कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी का दो दिवसीय दौरा करने वाले थे लेकिन उनका दौरा कुछ कारणों से रद्द कर दिया गया। हालांकि दौरे को रद्द किए जाने का कोई स्पष्ट कारण अभी तक नहीं पता चला है। राहुल के प्रतिनिधि चंद्रकांत दुबे के मुताबिक, राहुल का दौरा कुछ अपरिहार्य कारणों से कांग्रेस अध्यक्ष का अमेठी दौरा निरस्त हो गया। खबरों की मानें तो उनके दौरे का नया कार्यक्रम जल्द घोषित किया जाएगा। हालांकि, उनके दौरे के रद्द होने के पीछे स्मृति ईरानी का दौरा बताया जा रहा है। अपने दौरे के दौरान स्मृति ईरानी ने राहुल पर कई राजनीतिक हमले किये लेकिन एक मीडिया रिपोर्ट उनके द्वारा की गयी टिप्पणी को अभद्र टिप्पणी करार देने में व्यस्त था और ये और कोई नहीं बल्कि टेलीग्राफ है।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की मुखर नेता स्मृति ईरानी भी अमेठी के दौरे पर पहुंच चुकी थीं। शुक्रवार को अमेठी पहुंची केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर निशाना भी साधा। स्मृति ईरानी ने शहर में लगे उन पोस्टर पर भी जमकर निशाना साधा, जिनमें राहुल को अगला प्रधानमंत्री बताया गया। स्मृति ने अपने भाषण में कहा, “उन्हें महागठबंधन में इस तरह का आशीर्वाद न अखिलेश से प्राप्त हुआ है न मायावती से तो मुंगेरीलाल के सपने देखने हैं तो किसने मना किया है।“
स्मृति ईरानी ने राहुल पर तंज कसते हुए ये भी कहा था कि “बीजेपी के अध्यक्ष अपने पुरुषार्थ से बने हैं, राहुल गांधी अपनी माता के आशीर्वाद से कांग्रेस के अध्यक्ष बने हैं।” इस बयान का मतलब साफ़ है कि बीजेपी के अध्यक्ष ने अपनी मेहनत और अपनी काबिलियत के बल पर बने हैं जबकि राहुल को कांग्रेस पार्टी की कमान विरासत में मिली है। स्मृति ईरानी द्वारा यहां पुरुषार्थ का जिक्र भी मीडिया में चर्चा में है। टेलीग्राफ ने तो अपनी रिपोर्ट में इसे स्मृति ईरानी द्वारा अभद्र टिप्पणी करार दे डाला और गलत तरीके से ईरानी के बयान को पेश किया है। इससे पहले भी टेलीग्राफ ने स्मृति ईरानी ‘आंटी नेशनल’ कहा था। जानबूझकर बयान को तोड़ मोड़ कर उसे अभद्र टिप्पणी करार देना टेलीग्राफ की पत्रकारिता के स्तर को दर्शाता है. ये शर्मनाक है कि किसी मीडिया रिपोर्ट ने इसे सही तरीके से पेश नहीं किया।
बता दें कि पुरुष का अर्थ है विवेकशील प्राणी तथा अर्थ का मतलब है लक्ष्य। इसलिए पुरुषार्थ का अर्थ हुआ विवेकशील प्राणी का लक्ष्य। भारतीय परंपरा में जीवन का ध्येय पुरुषार्थ को माना गया है। मतलब कि धर्म का ज्ञान होना जरूरी है तभी कार्य में कुशलता आती है कार्य कुशलता से ही व्यक्ति जीवन में अर्थ अर्जित कर पाता है। हिंदू धर्म में पुरुषार्थ चार है- धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। ऐसे में केंद्रीय मंत्री द्वारा की गयी टिप्पणी अभद्र कैसे हो सकती है?
अपने दौरे के दौरान स्मृति ईरानी ने अमेठी को लेकर भी राहुल को घेरा और तंज कसते हुए कहा कि “मैदान ए जंग में उनका देर से आना इस बात का संकेत है कि जो व्यक्ति अपने निर्वाचन क्षेत्र में समय से नहीं आ सकता, वो समय पर समस्याओं का समाधान क्या करेगा।“ उन्होंने आगे कहा, “जो पांच साल में एक बार आते थे, उन्हें अब बार बार आना पड़ रहा है।”
स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर इस बात का भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने अमेठी के लिए कुछ नहीं किया, जबकि वो पिछले 15 सालों से यहां का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। स्मृति ने कहा कि राहुल विकास की बात करते हैं लेकिन अपने खुद के निर्वाचन क्षेत्र में विकास सुनिश्चित नहीं कर पाते। स्मृति ईरानी के अमेठी दौरे को लेकर मीडिया रिपोर्ट्स ने जो तोड़-मोड़ कर खबर पेश की वो शर्मनाक था लेकिन केंद्रीय मंत्री ने जो कहा वो बिलकुल सच। सालों से अमेठी का प्रतिनिधित्व करने वाले राहुल ने कभी विकास पर ध्यान नहीं दिया है।
अब ये देखना दिलचस्प होगा कि आज शाम को अमेठी पहुंचने वाले राहुल गांधी अमेठी की जनता को क्या जवाब देंगे। क्या राहुल गांधी स्मृति ईरानी के सवालों के जवाब देंगे या फिर हर बार की तरह बातों को घुमा-फिराकर वापस दिल्ली लौट आएंगे।