म चुनाव 2019 के लिए बिगुल बज चुका है। 11 अप्रैल से मतदान शुरू हो जाएंगे जो 7 चरणों में पूरे होंगे। इसके बाद 23 मई को चुनावी नतीजों के साथ ही नई सरकार की तस्वीर सबके सामने होगी। भले ही चुनावी नतीजे 23 मई को आएं लेकिन 17 वीं लोकसभा में कौन सरकार में रहेगा, इसकी खुशबू अभी से आने लगी है। चुनावी सर्वे, राजनीतिक विश्लेषक और ज्योतिषाचार्य तो अपना विश्लेषण कर ही रहे हैं लेकिन शेयर बाजार ने भी साफ-साफ संकेत दे दिये हैं कि, उसे क्या पसंद है।
शेयर बाजार के रूख से स्पष्ट है कि, मोदी सरकार ही सबकी फेवरेट सरकार है। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बाजार चाहता है कि केंद्र में मजबूत सरकार बने। केंद्र में मजबूत सरकार होने का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखेगा। दरअसल, चुनाव की अनिश्चितता, पाकिस्तान के साथ तनाव की स्थिति और भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर की संभावना के चलते बाजार को मजबूत बुनियाद की आवश्यक्ता है। बाजार नहीं चाहता कि देश में कोई महागठबंधन वाली जोड़-तोड़ की सरकार आए। जैसे ही लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हुई, वैसे ही शेयर बाजार में जोरदार तेजी दर्ज की गई है। सोमवार को सेंसेक्स में 300 से ज्यादा अंको की तेजी आई, वहीं, निफ्टी 11 हजार के स्तर को पार कर गया। मॉर्गन स्टेनली ने साफ-साफ कहा है कि केंद्र में मजबूत सरकार की वापसी की संभावना बनी है, जिसका आने वाले हफ्तों में बाजार पर असर दिखेगा।
ग्लोबल ब्रोकरेज मॉर्गन स्टैनली ने अपनी रिपोर्ट में उम्मीद जताई है कि, इस साल के अंत तक सेंसेक्स 42,000 अंकों तक पहुंच जाएगा। रिपोर्ट में यह भी उम्मीद की गई कि, दिसंबर 2019 तक सेंसेक्स 47,000 का स्तर भी पार कर सकता है। सेंसेक्स में कमजोरी आने पर इसके 33,000 तक फिसलने का अनुमान लगाया जा रहा हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि, ऐसा तभी होगा जब चुनावों के नतीजों में किसी गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाएगा। इस रिपोर्ट से स्पष्ट है कि, बाजार चाहता है कि वर्तमान की बहुमत वाली मजबूत सरकार ही सत्ता में रहे।
एजेंसी ने कहा, ‘पिछले आठ हफ्तों के दौरान सियासी मोर्चे पर होने वाली गतिविधियां, जिसमें चुनाव पूर्व गठबंधन की घोषणा भी शामिल है, किसानों की सब्सिडी राहत और सीमा पर हुई सैन्य कार्रवाई अगले आम चुनाव में ध्रुवीकरण को बढ़ा सकती हैं और इससे मजबूत सरकार के आने की संभावना बढ़ गई है।’
मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘बुनियाद मजबूत नजर आ रहे हैं और यह मजूबती का संकेत हैं, क्योंकि वैल्यूएशंस मध्यम स्तर पर है। पीएमआई के आंकड़ों को देखते हुए ग्रोथ में मजबूती आने की संभावना है। क्रेडिट ग्रोथ पिछले कई सालों के उच्चतम स्तर पर है और कॉरपोरेट रेवेन्यू ग्रोथ पिछली बीस तिमाहियों की ऊंचाई पर है। वहीं कॉरपोरेट मुनाफा पिछली 25 तिमाहियों के उच्चतम स्तर पर है।’
ग्लोबल ब्रोकरेज मॉर्गन स्टैनली ने अपनी रिपोर्ट में तीन तरह के अनुमान लगाए हैं जो कि निम्न हैं।
बेस केस-
दिसंबर 2019 तक सेंसेक्स 42,000 तक जा सकता है। इसकी संभावना 50 फीसदी है। 2019 में साल-दर-साल आधार अर्निंग ग्रोथ 21 फीसदी और 2020 में 24 फीसदी रहने का अनुमान है। यह स्थिति तब आएगी जब देश में इस बार की तरह ही बहुमत वाली मजबूत सरकार जीत कर आएगी और इसकी संभावना सबसे ज्यादा है।
बुल केस-
बाजार में यदी बुल रन की शुरुआत हुई, तो बाजार साल के अंत तक 47,000 के स्तर को छू सकता है। इसकी संभावना 30 फीसदी है। हालांकि, यह स्थिति मजबूत चुनावी नतीजे और एक पार्टी को बहुमत मिलने की स्थिति में ही आएगी। 2019 में साल-दर-साल आधार अर्निंग ग्रोथ 29 फीसदी और 2020 में 26 फीसदी रहने का अनुमान बताया गया है।
बियर केस-
वहीं, बियर रन के मामले में सेंसेक्स 33,000 तक जा सकता है। इसकी संभावना 20 फीसदी है। हालांकि, यह तभ ही संभव होगा जब वैश्विक स्थितियां खराब होंगी और चुनावी नतीजे ठीक नहीं होंगे। देश में जोड़-तोड़ की महागठबंधन की सरकार आने पर इसकी संभावना होगी।
इस तरह यह रिपोर्ट साफ-साफ यह संकेत दे रही है कि बाजार बहुमत वाली मजबूत सरकार चाहता है जो मोदी सरकार के अलावा इस समय दूसरी कोई दिखाई नहीं दे रही।