पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से ही पूरे देश में गुस्सा है। हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान में आधारित आतंकी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ ने एक वीडियो जारी कर इस हमले की जिम्मेदारी ली थी लेकिन हमारा पड़ोसी पाकिस्तान है कि मानता ही नहीं। उसने एक बार फिर से राग अलापा कि पाकिस्तान का इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है व भारत को अगर ऐसा लगता है तो उसे पाकिस्तान को सबूत सौपनें होंगे । ये बात दुनिया जानती है कि पाक सेना व पाकिस्तान की कठपुतली सरकार हमेशा से ही आतंकियों को पोषित करती आई है। अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी ने स्वयं ही अपने आप को एक्सपोज़ कर दिया है। दरअसल, एक अंतर्राष्ट्रीय चैनल को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने ये स्वीकार कर लिया है कि आतंकी मसूद अजहर पाकिस्तान में ही है व उसकी हालत ‘बेहद नाजुक’ है। उन्होंने आगे कहा कि ”वो बहुत बीमार है और उनका घर से बाहर निकलना भी मुश्किल है’। “
मसूद अजहर आतंकी संगठन ‘जैश-ऐ-मोहम्मद’ का सरगना है। इसी संगठन ने 14 फरवरी को पुलवामा में आतंकी हमला करवाया था। वैसे ये पहली बार नहीं है इस संगठन ने पहले भी वह भारत में कईं आतंकी घटनाओं को अंजाम दे चुका है। वर्ष 2001 में हुए भारतीय संसद पर हमले हो या वर्ष 2016 में पठानकोट और उरी में हए हमले, जिनमें हमारे 19 जवान शहीद हुए थे, इन सब हमलों के पीछे इसी मसूद अजहर का हाथ रहा है। भारत कई बार इस आतंकी को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से एक ‘वैश्विक-आतंकवादी’ घोषित करवाने की कोशिशें कर चुका है लेकिन हर बार पाकिस्तान का ‘ऑल-वैदर फ्रैंड’ चीन इसमें अड़ंगा लगाता रहा है ।
भारत में हुए पुलवामा हमले के बाद अब फिर से भारत ने इस आतंकी को संयुक्त राष्ट्र से आतंकी घोषित करवाने की कवायद तेज कर दी है, जिसमें भारत को अमेरिका, फ्रांस व ब्रिटेन से समर्थन मिला है। इसके साथ ही इन देशों ने ही यूएन में सबंधित प्रस्ताव रखने में हामी भरी है । हालांकि, इस बात की आशंका बेहद कम ही हैं कि मसूद अजहर को लेकर चीन अपने रुख में इस बार भी कोई बदलाव लाएगा ।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस पुलवामा हमले को लेकर कहा कि भारत को उन्हें सबूत सौपनें चाहिए। ‘ठोस-सबूत’ दिए जाने पर वह किसी भी लिप्त संगठन पर कार्रवाई करेंगे। हालांकि, जिस देश में संयुंक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी हाफ़िज़ सईद खुलेआम घूमता हो, रैलियां करता हो, उस देश के प्रधानमंत्री के मुंह से ये बातें शोभा नहीं देती। आपको बता दें कि भारत ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद के खिलाफ भी पाकिस्तान को ठोस प्रमाण दिए थे, लेकिन आज तक पाकिस्तानी सरकार उसके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई करने में असफल रही है ।
भारत सरकार ने इस बार भी पाकिस्तान को जैश के खिलाफ एक विस्तृत डोजियर सौंप दिया है लेकिन पाकिस्तान के रुख में अभी भी कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा है। पिछले कुछ समय से इमरान खान कईं मौकों पर भारत से रिश्ते अच्छे करने की बात कह चुके हैं लेकिन एक तरफ वो रिश्तों को सुधरने और शान्ति की दुहाई देते हैं वहीं दूसरी तरफ पाक भारत की सीमा पर सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने का काम भी कर रहा है। जबसे पाकिस्तान पर भारत के प्रयासों की वजह से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दबाव बढ़ा है तबसे वो पूरी दुनिया को दिखाने के लिए आतंकी संगठन के खिलाफ कार्रवाई करने का ढोंग कर रहा है। अब ये मानना कि मसूद अजहर पाक में ही है ये भी पाक के राजनीति का हिस्सा है। हालांकि, उसकी बातों में कितनी सच्चाई है और वो कितना अपने कहे शब्दों पर अमल करता है ये आने वाले वक्त में जल्द ही पता भी चल जायेगा।