भारतीय वायुसेना द्वारा बालाकोट में एयर स्ट्राइक के बाद भारतीय विपक्ष कितना व्याकुल है, यह उनके बयानों को सुनकर ही पता लगाया जा सकता है। कांग्रेस हो, टीएमसी हो या कोई अन्य विपक्षी दल,ये सभी केंद्र सरकार पर पहले ही देश को युद्ध की ओर धकेलने का आरोप लगा चुके हैं। जाहिर है बीजेपी की राष्ट्रप्रेमी राजनीति से कुछ राजनीतिक पार्टियों का अस्तित्व खतरे में हैं। खतरे में तो उनका करियर भी है जो अभी सही ढंग से भारतीय राजनीति में खुद को स्थापित भी नहीं कर पाए हैं,या यूं कहें कि बीजेपी सरकार पर निशाना साधने के चक्कर में वो अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने का काम बड़े जोश से कर रहे हैं, और करें भी क्यों ना, हार का ठीकरा फोड़ने के लिए ईवीएम तो है ही!
Modiji :
Is international media :
1) New York Times
2) London based Jane's Information Group
3) Washinton Post
4) Daily Telegraph
5) The Guardian
6) Reutersreporting no proof of militant losses at Balakot pro-Pakistan ?
You are guilty of politicising terror ?
— Kapil Sibal (@KapilSibal) March 4, 2019
Many kudos for Wing Commander abhi Varthaman the face of India’s resistance to enemy aggression. Great poise and confidence in face of adversity. We are proud that he received his wings in 2004 and matured as fighter pilot during UPA
— Salman Khurshid (@salman7khurshid) March 2, 2019
दरअसल, कांग्रेस पार्टी इस गलतफहमी में जीती है कि पूरे देश में देशविरोधी लोगों की संख्या का प्रतिशत उतना ही है जितना कि कांग्रेस पार्टी में! और भाजपा को बैकफुट पर धकेलने के चक्कर में देश का विपक्ष अपने आप को ही देश की राजनीति से रफूचक्कर करने का काम भी बड़ी शिद्दत से कर रहा है। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बयान को ही देख लीजिये जिन्हें न पुलवामा हमले में पाकिस्तान का हाथ नजर आता है और न ही सेना द्वारा की गयी सर्जिकल स्ट्राइक सच्ची लगती है। दिग्विजय सिंह ने तो पुलवामा हमले को ‘एक दुर्घटना’ करार दे दिया। ऐसा ही कुछ पश्चिम बंगाल की मुखिया ममता बनर्जी भी कर रही हैं। उन्होंने तो सेना से सबूत तक की मांग कर दी। अब सभी विपक्षी दल कुछ न कुछ कह रहे हैं तो भला आम आदमी पार्टी के नेता कैसे पीछे रहते। मौका देखते ही केजरीवाल भी कूद पड़े इस गंदी राजनीति में और बीजेपी को ही पुलवामा हमले का दोषी ठहरा दिया।
इससे भी शर्मनाक तो ये रहा कि पाकिस्तानी मीडिया और पाकिस्तानी नेता अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के इन नेताओं के बयानों का इस्तेमाल अपने तर्क-वितर्क और सबूतों के लिए कर रहे हैं। हालांकि, यहां विपक्ष की इस गंदी राजनीति का जवाब खुद देश की जनता ने दिया। यही नहीं देश की जनता के सामने इन देश विरोधी गतिविधियों का समर्थन करने वाले विपक्षी नेताओं का असली चेहरा भी सामने आ गया। फिर भी ये विपक्षी पार्टियां अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही, और तो और बड़े ही शर्मनाक तरीके से उन लोगों को ये ‘संघी’ होने का टैग दे रही हैं जो इनके खिलाफ बोल रहा है।
ऐसा लगता है कि विपक्ष को ये बात अबतक समझ नहीं आई कि पुलवामा हमले में 40 जवानों को खोने के बाद देशवासियों के खून में देशभक्ति की भावना बड़े जोर-शोर से दौड़ रही है। वो किसी भी तरह की बेतुकी राजनीति से परे सिर्फ देश हित के लिए जोर-शोर से पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
हमेशा से ही हमारे देश के लिए पाकिस्तान का दोगला रुख संवेदनशील मुद्दा रहा है और भारत के विपक्ष ने पाकिस्तान की बोली बोलकर कम से कम 10 साल के लिए कब्र में अपना रोटी-पानी का जुगाड़ कर लिया है। बेशक वर्ष 2014 के चुनावों के समय भ्रष्टाचार का मुद्दा सबसे प्रमुख रहा था, लेकिन आंतरिक व बाहरी सुरक्षा के मुद्दे भी उतने ही महत्वपूर्ण रहें हैं। कांग्रेस ने अपने राज के समय भ्रष्टाचार को मिटाने पर नहीं बल्कि भ्रष्टाचार करने पर भरपूर जोर दिया जिसकी वजह से मोदी को भी उनके खिलाफ कभी हमला बोलने में कोई दिक्कत नहीं हुई।