फेक न्यूज़ के जरिए अपना एजेंडा आगे बढ़ाने वाले सोशल मीडिया के धुरंधरों का चेहरा एक बार फिर बेनकाब हुआ है। दरअसल, अवि डांडिया के नाम के एक यूज़र ने फेसबुक पर एक वीडियो लाइव किया जिसमें उसने एक ऑडियो क्लिप के माध्यम से यह बताने की कोशिश की थी कि पुलवामा हमले की पूरी योजना भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और एक अन्य महिला ने मिलकर बनाई थी। इस ऑडियो क्लिप में कथित रूप से इन तीनों को जवानों पर हमला करने की साजिश रचते हुए सुना जा सकता था। इस वीडियो को 24 घंटे से भी कम समय में बीस लाख से ज्यादा व्यूज मिले और 1 लाख से ज्यादा बार शेयर किया गया। इस वीडियो का मकसद विपक्ष की उन आधारहीन बातों को हवा देना था जिसमें उन्होंने सरकार पर पुलवामा हमले को लेकर राजनीति करने के आरोप लगाए थे। पाकिस्तानी मीडिया में भी इस बात का ज़िक्र किया जाने लगा था कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र ही भाजपा ने इस हमले को अंजाम दिया है। फेसबुक पर वायरल होने के बाद इस वीडियो को अवि डांडिया ने अपने पेज से हटा लिया, लेकिन यूट्यूब पर यह वीडियो अभी भी मौजूद है।
ऑडियो क्लिप में अमित शाह और राजनाथ सिंह एक महिला से बात करते सुनाई दे रहे हैं। बातचीत की ट्रांस्क्रिप्ट पढ़िए-
अमित शाह: देश की जनता को गुमराह किया जा सकता है और हम मानते भी हैं चुनाव के लिए युद्ध कराने की जरूरत है।
महिला: आपके कहने से युद्ध नहीं हो जाएगा, अमित जी। बिना मुद्दे के आप युद्ध कैसे करेंगे? अगर आतंकवादी हमला भी करते हैं, तो आतंकवादी हमले की कार्रवाई हो सकती है।
राजनाथ सिंह: जवानों के सवाल पर हमारी देश बहुत ही संवेदनशील है। भावना उनके अंदर कूट कूट कर भरी होगी।
महिला: देश के जवानों को शहीद करवाना है?
राजनाथ सिंह: काम की रकम जो हो तय हो।
महिला: एक-दो से कुछ भी नहीं होगा। उरी किया था, कुछ भी नहीं हुआ। अभी चुनाव है, देश की सुरक्षा को लेकर आप बड़ा मुद्दा बना सकते हैं। उसपे राजनीति खेलें।
राजनाथ सिंह: देश की सुरक्षा से जुड़े हुए सवालों पर इस तरह की राजनीति की जानी चाहिए।
महिला: राजनीति के लिए आप युद्ध कराना चाहते हैं? एक काम करते हैं, कश्मीर में या कश्मीर के आस पास…
राजनाथ सिंह: अभी जम्मू और श्रीनगर…
महिला: वहां ब्लास्ट करेंगे। कुछ आर्मी डेड, पैरामिलिटरी फोर्सेज डेड, या CRPF डेड। एक 100-50 जवान मरेंगे तो सारे देश की देशभक्ति एक जगह हो जाएगी। आप कोई इंतजाम करें। देखें फिर क्या राजनीति होती है।
राजनाथ सिंह: इतने बहादुर जवानों की शहादत पर इस तरीके की राजनीति की जानी चाहिए।
महिला: क्या गंदी पॉलिटिक्स है अमित जी?
अमित शाह: नहीं, ये पॉलिटिक्स नहीं है भाई।
महिला: तो फिर है क्या यह? पॉलिटिक्स ही है। गंदी पॉलिटिक्स।
अमित शाह: मुझे सीधा पूछ रहे हो? सुनिए अब, यह क्यों हुआ? कैसे हुआ?
महिला: मुझे नहीं सुनना है अमित जी, वैसे भी मैं नहीं करुंगी तो कोई और कर देगा। बम ब्लास्ट करवाना है बम ब्लास्ट करवा देंगे। आप लोग जैसा चाहते हैं वैसा हो तो जाएगा। देश के जवान शहीद होंगे। उनके घर में.. उनके घर का माहौल क्या होगा.. आपने कभी सोचा है इसके बारे में..
अमित शाह: देश के हर सैनिक घर का वातावरण क्या होगा?
महिला: खौफ बैठ गया है और क्या?
अमित शाह: डर बैठ रहा है, खौफ बैठ रहा है और कोई रास्ते नहीं होते।
महिला: रास्ते तो बहुत होते हैं अमित जी। EVM था न आपके पास। यह सैनिकों को मरवाना, जवानों को मरवाना, यह मुझे समझ में नहीं आ रहा है। फिर भी आप चाहते हैं तो ब्लास्ट करवा देंगे। 100-50 जवान मरेंगे। वैसे भी आप ही कहते हैं न, जवान सेना में भर्ती होते हैं शहीद होने के लिए। लेकिन दुश्मनों के साथ अब आप लोग भी दुश्मन बने हुए हैं सेना के। तो कौन क्या कर सकता है?
अमित शाह: ऐसा ही होता है। हम कैसे बदल सकते हैं इसको?
महिला: मुझे बहस नहीं करनी आपसे, काम कर देंगे, पैसे भिजवा दीजिएगा और 12, 13 फरवरी तक ये सारा कुछ ताम-झाम करके आपको मैं फिर फोन करती हूँ। पैसे भिजवा दीजिएगा।
अमित शाह: मैं बताता हूं।
अब इस ऑडियो क्लिप को लेकर यह खुलासा हुआ है कि इन दोनों नेताओं द्वारा दिए जा रहे इन बयानों को उनके अलग-अलग इंटरव्यूज से बाइट्स निकालकर तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। जैसे इंडिया टुडे को दिए गए एक इंटरव्यू में राजनाथ सिंह ने कहा था ”इतने बहादुर जवानों की शहादत पर इस तरीके की राजनीति नहीं की जानी चाहिए” जिसके बाद इस बाइट से ‘नहीं’ हटाकर इस ऑडियो क्लिप में जोड़ दिया गया। ऐसे ही अमित शाह के बयानों को भी उनके ‘ज़ी-न्यूज़’ में दिए इंटरव्यू में से निकालकर तोड़-मरोड़ कर इस ऑडियो क्लिप में डाल दिया गया। अमित शाह ने इस इंटरव्यू में कहा था ”चुनाव जीतने के लिए कोई युद्ध कराने की जरूरत नहीं है, जिसे इस क्लिप में ‘कोई’ और ‘नहीं’ हटाकर जोड़ दिया गया।
अब सवाल यह उठता है कि इस ऑडियो क्लिप को किसने और क्यों तैयार किया? मुद्दाहीन विपक्ष अब फेक न्यूज़ के जरिए लोगों का आकर्षण अपनी ओर करने में लगा है। जवानों की शहादत को लेकर भी ऐसी संवेदनहीन झूठी खबरें फैलाना अति निंदनीय हैं।