प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना’ नाम से एक बड़ी योजना लॉन्च की है। इस योजना से जुड़ने वाले लोगों को 60 साल की उम्र के बाद हर महीने तीन हजार रुपये की पेंशन मिलेगी। देश के कामगारों के लिए लॉन्च की गई इस जनकल्याणकारी योजना के लिए 15 फरवरी से ही रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। अब तक इस योजना से देश के करीब 11.5 लाख लाभार्थी जुड़ चुके हैं और करीब 13.5 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इतने ही रुपये भारत सरकार की ओर से दिये हैं।
इस योजना की घोषणा अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट के दौरान की थी। इस योजना के लिए बजट में 500 करोड़ रुपए की राशि का भी आवंटन किया गया था। प्रधानमंत्री श्रम मानधन पेंशन योजना का मुख्य लक्ष्य असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को रिटायरमेंट के बाद सुरक्षा देना है। सरकार का कहना है कि, इस योजना से करीब 10 करोड़ कामगारों को फायदा होगा। इस समय भारी संख्या में लोग इस योजना में रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं। रजिस्ट्रेशन करवाने वालें में गुजरात, हरियाणा और महाराष्ट्र सबसे आगे है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज गुजरात के गांधीनगर से इस योजना का शुभारंभ किया है। प्रधानमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना’ का शुभारंभ कर 11,51,000 लाभार्थियों तक 13,58,31,918 रुपये की धनराशि सीधे पेंशन खातों में ट्रांसफर भी की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज हम सभी एक ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं। आज के इस कार्यक्रम का होस्ट गुजरात है, लेकिन इस कार्यक्रम में इस समय पूरे देश से करीब दो करोड़ लोग तकनीक के माध्यम से शामिल हुए हैं। देश के लगभग 42 करोड़ श्रमिकों, कामगारों की सेवा में समर्पित है। पीएम ने विपक्षी पार्टियों पर तंज कसते हुए कहा, ‘आज बिचौलियों के हमदर्द परेशान हैं। इसलिए ये मोदी हटाओ-मोदी हटाओ चिल्ला रहे हैं लेकिन आपके आशीर्वाद से ये चौकीदार अड़ा है और अपने इरादों पर खड़ा भी है। वो मोदी पर स्ट्राइक करने में लगे हैं और मोदी आतंक पर स्ट्राइक करने में जुटा है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया, ‘इस योजना का हिस्सा बनने के लिए श्रमिक साथियों को नजदीकी कॉमन सेंटर में जाकर फॉर्म भरना होगा। आपका काम सर्विस सेंटरों पर कुछ ही मिनटों में हो जाएगा। यही तो डिजिटल इंडिया का कमाल है। 2014 से पहले देश में जहां लगभग 80 हजार कॉमन सर्विस सेंटर थे। वहीं अब हमारी सरकार में इनकी संख्या बढ़कर के 3,00,000 से ज्यादा हो गई है। अब यही सर्विस सेंटर प्रधानमंत्री मानधन योजना से जुड़ने वाले कामदार साथियों की सहायता करेंगे।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिनके लिए गरीबी सिर्फ फोटो खिचवाने का खेल होता है, जिसे कभी भूखे पेट सोने का दर्द नहीं पता उसके लिए गरीबी एक मानसिक अवस्था होती है। हमारे लिए तो गरीबी एक बहुत बड़ी चुनौती है। गरीबी से जूझने के लिए पूरा परिवार खप जाता है। कोई भी गरीब, वो चाहे अनपढ़ ही क्यों न हो, वो भी इस योजना से आसानी से जुड़ सकता है। ऐसे श्रमिक जिनकी उम्र 18 से 40 साल के बीच है और मासिक कमाई 15,000 रुपये से कम है, वो सभी इस योजना से जुड़ सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘देशभर के सभी कामगार साथी जो घरों में सेवक के रूप में काम कर रहे हैं, कबाड़ से आजीविका कमाते हैं, खेत मजदूरी कर रहे हैं, सड़कों-घरों के निर्माण में जुटे हैं, रेहड़ी-ठेले चलाते हैं, बुनकर हैं, ऐसे कामों से जुड़े सभी कामगार साथियों को बहुत बधाई। मुझे एहसास है कि देश के करोड़ों गरीबों के मन में ये सवाल रहता था कि जब तक हाथ-पैर चलते हैं, तब तक तो काम भी मिल पाएगा, थोड़ा बहुत पैसा भी मिलेगा, लेकिन जब शरीर कमजोर हो जाएगा तब क्या होगा? उम्र के उस पड़ाव में, जब आय का कोई साधन न हो, तो वो समय बहुत पीड़ादायक होता है। यही पीड़ा मेरे मन मस्तिष्क में थी। उसी पीड़ा में से इस योजना ने जन्म लिया है- प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना। गरीबों के नाम पर वोट बटोरने वालों ने 55 साल तक देश में राज किया, लेकिन असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए कोई योजना नहीं बनाई। इसका कारण है नीयत में।’
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना में सरकार ने पेंशन का लाभ उठाने वाले लोगों के लिए कुछ शर्तें भी रखीं हैं। यदि कोई लाभार्थी 18 साल की उम्र में इस स्कीम में हिस्सा लेता है तो उसे 55 रुपये प्रीमियम के तौर पर देना होगा। 29 साल की उम्र में योजना का हिस्सा बनने पर 100 रुपये मासिक का प्रीमियम देना होगा। 40 साल की उम्र में जुड़ने वालों को 200 रुपये का मासिक अंशदान करना होगा।