अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के छात्रसंघ यूनियन के सदस्य ने जम्मू-कश्मीर के जमात-ए-इस्लामी संगठन पर लगाये गये प्रतिबंध को हटाए जाने की मांग की है। अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ के अध्यक्ष सलमान इम्तियाज इस संगठन पर लगाए गये बैन का विरोध किया है। उनहोंने संगठन के समर्थन में कहा कि ये प्रतिबंध गलत तरीके से लगाया गया गया है और इसे हटाया जाना चाहिए। इस बयान एक बाद अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ के अध्यक्ष की आलोचना हो रही है। बीजेपी ने भी इसपर आपत्ति जताई है। इम्तियाज ने इसे ‘सामाजिक-धार्मिक-राजनीतिक’ संगठन पर लगा प्रतिबंध एक ‘झटके’ सरीखा बताया।
एएमयू छात्र संघ के अध्यक्ष सलमान इम्तियाज ने अपने बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर के संगठन जमात-ए-इस्लामी पर गलत तरीके से कार्रवाई की गयी है। ये संगठन प्रदेश में लोगों की सेवा का काम करता है। इसका आतंकी संगठन से जुड़े होने के कोई सबूत नहीं हैं। मोदी सरकार के आने के बाद से देश में अघोषित आपातकाल जैसे हालात हैं। एएमयू छात्र जमात पर लगाए बैन के खिलाफ हैं। एएमयू छात्र संघ के अध्यक्ष ने जमात-ए-इस्लामी संगठन को संवैधानिक और लोकतांत्रिक बताया।
बता दें कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी संगठन जमात-ए-इस्लामी को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) क़ानून, 1967 के तहत गुरुवार को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके अलावा 6 जमात-ए-इस्लामी के सदस्यों को हिरासत में भी लिया गया है। इस संगठन पर राष्ट्र विरोधी और विध्वंसकारी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप लगते रहे हैं। केंद्र सरकार का मानना है कि ‘जमात-ए-इस्लामी’ लगातार आतंकवादी गुटों के साथ संपर्क में रहकर जम्मू-कश्मीर में शान्ति भंग करने में शामिल था। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली बैठक के बाद गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर ये फैसला लिया गया था। ये संगठन सरकार द्वारा 5 साल के लिए बैन की गई है। इसी प्रतिबंध के खिलाफ अब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के अध्यक्ष विरोध में उतर आये हैं।
वहीं, एएमयू छात्र संघ के अध्यक्ष के इस तरह के बयान पर भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष ने एसएसपी से मुलाकात कर अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। एएमयू छात्र संघ के अध्यक्ष द्वारा जमात ए इस्लामी पर प्रतिबंध लगाने का विरोध करने पर भाजपा सांसद सतीश गौतम ने छात्रसंघ अध्यक्ष के खिलाफ नाराजगी जताई है।
इससे पहले भी कई मौकों पर एएमयू इस तरह के विरोध की वजह से चर्चा में रहा है। चाहे वो तिरंगा यात्रा का विरोध करना हो, वंदे मातरम, भारत माता की जय को सांप्रदायिकता बताना हो, सैनिकों की शहादत का मजाक उड़ाना और जिन्ना की तस्वीर की पूजा करना हो। अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी इस तरह के विवादित मामलों की वजह से अक्सर चर्चा में रहता है और अब आतंक का समर्थन करने वाले संगठन पर लगे बैन का विरोध कर ये फिर से सुर्ख़ियों में आ गया है।




























