करने के बाद लौट गया हो। मैं एक अज़नबी एयरपोर्ट पर काफी अकेला महसूस कर रहा था। मेरे पास यहां की करेंसी रियाल भी नहीं था कि टैक्सी ले पाऊं आपको ये जानकार आश्चर्य होगा कि एक पाकिस्तानी अज़नबी ने मुझे होटल पहुंचने में काफी मदद की। उस दिन मुझे महसूस हुआ हम लोग सिर्फ बॉर्डर से अलग देश हैं लेकिन सच्चाई ये है कि हमलोग एक हैं। बहरहाल आने वाले दिनों का अनुभव बहुत ही बुरा रहा और मुझे अपने सऊदी अरब आने के फ़ैसले से पछतावा हो रहा था। यहां पर मैंने अनुभव किया कि भारतीयों को काफी घृणा से देखा जाता है, जिसका प्रमुख कारण है कि यहां एक भारतीय दूसरे भारतीय से घृणा करता है जिस कारण से सऊदी भी भारतीयों से घृणा करते हैं। यहां तक दूसरे देश (पाकिस्तान, खाड़ी देश, ब्रिटिश ,अमेरिकन इत्यादि) के नागरिक भी भारतीयों से नफ़रत करते हैं। वहां भारतीयों की मदद करने वाला कोई नहीं था यहां तक कि भारतीय दूतावास में अफसर भारतीयों के साथ अभद्र व्यवहार करते थे। वो न किसी की सुनते थे और न ही किसी की मदद करते थे बल्कि जो मदद मांगने आता उसे भी भगा देते थे। आलम ये था कि कुछ लोगों के पास वापस स्वदेश लौटने के लिए पैसे भी नहीं थे और भारतीय दूतावास उनकी कोई मदद नहीं कर रहा था।

उसने लिखा, “ मैंने ये अनुभव किया कि यहां भारतीयों की मदद करने वाला कोई नहीं है। एक दिन मैं भारतीय दूतावास गया, कुछ अटेस्टेशन कराना था। वहां भारतीयों की भीड़ देख कर मेरा दिमाग चकरा गया। लोगों से बात की तो पता चला दूतावास अफसर काफी गंदे तरीके से बरताव करते हैं और दुत्कार कर भगा देते हैं। बहुत सारे लोग लाचार थे उनकी नौकरी चली गयी थी लेकिन, भारत वापस नहीं जा पा रहे हैं क्योंकि उनके पास पैसे नहीं हैं और दूतावास वाले रोज़ाना भगा देते हैं, कोई सहायता नहीं करते हैं।  कुछ लोग तो एक-दो साल से चक्कर लगा रहे थे। ये सब देखकर मेरा दिल पसीज़ गया लेकिन, मैं भी क्या कर पता, कुछ लोगों को मैंने कुछ रियाल दिए ताकि वो कुछ दिन गुज़ारा कर पाएं। पता नहीं यहां पर ऐसे हालात क्यों थे खासकर भारतियों की हालत बुरी थी। इसके साथ ही ये भी पता नहीं चल पा रहा था कि भारत सरकार की क्या मज़बूरी थी।“

इसके बाद इस व्यक्ति ने बताया कि कैसे वो visa चार्ज 60,000 रूपये होने के कारण अपने माता-पिता को सऊदी अरब नहीं ला सकता था। सऊदी में रह रहे इस भारतीय ने लिखा, “अब मैं खुद को अकेला महसूस करने लगा, तभी एक दिन सोचा क्यों अपने अब्बू -अम्मी (माता-पिता) को यहां बुला लूं ताकि कुछ दिन अच्छे से गुज़रे लेकिन, एक आदमी का वीजा चार्ज 60,000 रूपये थे (ये सभी नेशनलिटी वालों के लिए था)। यानी अब्बू -अम्मी के लिए 1,20,000 रूपये और फिर फ्लाइट टिकट अलग से  जिसका मतलब ये है कि एक साधारण भारतीयों जो यहां सुकून पाने के लिए अपने अब्बू –अम्मी को भी रहने के लिए नहीं बुला सकता क्योंकि उसकी हैसियत नहीं 1,20,000 रूपये के साथ फ्लाइट टिकट के लिए पैसे जुटा सके। “

इसके बाद सऊदी अरब में रह रहे इस भारतीय नागरिक ने बताया कि कैसे पीएम मोदी के सऊदीदौरे के बाद हालात बदल गये। उसने लिखा, “कुछ दिनों बाद सुना कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी सऊदी आ रहे हैं। यहां पर हरेक भारतीय इस न्यूज़ से अनजान था, इसका एक कारण ये भी था कि वर्षों किसी प्रधानमंत्री ने अवासी भारतीयों की कोई सूद-बुद नहीं ली थी और मोदी से भी कोई आशा नहीं थी।  शायद मोदी को यहां का सर्वोच्च सिविलियन अवार्ड मिला था लेकिन हमें कोई खबर नहीं थी।

