अपने देशविरोधी बयानों की वजह से पाकिस्तानियों के दिल में बसने वाली महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। यह बयान उन्होंने एयर इंडिया द्वारा जारी किये एक आदेश को लेकर दिया। दरअसल, एयर इंडिया के अपने सभी क्रू मेंबर और कॉकपिट क्रू के लिए जारी इस फरमान में कहा गया है कि यात्रा के दौरान होने वाली प्रत्येक घोषणा के बाद सभी कर्मचारियों को ‘पहले से ज़्यादा आत्मीयता’ के साथ जय हिंद का उच्चारण करना होगा। एयर इंडिया की तरफ से इससे पहले एक इसी तरह का आदेश वर्ष 2016 में भी जारी किया गया था।
Former J&K CM Mehbooba Mufti tweets,"Little surprise that with General Elections around the corner,the josh of patriotism hasn't even spared the skies." Y'day,Air India issued a circular to all cabin crew&cockpit crew directing them to say' Jai Hind' aftr any announcement onboard pic.twitter.com/sloobFmErD
— ANI (@ANI) March 5, 2019
महबूबा मुफ्ती ने इस आदेश को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है। उन्होंने ट्वीट किया “मुझे कोई हैरानी नहीं हुई कि आम चुनाव से ठीक पहले ऐसा फरमान आया है, देशभक्ति के जोश ने आसमान को भी नहीं छोड़ा।“ दरअसल, एयर इंडिया की नई एडवाइजरी के मुताबिक, ‘तत्काल प्रभाव से सभी क्रू सदस्यों को हरेक विमान की उद्घोषणा के बाद पूरे जोश के साथ ‘जय हिंद’ बोलना होगा।’
Todays IAF strikes were followed by mass war hysteria on twitter & news channels. Most of these people are ignorant who have suspended the use of common sense. But its disconcerting that educated privileged people are cheering on at the prospect of a war. This is true jahaalat.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 26, 2019
वैसे एयर इंडिया के इस निर्देश पर मुफ्ती की नाराजगी कोई नयी बात नहीं है. इससे पहले पाकिस्तान पर हुए एयर स्ट्राइक से भी वो श नहीं थी। उन्होंने एयर स्ट्राइक पर ट्वीट कर कहा था, “भारतीय वायुसेना के स्ट्राइक के बाद ट्विटर और न्यूज़ चैनल पर बड़े पैमाने पर युद्ध उन्माद फैला हुआ है, परेशान कर देनी वाल बात यह है कि शिक्षित लोग भी युद्ध की संभावना पर खुशी मना रहे हैं, जहालत है ये सब।“ जहां पूरा देश पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से इस स्ट्राइक से खुश थे वहीं महबूबा मुफ़्ती को ये एयर स्ट्राइक बिलकुल रास नहीं आई थी। उनकी महबूबा मुफ्ती इससे खुश नहीं है ये उनके बोल में भी साफ़ नजर आया था
पाकिस्तान-भक्ति में लीन महबूबा मुफ्ती को भला देशभक्ति से क्या संबंध? अपने बयानों से महबूबा मुफ्ती अपने पाकिस्तानी आकाओं को खुश करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ती हैं। पायलट अभिनंदन की रिहाई पर इमरान खान का गुणगान हो या आतंकवाद के बाद भी पाकिस्तान से बातचीत की वकालत करना हो, हर बार उनका रुख देशहित के खिलाफ ही रहा है। अपने दलहित को साधने के लिए वे धमकी की राजनीति करने से भी नहीं कतराती। अनुच्छेद 35-ए को हटाए जाने की अटकलों पर टिपण्णी करते हुए उन्होंने धमकी दी थी कि ”अगर अनुच्छेद 370 या अनुच्छेद 35-ए के साथ कोई छेड़छाड़ होती है तो ‘भारत’ को बहुत बुरे अंजाम भुगते होंगे व कश्मीर के लोग तिरंगे को छोड़कर कोई और झंडा उठाने पर मज़बूर हो जायेंगे।“
दरअसल, महबूबा मुफ्ती की पूरी राजनीति ही अलगाववादियों व पत्थरबाजों के हितों को साधने के लिए वजूद में है। कश्मीर में महबूबा की पीडीपी व भाजपा के गठबंधन से चली सरकार में भी उनका पत्थरबाजों के प्रति प्यार कोई छुपी चीज़ नहीं थी। पिछले साल फरवरी में महबूबा मुफ्ती 10 हज़ार पत्थरबाजों को जेल से छुड़वाने में सफल रहीं थीं। अब केंद्र सरकार के कश्मीर में चल रहे आतंक-सफाई अभियान से महबूबा आहत हैं। कश्मीर में शांति स्थापित होना महबूबा की राजनीति को सूट नहीं करता। शुरू से ही मुफ्ती परिवार कश्मीर में जल रही आग से अपनी सियासी रोटियां सेंकता आया है।
इसी का एक सबूत हमें तब देखने को मिला जब केंद्र सरकार ने इस्लामिक चरमपंथी संगठन ‘जमात-ए-इस्लामिया-जम्मू कश्मीर’ को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया। देशहित में लिए इस फैसले का आगरा के मुसलमानों द्वारा समर्थन करने के बावजूद महबूबा ने इस पर भी धर्म आधारित ‘विक्टिम-कार्ड’ खेलने की कोशिश की, और इस फैसले को बेबुनियाद बताया।