पुलवामा में हुए आतंकी हमले पर लिबरल गैंग की शर्मनाक हरकत सामने आई है। अब ये गैंग जनता का ध्यान आतंकी हमले से कश्मीरियों पर हो रहे काल्पनिक अत्याचार की ओर करने का प्रयास कर रहे हैं। 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में भारत के 44 जवान शहीद हो गये थे लेकिन लेफ्ट-लिबरल गैंग को इससे कहीं ज्यादा दुःख उन “भटके हुए” कश्मीरी नौजवानों के लिए है जो आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के कारण सेना के रडार पर हैं। और उन पत्थरबाजों के लिए है जिन्हें सेना के जवानों से मार पड़ती है।
शहीद हुए जवानों का अभी अंतिम संस्कार भी नहीं हुआ था कि सोशल मीडिया पर लेफ्ट-लिबरल गैंग ने अपना नैरेटिव बदलना शुरू कर दिया। जहां एक तरफ पूरा देश शोक में डूबा है और जवानों की शहादत का बदला लेने की मांग कर रहा है वहीं दूसरी तरफ, ये गैंग अपनी गंदी मानसिकता का प्रचार कर रहा है। यूपी, दिल्ली और गुजरात में पढ़ रहे कुछ कश्मीरी युवा जब पुलवामा में हुए आतंकी हमले का जश्न मना रहे थे तब ये गैंग मूक दर्शक बना हुआ था। अब ये गैंग कश्मीरियों के लिए चिंतित नजर आ रहे हैं। बरखा दत्त, राजदीप सरदेसाई, सागरिका घोष, संजुक्ता बासु सहित कई स्वघोषित सेक्युलर पत्रकार कश्मीरियों के समर्थन में इस तरह से सामने आये हैं जैसे निर्दोष कश्मीरियों पर सिर्फ कश्मीरी होने की वजह से अत्याचार हो रहा है, उनका कत्लेआम हो रहा है। इन पत्रकारों ने तो अपने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर काश्मरी युवाओं के लिए अपने घर के दरवाजे भी खोल दिए हैं। अपने मैसेज बॉक्स भी खोल दिए हैं और कश्मीरियों को मदद के लिए उनसे कभी भी संपर्क करने की बात कही है। जबकि हकीकत ये है कि देश में किसी भी निर्दोष कश्मीरी पर सिर्फ कश्मीरी होने की वजह से कोई अत्याचार की खबर सामने नहीं आई है। जो खबरें सामने आ भी रही हैं वो बेबुनियाद साबित हो रही हैं। इसका उदाहरण उत्तराखंड में कश्मीरी लड़कियों के ‘घेराव’ की खबर है जिसे बाद में उत्तराखंड पुलिस ने खारिज कर दिया था।
'@BDUTT @rajdeepsardesai @Shehla_Rashid @mihirssharma
etc are trying to fan rumor that Kashmiris are under attack and will try to change narrative against us by tweeting/writing/speaking on TV. Will request you all to factually counter them then and there only (no abuse) pic.twitter.com/1aol0bFhd1— Vikas Pandey (Sankrityayan) Modi ji’s Family (@MODIfiedVikas) February 17, 2019
एक फेसबुक पोस्ट में उत्तराखंड पुलिस ने कहा, “कुछ लोग ये अफवाह फैला रहे हैं कि गुस्साई भीड़ के कारण 15-20 लड़कियां देहरादून के एक हॉस्टल में कई घंटों तक फंसी रहीं। वहां मौजूद पुलिस भीड़ पर काबू पाने में नाकाम रही। जबकि ये सच नहीं है, पुलिस ने इस मामले को सुलझा लिया और कोई भीड़ नहीं है। दरअसल, कश्मीरी लड़कियों द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने की अफवाह फैली थी जिसे बाद में हल कर लिया गया था।‘ इससे साफ़ है कि जानबूझकर सोशल मीडिया पर ये अफवाह फैलाई जा रही है कि कश्मीरी मुसलमानों पर अत्याचार हो रहा है जबकि पुलिस ने इस सभी दावों को खारिज कर दिया है।
https://twitter.com/Shehla_Rashid/status/1096965638436712448
यही नहीं शेहला राशिद ने भी भीड़ पर कश्मीरियों पर हमले का आरोप लगाया। शेहला ने अपने ट्वीट में लिखा, पूरे भारत में भीड़ कश्मीरी छात्रों पर हमला कर रही है, उन्हें गाली दे रही है और उन्हें देश से बाहर जाने के लिए कह रही है। उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज करवाए जा रहे हैं। हर मामले में यही समाने आ रहा है कि पुलिस ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाये जाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस भी इसमें मिली हुई है।
