योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे अपने जिन तीन मंत्रियों के मुख्य सचिवों को निलंबित किया था, अब उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया है। इन तीनों सचिवों के ऊपर रिश्वत लेने के आरोप लगे थे। उत्तर प्रदेश के इन तीन मंत्रियों के निजी सचिव पर घूस मांगने के आरोप लगे थे। ये आरोप एक निजी न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन के बाद सामने आए थे। इन तीनों मंत्रियों को सस्पेंड किए जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीनों के खिलाफ जांच के लिए स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी के गठन के आदेश दिए थे। अब एसआईटी की पहल पर तीनों निजी सचिवों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
दरअसल, बुधवार को एक निजी न्यूज चैनल में प्रसारित किए गए स्टिंग में मंत्री ओमप्रकाश राजभर के निजी सचिव ओमप्रकाश कश्यप, खनन राज्यमंत्री अर्चना पांडे के निजी सचिव एसपी त्रिपाठी, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष अवस्थी को अलग-अलग काम करवाने के लिए घूस मांगते दिखे गए थे।
इस स्टिंग ऑपरेशन के सामने आने के बाद हड़कंप मच गया था। इसके बाद तुरंत योगी आदित्यनाथ सरकार ने ऐक्शन लेते हुए उन तीनों निजी सचिवों को निलंबित करते हुए उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद गुरुवार को दोपहर 11 बजे इस पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई गई। इस बैठक में तीनों को निलंबित करने का निर्णय लिया गया। उसके बाद तत्काल प्रभाव से तीनों निजी सचिवों को सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए गए।
सरकार के प्रवक्ता ने मीडिया को बताया कि एडीजी राजीव कृष्ण की अगुआई में एक एसआईटी गठित कर दी गई है। आईजी एसटीएफ और विशेष सचिव आईटी राकेश वर्मा भी एसआईटी में हैं। वहीं दूसरी ओर खनन राज्यमंत्री अर्चना पांडे का कहना है कि, ये सब कैसे हुआ, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। खनन राज्यमंत्री अर्चना पांडे का कहना है कि, “मैंने सोचा भी नहीं था कि यह ऐसा कुछ हो सकता है।”
जबकि ओम प्रकाश राजभर ने भी इस पूरे मामले से एक तरह से पल्ला झाड़ते हुए कहा, “वे (ओमप्रकाश कश्यप) सरकारी कर्मचारी हैं, हम उनके खिलाफ कार्रवाई कैसे कर सकते हैं?” राजभर ने आगे कहा, “मुख्य सचिव को इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए।”
ऐसे में योगी आदित्यनाथ ने अपने निर्णय से एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि, वो अपनी उस बात के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें वो कहते हैं कि दोषी कोई भी हो, सजा और न्याय सबको मिलेगा। बड़ा, छोटा, अमीर, गरीब, अगड़ा, पिछड़ा सबको न्याय मिलेगा। गैरकानूनी काम में लिप्त रहने पर सबको सजा मिलेगी।
योगी आदित्यनाथ के इस कदम से एक तरह जहां भ्रष्ट अधिकारियों में डर बनेगा तो वहीं दूसरी ओर आम जनता के बीच सकारात्मक संदेश जाएगा। इससे जनता का शासन, प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ेगा।