जब मैं अगली सुबह ऑफिस गया तो वहां सभी बड़े प्यार से मुझे ग्रीट कर रहे थे और कह रहे थे “मोदी इज अ गुड ह्यूमनबीइंग”। यहां तक कि पाकिस्तानी कलीग भी मोदी की बहुत तारीफ कर रहे थे। पहली बार लगा हमारी भी बहुत इज़्ज़त है। मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा।  बाद में पता चला की पीएम मोदी ने यमन में फंसे भारतीयों (साथ में बहुत सारे दूसरे देश के नागरिक भी) को सफल पूर्वक वापस रहने लाने के लिए ये अवार्ड मिला था, जो कि ब्रिटिश और अमेरिकन सरकार भी अपने नागरिकों लिए नहीं कर पायी थी।  उस दिन से मेरी नज़र में मोदी की इज़्जत काफी बढ़ गयी।“

इसके बाद उसने बताया कि कैसे भारतीय दूतावास का माहौल ही बदल गया और इसका श्रेय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को दिया और कहा,“इसी बीच मैंने बहुत सारे परिवर्तन देखे, खासकर भारतीय दूतावास के अफसरों में देखा। सुनने में आया कि भारतीयों की हर समस्या को दूतावास सुन रहा है, तभी मैंने ट्विटर पर अकाउंट खोला तब पता चला कि ये सब हमारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की वजह से हुआ है क्योंकि वो स्वयं संकट में अप्रवासी भारतीयों को ट्विटर पर सहायता के लिए सक्रिय रहती हैं। सुषमा जी विश्व के सारे भारतीय दूतावास को सीधे आर्डर दे रही थी और साथ में उसका अपडेट भी पूछ रही थी। मेरी आँखों में आसूं आ गए, यहां तक कि एक आदमी जो उत्तर प्रदेश का था और काफी सालों से भारत वापस जाने का सपना देख रहा था, का फ़ोन आया कि “भाई मैं वापस जा रहा हूँ, दूतावास ने मुझे काफी सहायता की, मेरा यहां से एग्जिट का सारा इंतेज़्ज़ाम हो गया, मैं अपनी फॅमिली को 4 साल बाद देख पाऊंगा। “

पीएम मोदी और उनके कैबिनेट के मंत्री जिस तरह से जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं उसी का का नतीजा है कि अज विदेश में रह रहे भारतीय नागरिकों का सरकार पर विश्वास मजबूत हुआ है और वो विदेशी देशों में भी उनका आत्मविश्वास बढ़ा है सभी तारीफ करते हुए कहते हैं “यू इंडियन राइट, इंडियंस आर वैरी इंटेलीजेंट, यू मेक मनी बाई माइंड,आई सैलूट योर मोदी”। इन्हीं पंक्तियों को इस भारतीय युवक ने मेरा सऊदी का सबसे सुंदर क्षण बताया। इसके बाद सऊदी अरब में VISA चार्ज कम होने के कारण अपने माता पिता को भी सऊदी अरब ले जा सका। उसने कहा,” एक सऊदी कलीग  ने बताया कि VISA का चार्ज 60,000 से 6,000 रूपये हो गए थे। ये सब तुम्हारे मोदी के कारण ही हुआ है, उनके प्रयास से यहां के किंग ने भारतीयों का VISA चार्ज कम कर दिया।  तीन सप्ताह बाद मेरे अब्बू -अम्मी को मैंने रियाद एयरपोर्ट पर जब देखा तो मेरे आँखों के आंसू रुक नहीं रहे थे। अब्बू ने बोला इमीग्रेशन अफसर ने “वेलकम टू सऊदी अरबिया एंड से हाई टू मोदी वन्स यू गो बैक” बोला, जो आज से पहले कभी नहीं हुआ था।“

अपने अनुभव को साझा करते हुए सऊदी अरब में रह रहे इस व्यक्ति ने न सिर्फ पीएम मोदी का धन्यवाद किया बल्कि फिर से मोदी सरकार को सत्ता में लाने के लिए अपना कीमती वोट देने के लिए भारत आने की भी बात कही। इस व्यक्ति ने लिखा, “मोदी जी मैं दिल से आपके लिए प्रार्थना करता हूँ कि आपके जैसा प्रधानमंत्री दुनिया के हरेक देश में हो।  मैं माफ़ी माँगता हूँ कि मैं 2014 में वोट नहीं दे पाया क्योंकि इच्छा नहीं हुई लेकिन, मैं वादा करता हूँ कि मई 2019 में आऊंगा और आपको फिर से प्रंधानमंत्री बना वापस आऊंगा।“

वास्तव में विदेशी देशों में भारत की छवि में सुधार हुआ है वहां के लोग अब भारतीय नागरिकों को सम्मान और प्यार की नजर से देखते हैं। पीएम मोदी के अथक प्रयासों के कारण ही भारतीय पासपोर्ट को इज्ज़त बढ़ी है।

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