वहीं पत्थरबाजों की हितैषी बरखा दत्त ने लिखा था, ‘कश्मीरी मुस्लिमों को मारा पीटा जा रहा है। उनकी मदद के लिए मेरा नंबर ऑनलाइन है और मेरे घर के दरवाजे भी खुले हैं। कभी भी किसी कश्मीरी को कोई मदद चाहिए तो वो मुझसे संपर्क कर सकता है।
My number is online and my DMs & doors are open to any #Kashmiris who need help or feel vulnerable. Those abusing and vilifying innocent citizens are sympathisers of terrorists in the garb of nationalists. They are reading from a script of hate which is totally what Jaish wants
— barkha dutt (@BDUTT) February 17, 2019
Want to tell any Kashmiri student out there, if you are being targeted in any manner, feel free to call/DM me. My home and heart is open to you as are that of thousands of right thinking Indians.Let’s fight forces of violence together: you don’t have to bear the cross of terror.
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) February 16, 2019
राजदीप सरदेसाई ने भी कुछ ऐसा ही किया। उन्होंने लिखा, मैं कश्मीरी छात्रों को बता देना चाहता हूं कि अगर उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है तो वो मुझसे संपर्क करने में संकोच न करें। मेरे घर और दिल के दरवाजे उनके लिए खुले हैं।’
Have we gone insane? STOP these disgusting attacks on innocent #Kashmiris & #KashmiriStudents IMMEDIATELY. They are our family! Alert pro-active law enforcement pls! Lets not descend into anarchy & divisiveness but stand tall to defend India's best values #Pulwama
— Sagarika Ghose (@sagarikaghose) February 16, 2019
बड़े ही शर्मनाक तरीके से इन लोगों ने अपना एजेंडा चलाना शुरू कर दिया। सागरिका घोष ने लिखा, “क्या वो लोग पागल हो गये हैं? निर्दोष कश्मीरियों पर इस तरह के हमले को तुरंत बंद करो। वो हमारा परिवार हैं।”
Statement from @karwanemohabbat: "The soldiers killed by terror are our brothers and sons. The country mourns their loss. Every Kashmiri is also our brother or sister, son and daughter. We must assure them that we stand with them, against hate." 1/2
— Dr. Sanjukta Basu, M.A., LLB., PhD (@sanjukta) February 16, 2019
संजुक्ता बसु ने तो हद ही कर दी। उन्होंने इस हमले को 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के तहत बीजेपी की साजिश करार दिया। वास्तव में इन पत्रकारों का उद्देश्य देश में आतंकी हमलों, अलगाववादियों के खिलाफ देश की जनता में बढ़ते गुस्से को दबाना है। हालांकि, उन्हें ये समझ नहीं आया कि देश की जनता अब मुर्ख नहीं बनने वाली है। क्या सही है और क्या गलत उन्हें सब समझ आता है।
देश की सेना पर हमला हो और इसका जश्न अगर कोई मनाएगा तो क्या देश की जनता उनकी आरती उतारे? उनके खिलाफ रोष भी व्यक्त न करे? सरकार उनके खिलाफ एक्शन भी न ले? बस शांति बनाये रखे? अगर आप ऐसा सोचते भी हैं तो गलत सोचते हैं। जो देश विरोधी नारे लगाएंगे और पाकिस्तान के प्रति प्यार जताएंगे उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और जो लोग इसका विरोध करते हैं उनके खिलाफ भी कार्रवाई जरुरी है।
वास्तव में बरखा दत्त, राजदीप सरदेसाई जैसे लोगों की वजह से देश में अलगाववादियों और टुकड़े टुकड़े गैंग को बढ़ावा मिला है लेकिन अब देश की जनता इन्हें हल्के में लेने के मूड में कतई नहीं है।