दुनिया भर की सरकारों के कामकाज पर नज़र रखने वाली संस्था ‘अ पोलिटिकल’ ने दुनिया के शीर्ष 100 ऐसे नेताओं के नाम की सूची जारी की है जिन्होंने पर्यावरण की रक्षा एवं संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। भारत के लिए गर्व की बात यह है कि इस सूची में तीन भारतीयों के नाम भी शामिल हैं, जिनमे केंद्रीय रेल एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन एवं पुणे से भाजपा की मेयर मुक्ता तिलक का नाम शामिल है। कार्बन उत्सर्जन पर भारत को पाठ पढाने वाले पश्चिमी देशों के लिए यह किसी झटके से कम नहीं है।
अ पोलिटिकल ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के लिए लिखा ”केंद्रीय मंत्री रहते हुए उन्होंने वैज्ञानिकों को ऐसी तकनीक विकसित करने के लिए प्रेरित किया जिससे कि पर्यावरण की समस्याओं का निवारण किया जा सके। उन्होंने भारत को पर्यावरण संरक्षण में विश्व गुरु बनाने में भी अहम भूमिका निभाई है। वर्ष 2008 में उन्होंने दिल्ली में प्लास्टिक के खिलाफ अभियान छेड़ने के साथ-साथ ‘ग्रीन शॉपर अभियान’ भी चलाया जिसमें पर्यावरण संरक्षण सम्बन्धी चीज़ों का निर्माण करने वाले उद्योगों के साथ सरकार की साझेदारी बढ़ाने पर जोर दिया गया था।”
अपनी वेबसाइट पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की तारीफ करते हुए उन्होंने लिखा ”इन्होंने अपने कार्यकाल में 18 हज़ार गावों में बड़ी तेज गति से बिजली पहुंचाने का मुकाम हासिल किया, अपने देश के ऊर्जा सेक्टर में बड़े सुधार लाने में इनकी अहम् भूमिका रही है। उनके कार्यकाल में, भारत ने दुनिया के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार कार्यक्रम के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा का व्यापक प्रसार देखा। वह ऊर्जा नीति में योगदान के लिए 2018 कार्नोट पुरस्कार के प्राप्तकर्ता है।” इसके साथ ही इस संस्था ने दुनिया के सबसे बड़े एलईडी बल्ब वितरण कार्यक्रम के सफलता का श्रेय भी पीयूष गोयल को दिया है। इनके अलावा इस संस्था ने पुणे से मेयर मुक्ता तिलक की प्रशंसा करते हुए लिखा है कि उन्होंने पुणे में ठोस कचरा प्रबंधन के सफल कार्यक्रम में निर्णायक भूमिका अदा की एवं वायु प्रदूषण को भी काफी हद तक कम करने में वे सफल रहीं।
यहां आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि अमेरिका, कनाडा समेत पश्चिमी दुनिया के कई देश कार्बन उत्सर्जन को लेकर भारत की आलोचना करते आये हैं, और भारत पर पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी कदम ना उठाने का आरोप मढ़ते आये हैं। पिछले वर्ष फरवरी में पेरिस जलवायु समझौते से बाहर निकलते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत और चीन पर इस समझौते के तहत ‘बेबुनियाद फायदे’ लेने के आरोप लगाए थे। अब ऐसे में इस सूची में भारत के दो केंद्रीय मंत्रियों के नाम आने से दुनिया भर में यह सन्देश गया है कि भारत वाकई पर्यावरण संरक्षण हेतु जरूरी कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है एवं इसपर उसे किसी अन्य देश के ‘भाषण’ की कोई आवश्यकता नहीं।