इस बजट ने बताया कि आजादी के बाद देश में पहली बार आई है किसान हितैषी सरकार, गोवंश का भी रखा है ध्यान

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PC: Dainik Bhaskar

गांधी जी ने कहा था कि 70 प्रतिशत भारत गांवों में बसता है लेकिन, महात्मा गांधी ने यह नहीं सोचा होगा कि आजादी के बाद देश पर लंबे समय तक राज करने वाली कांग्रेस पार्टी इस 70 पर्सेंट भारत और इसमें रहने वाले किसानों को बिल्कुल ही बिसरा देगी। जी हां। सरकारें आती गईं और जाती गईं। गरीबी हटाओ जैसे कोरे लुभावने वादों के साथ दसियों आम चुनाव बीत गए लेकिन देश में किसानों के लिए सिर्फ खाली बातों के सिवाय कुछ नहीं हुआ। आज जब इजराइल और अमेरीका के किसानों और उनकी तकनीकी को देखते हैं तो हमारे किसानों पर तरस आता है। इसका कारण है कि, खेती-किसानी की उन्नती के लिए सरकारों द्वारा जो योजनाएं लानी चाहिए थी वे नहीं आ पाई। वहीं जबसे मोदी सरकार केंद्र में आई है तब से लग रहा है कि, कोई ऐसी सरकार देश में है जो किसानों के बारे में सोचती है। चाहे वह यूरिया को नीम कोटेड करना हो, कृषि की उन्नत तकनीकों को विकसित करना हो या फसलों के समर्थन मूल्य में वृद्दि करना हो, मोदी सरकार के साढ़े 4 साल के कार्यकाल में किसान हित का जज्बा दिखा है। हाल ही में 1 फरवरी को मोदी सरकार द्वारा पेश किये गए अंतरिम बजट में तो केंद्र ने किसानों को जैसे झोला भर के खुशियां दीं हैं। चुनावी साल में मोदी सरकार ने किसानों के लिए बजट में कई प्रावधान किए हैं, जिससे 12 करोड़ किसान परिवारों को फायदा होगा।

अपने आखिरी बजट में मोदी सरकार ने छोटे किसानों की न्यूनतम आय निश्चित करके एक बड़ा फैसला लिया है। आजादी के बाद से अब तक किसानों को सरकार से मिला यह सबसे बड़ा तोहफा माना जा रहा है। इस बजट में पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा की है। इस योजना में छोटे सीमांत किसानों के खाते में हर साल 6000 रुपये भेजे जायेंगे। किसानों को ये 6000 रुपये, 2 हजार की तीन किश्तों में मिलेंगे। यह लाभ 2 हेक्टेयर से कम जमीन वाले किसानों को मिल सकेगा। ये राशि सीधे किसानों के खाते में आएगी। इस योजना पर केंद्र सरकार कम से कम 75,600 करोड़ रुपये सालाना खर्च करेगी।

वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि यह योजना एक दिसंबर, 2018 से प्रभावी होगी। माना जा रहा है कि इस योजना की पहली किस्त के तौर पर मार्च के शुरुआत में ही किसानों के खातों में 2000 रुपये भेजे जायेंगे। इस योजना में भूमिहीन किसानों को शामिल नहीं किया गया है। मीडिया के सवालों के जवाब में गोयल ने कहा, “सिर्फ भूमि-स्वामी किसानों का ही रिकॉर्ड उपलब्ध है। कई अन्य योजनाएं हैं, जिनका लाभ दूसरों की जमीन जोतने वाले किसानों को स्वत: मिलेगा।” उन्होंने कहा, “मुझे पक्का विश्वास है कि जिनके पास जमीन है, लेकिन वह खेती नहीं करते हैं, वे इसका लाभ खेती करने वालों को हस्तांतरित करेंगे।”

वहीं अगर कांग्रेस शासित राज्यों में पार्टी द्वारा किये गए कर्जमाफी के वादे की बात करें तो यह सिर्फ जुमला साबित हुआ है। मध्यप्रदेश में तो कर्जमाफी के नाम पर किसानों के 30 रुपये और 50 रुपये माफ कर कांग्रेस ने जैसे किसानों के साथ भद्दा मजाक किया है। पश्चिम बंगाल में शनिवार को हुई रैली में पीएम मोदी ने कहा था, “10 साल पहले कांग्रेस सरकार ने दावा किया था कि उसने किसानों का 52,000 करोड़ रुपए का कर्जमाफ किया। इतने पैसे से हम भी कर्ज़माफी का शोर मचा सकते थे, लेकिन हमारी नीयत साफ है जिसका परिणाम किसान हित में आई ये योजना है।” पीएम ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में अब तक किसानों के लिए ‘पीएम किसान सम्मान निधि योजना’ से बड़ी योजना नहीं बनाई गई है।

इस बजट में मोदी सरकार द्वारा 22 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है। बता दें कि यह पहली बार है जब 22 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 50 प्रतिशत से ज्यादा तय किया गया। किसानों को बजट से मिली यह एक बड़ी सौगात है। सरकार का यह कदम किसानों की आय में वृद्दि करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

बजट में सरकार ने किसानों के दूसरे आय के साधन जैसे पशुपालन आदी का भी ध्यान रखा है। बजट में घोषणा की है कि, मत्‍स्‍य पालन के लिए अलग से विभाग बनाया जाएगा। वहीं गोवंश के लिए बजट में बड़ा ऐलान किया गया है। गोवंश में वृद्दि के लिए राष्‍ट्रीय कामधेनु योजना शुरू की जाएगी और राष्‍ट्रीय कामधेनु आयोग बनेगा। यह आयोग गायों के संरक्षण के लिए काम करेगा। इस पर सरकार 750 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके अलावा स्‍वाइल हेल्‍थ कार्ड और उत्‍तम सिंचाई योजना जैसे कदम सरकार ने किसानों के हित में उठाएं हैं।

बजट में घोषणा की गई है कि किसानों को आपदा के समय में 5 प्रतिशत ब्‍याज में छूट मिलेगी। साथ ही नेशनल डिजास्टर रिलीफ फंड के जरिए किसानों को मदद दी जाएगी। वहीं सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड में भी 2 फीसदी की छूट देने की बात कही है।

बजट में किसानों के हित की ये घोषणाएं बतातीं हैं कि प्रधानमंत्री किसानों के सम्‍मानजनक जीवन के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसानों की न्यूनतम आय निश्चित करने जैसे कदम की तो जितनी सराहना की जाए कम है। किसानों के हित में सरकार इस बजट में जिस तरह की योजनाएं लाई हैं, अगर वैसी ही योजनाएं हर बजट में आती रहें, तो भारत की खेती-किसानी अवश्य ही विश्व पटल पर उभरकर आएगी।

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