कांग्रेस पार्टी की तालिबानी राजनीति और कट्टर सोच का नमूना एक बार फिर देश के सामने आ गया है। जनता के सामने सेक्युलरिज्म की बातें करने वाली यह पार्टी पर्दे के पीछे किस तरह तुष्टिकरण के दलदल में डूबी हुई है, इसका सबूत एक बार फिर सबसे सामने है।
दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा चुनाव 2019 के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं। इसी सिलसिले में कांग्रेस अध्यक्ष ने कल रात देश के सबसे अहम सूबे उत्तर प्रदेश के लिए कुल छह समितियों के गठन की घोषणा की। राहुल ने अपने इस निर्णय में राज बब्बर को उत्तर प्रदेश के चुनाव समिति का अध्यक्ष बनाया है। इन 6 समितियों में कुल 92 सदस्य हैं।
इन समितियों के गठन में जो सबसे चौंकाने वाला नाम है, वह है इमरान मसूद। कांग्रेस द्वारा यूपी में लोकसभा चुनाव के लिए बनाई गई 2 समितियों में इमरान मसूद को जगह दी है। ये दो समितियां हैं इलेक्शन समिति और कैंपेन समिति।
So Imran Masood of 'boti- boti' fame is back in two most significant committees of Congress ! https://t.co/BpP4G7YnwU
— Anindya (@AninBanerjee) February 23, 2019
यह इमरान मसूद वही शख्स है जिसने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी की बोटी-बोटी करने की बात कही थी। यही नहीं, सहारनपुर दंगों में भी इमरान मसूद के शामिल होने की बात सामने आई थी।
https://youtu.be/MphEeYnK0BU
2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान इमरान मसूद की एक वीडियो सामने आई थी। जिसके बाद पूरे देश में इमरान मसूद के खिलाफ लोगों का गुस्सा भड़क गया था। इस वीडियो में इमरान मसूद मुसलमानों को भाषण दे रहे थे। इस आग उगलने वाले भाषण में मसूद कह रहा था, ‘यदि नरेंद्र मोदी सहारनपुर आ जाएं तो उनकी बोटी-बोटी कर दी जाएगी। मैं मोदी को छोटे छोटे टुकड़ों में काट डालूंगा। उन्हें मैं ऐसा सबक सिखाऊंगा कि वो याद रखेंगे।’ इमरान वीडियो में कह रहा था, ‘यह यूपी है गुजरात नहीं है। गुजरात में केवल चार फीसदी मुसलमान हैं, यूपी में बाईस फीसदी मुसलमान हैं। मैं उसे ऐसा सबक सिखाऊंगा कि वह याद रखेगा।’ इस वीडियो के सामने आने से लोकसभा चुनाव के दौरान माहौल पूरी तरह से सांप्रदायिक हो गया था। पुलिस प्रशासन ने बामुश्किल माहौल को संभालकर हालात सामान्य किए थे।
इस जहरीले तालिबानी भाषण के बाद मसूद पर आईपीसी की धारा 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने), धारा 295ए (जानबूझ कर धार्मिक भावना भड़काने), धारा 504 (जानबूझ कर अपमान कर शांति भंग करना), धारा 506 (आपराधिक भयादोहन) के तहत मामला दर्ज किया गया था। गौरतलब है कि, इस सब के बाद भी इमरान ने अपने बयान पर माफी नहीं मांगी थी।
बता दें कि, इमरान कांग्रेसी नेता रशीद मसूद का भतीजा है। यह पहले समाजवादी पार्टी में था। 2014 के लोकसभा चुनाव में मसूद को कांग्रेस ने सहारनपुर से टिकट दिया था। गौरतलब है कि, इमरान मसूद पर सहरानपुर दंगे का आरोप भी लगा था। कुतुबशेर थाना क्षेत्र में इमरान मसूद पर आरोप लगा था कि उन्होंने सांप्रदायिक दंगा कराने के लिए एक वर्ग विशेष के लोगों को भड़काने का काम किया था। इमरान मसूद पर थाना कुतुबशेर में मुकदमा भी दर्ज हुआ था, लेकिन बाद में जांच के दौरान मुकदमे से उनका नाम निकाल दिया गया था। इस सबके बाद भी कांग्रेस पार्टी का मसूद प्रेम बढ़ता ही गया। यही नहीं, मसूद कुछ मौकों पर राहुल गांधी के साथ भी देखा गया हैं।
कांग्रेस पार्टी ने जिस तरह से उत्तर प्रदेश के लिए बनी दो चुवान समितियों में इमरान मसूद को शामिल किया है, उससे लगता है कि, कांग्रेस इस बार भी तालिबानी कट्टर सोच के साथ ही चुनाव लड़ने के मूड में है। कांग्रेस पार्टी के इस निर्णय की जितनी भर्त्सना की जाए उतनी कम है।