पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ‘शांति लाने’ के लिए एक मौका देने की बात कर रहे हैं। वहीं पाक के पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ ने भी पाकिस्तान को भारत पर परमाणु बम से हमला करने से पहले एक चेतावनी दी है। पाकिस्तान के समाचार पत्र डॉन के मुताबिक, यूएई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने कहा, “भारत और पाकिस्तान के रिश्ते फिर से बहुत ही खतरनाक स्तर पर पहुंच गए हैं। हालांकि परमाणु हमला नहीं होगा। यदि हमने भारत पर एक भी परमाणु बम फोड़ा तो वह ऐसे 20 बम से हमला कर हमें तबाह कर देगा। इसका एकमात्र समाधान यही है कि हमें पहले ही उन पर 50 परमाणु बमों से हमला कर देना चाहिए ताकि वे हम पर 20 बम से हमला न कर सकें। क्या पाकिस्तान 50 बमों के साथ पहले हमला करने को तैयार है?” पाकिस्तान का ये दोहरा रुख कोई नया भी नहीं है। ऐसे में उसके इन दोनों ही रुखों से किसी को हैरानी अन्हीं होनी चाहिए।
यूएई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में परवेज ने आगे कहा कि ‘यदि भारत भारत कश्मीर में कोई भी हमला करता है तो पाकिस्तान सिंध और पंजाब के अन्य इलाकों में जवाबी कार्रवाई कर सकता है और उन्हें सबक सिखा सकता है।’ परवेज मुशर्रफ का ये बयान पुलवामा में हुए आतंकी हमले के एक हफ्ते बाद आया है। ऐसा लगता है कि पाकिस्तान पुलवामा में हुए हमले के बाद भारत के सख्त रुख से डरा हुआ है और गीदड़ भभकी दे रहा है। पाक को लगता है कि पाक द्वारा भारत पर हुए हो रहे आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत उनपर कोई बड़ा हमला कर सकता है।
इससे पहले पाकिस्तान के आर्मी चीफ और पाक के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने एक टीवी चैनल से बातचीत में ये स्वीकार किया था कि कश्मीर के पुलवामा में पाक स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने हमला करवाया था। मुशर्रफ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, “पुलवामा में जो हमला हुआ वो भयानक है, हमें खेद है और हम इसकी निंदा करते हैं और मेरी जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर से कोई सहानुभूति नहीं है। उसने मुझे भी मारने की कोशिश की थी। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि इस हमले में पाक सरकार की कोई भूमिका थी। मुझे नहीं लगता कि इमरान खान को जैश के साथ कोई सहानुभूति होगी।“ मुशर्रफ ने आगे कहा, ‘जैश ने ये हमला किया लेकिन इसके लिए पाकिस्तानी सरकार को दोष नहीं देना चाहिए। सारी जानकारी जुटाने के लिए एक संयुक्त जांच दल होना चाहिए। यदि इसमें सरकार शामिल है तो ये खेदजनक होगा।‘
मुशर्रफ खुद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के सबसे बड़े समर्थक हैं और ये बात मीडिया से बातचीत में कही थी। यही नहीं वो मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर के सरगना हाफिज सईद को पसंद भी करते हैं। पाक की ARY न्यूज पर बातचीत के दौरान मुशर्रफ ने कहा था, “मैं जानता हूं कि लश्कर मुझे पसंद करता है और मैं उसे। जमात-उद-दावा (JuD) भी मुझे पसंद करता है।” उन्होंने आगे कहा था कि “मैं हाफिज सईद को भी पसंद करता हूं। उससे मिल भी चुका हूं। मैंने हमेशा कश्मीर में पाक की कार्रवाई का समर्थन किया है। हम कश्मीर में भारतीय आर्मी को कमजोर करना चाहते हैं।” यही नहीं हाफिज सईद जिस तरह से कश्मीर में दखल देता है उसका भी मुशर्रफ समर्थन करते हैं।