ब्रिटिश-डच कंपनी जो भारत में हिंदुस्तान-यूनीलीवर के नाम से चलती है। इसकी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के लिए खूब आलोचना मिल रही है। हालांकि, ये पोस्ट इस हिंदुस्तान-यूनीलीवर ने डिलीट कर दिया है लेकिन यूजर्स ने इसका स्क्रीन शॉट ले लिया था जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। यही नहीं ट्विटर पर #BoycottHindustanUnilever ट्रेंड भी कर रहा है। दरअसल, हिंदुस्तान-यूनीलीवर ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट शेयर किया था जिसमें कुंभ मेले का जिक्र था। ये पोस्ट हिंदू विरोधी था जिसका मकसद कुंभ मेले को लेकर लोगों तक गलत संदेश भेजने का लगता है।
इस पोस्ट में लिखा था, “कुंभ मेला एक ऐसी जगह है जहां लोग अपने बुजुर्ग अभिभावकों को छोड़ कर आते हैं। क्या ये दुखद नहीं है कि हम अपने बुजुर्गों की परवाह नहीं करते? रेड लेबल हमे ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करता है कि वो ऐसे लोगों का हाथ थामें जिन्होंने हमें बनाया है। देखें ये दिल को छू लेने वाली वीडियो। एक कड़वा और आंखें खोल देने वाली सच्चाई।” ये पोस्ट इस कंपनी ने अपनी चाय “रेड-लेबल” के लिए के प्रचार के लिए लिखी थी जिसमें एक वीडियो भी शेयर किया गया था। इस वीडियो में एक व्यक्ति अपने को इस तरह के भीड़ में छोड़ आता हो, जिसे देखकर ऐसा लगता है कि ये भारतीय समाज के लिए आम बात हो! इस वीडियो में कुंभ मेले को वो स्थान करार दिया है जहां “बुजुर्ग लोगों को छोड़ दिया जाता’ है। इस तरह के पोस्ट के लिए हिंदुस्तान-यूनीलीवर की हर तरफ आलोचना हो रही है।
ऐसा लगता है कि व्यक्तिगत एजेंडा को आगे बढ़ावा देने के लिए जानबूझकर हिंदुओं के त्योहारों का अब मजाक बनाया जाने लगा है। इस एड का थीम घटिया है जिसमें कुंभ को लेकर एक नकारात्मक छवि को उभारने का प्रयास किया गया है। इस तथ्य को जानते हुए कि बुजुर्ग माँ-बाप को इस तरह से छोड़ना नैतिकता के खिलाफ होता है। ऐसा लगता है इस एड को बनाने वाला हिंदूफोबिया से पीड़ित हैं। वास्तव में ये एड हिंदूफोबिया के एजेंडे को और बढ़ावा दे रहा है। भारत में हिंदुस्तान यूनिलीवर एक जानी-मानी कंपनी है। इस तरह से इस कंपनी द्वारा ऐसे प्रचार को बढ़ावा देने से लोगों के बीच कुंभ को लेकर गलत संदेश जायेगा खासकर इस कंपनी का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं की विचारधारा को प्रभावित करेगा।
हिंदुस्तान-यूनीलीवर के इस हिंदू विरोधी पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर उसकी खूब आलोचना होने लगी जिसके बाद इस कंपनी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट को डिलीट कर दिया। यूजर्स ने लिखा:
The old man from Himachal pradesh was with his son, Son did not abandoned him.
The lady with bag in her hand brought her parents to the Kumbh, She too did not abandoned them…
Stop defame Hinduism#BoycottHULProducts #BoycottHindustanUnilever pic.twitter.com/PhzxXrd2Ys— नंदिता ठाकुर 🇮🇳 (@nanditathhakur) March 7, 2019
Of the #HUL brands, I found I've already left most of them. Their products—Lux, Ponds and that grotesque fraud called "Fair and Lovely" are toxic. Don't choose cancer. #BoycottHindustanUnilever
Reply with a brand you still use of theirs, and/or suggest the alternatives.— Sankrant Sanu सानु संक्रान्त ਸੰਕ੍ਰਾਂਤ ਸਾਨੁ (@sankrant) March 7, 2019
https://twitter.com/Payal_Rohatgi/status/1103513699820568576
This is Nonsense ! How come you guys hv guys to malign the tolerant Hindus only ! I will #boycott all yr products From now on #BoycottHindustanUnilever #BoycottUnileverProducts
— Mamta (मोदी का परिवार ) (@mamtan14) March 7, 2019
आलोचना के बाद ट्वीट को डिलीट कर हिंदुस्तान-यूनीलीवर ने कुछ बदलाव कर फिर से वीडियो पोस्ट किया।
.@RedLabelChai encourages us to hold the hands of those who made us who we are. Watch the heart-warming video #ApnoKoApnao pic.twitter.com/P3mZCsltmt
— Hindustan Unilever (@HUL_News) March 7, 2019
वैसे ये पहली बार नहीं जब किसी हिंदू पूर्व के प्रति इस तरह के एड सामने आये हो। होली हो या दिवाली ऐसे कई हिंदू त्योहार पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं और अब इस सूची में कुंभ मेला भी जुड़ गया है। भाषण और अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर इस तरह से अपने एजेंडे को बढ़ावा देना कहां तक उचित है?