कल पीएम मोदी ने एक बड़ा एलान करते हुए देश को बताया था कि भारत सफलतापूर्वक ‘मिशन शक्ति’ का परिक्षण करके एक बड़ी अंतरिक्ष महाशक्ति के रूप में उभरा है। भारत ने कल अंतरिक्ष में मौजूद एक जिन्दा उपग्रह को तबाह कर अपने आप को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल कर लिया जिनके पास ऐसा करने की तकनीक है। हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ऐसे मौके पर भी घटिया राजनीति करने का अवसर नहीं छोड़ा। राहुल गांधी ने मिशन शक्ति पर ट्वीट करते हुए पीएम मोदी पर हमला बोला और पीएम मोदी को विश्व थिएटर दिवस की बधाई दे डाली।
Well done DRDO, extremely proud of your work.
I would also like to wish the PM a very happy World Theatre Day.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 27, 2019
दरअसल, ऐसा करके वे पीएम मोदी पर नौटंकी करने का तंज कस रहे थे, लेकिन उसके एक दिन बाद ही राहुल गांधी की एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई जिसने कांग्रेस अध्यक्ष के थिएटर कौशल को दुनिया के सामने बेपर्दा कर दिया।
देश की इतनी बड़ी उपलब्धि पर भी राजनीतिक व्यंग करके राहुल गांधी ने डीआरडीओ के उन कर्मठ वैज्ञानिकों का अपमान किया है जिन्होंने दिन रात कड़ी मेहनत से भारत को इस अंजाम तक पहुंचाया है। देश की सुरक्षा जैसे तमाम संवेदनशील मुद्दों पर राहुल गांधी की शर्मनाक बचकाना राजनीति ही हमें देखने को मिलती है। चाहे एक तरफ उनके द्वारा डोकलाम विवाद के समय चीन के राजदूत के साथ छुप-छुपकर मिलना हो, महत्वपूर्ण रफाल डील पर फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ कथित मुलाक़ात की बात हो, या फिर अब मिशन शक्ति पर बेहूदा ट्वीट, हर बार हमें उनका राजनीतिक बचपना ही देखने को मिलता है। हालांकि, इस ट्वीट को करने से पहले वे यह भूल गए कि वर्ष 2012 में कांग्रेस सरकार ने ही देश के वैज्ञानिकों को एंटी-सैटेलाइट हथियार बनाने से रोका था और इसका खुलासा स्वयं उस वक्त के डीआरडीओ प्रमुथ वीके सारस्वत ने किया है।
हालांकि, पीएम मोदी पर ‘नौटंकी’ का तंज कसने के सिर्फ एक दिन बाद ही उन्होंने अपने थिएटर कौशल का भरपूर मंचन किया। दरअसल, राहुल गांधी की रैलियों के दौर के बीच उनके साथ एक नाटकीय और फ़िल्मी घटना घटित हुई। राजेंद्र व्यास नामक एक पत्रकार का हुमांयू रोड पर एक्सीडेंट हुआ और उसी वक्त राहुल गांधी का काफिला वहाँ से गुजर रहा था। इसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी एक वीडियो खूब वायरल हुई जिसमें राहुल गांधी उस ‘घायल’ पत्रकार के माथे को पौंछते हुए नज़र आ रहे हैं। इसके बाद वह ‘घायल’ पत्रकार दोबारा राहुल गांधी को उनका माथा पौंछने का अनुरोध करते हुए कहता है कि वे उनकी इस वीडियो को अपने अन्य पत्रकार साथियों के साथ साझा करेंगे, जिसके बाद राहुल गांधी और ज़्यादा शिद्दत के साथ उनके माथे को साफ करने लगते हैं। हालांकि दिलचस्प बात यह है कि वीडियो में कहीं पर भी उस पत्रकार के माथे पर चोट या खून का कोई निशान नहीं दिखाई देता।
Congress president @RahulGandhi helped an injured journalist Rajendra vyas & took him to AIIMS in his vehicle
via @AshishSinghLIVE pic.twitter.com/oOQAoGa4Dt— Vikas Bhadauria (@vikasbha) March 27, 2019
इसी कड़ी में पत्रकार राजेंद्र व्यास ने एक अन्य वीडियो भी सोशल मीडिया पर डाली जिसमें वे अपने सर पर एक मोटी पट्टी बांधे नज़र आ रहे हैं। वे अपनी वीडियो में कहते हैं ”मेरा एक्सीडेंट हुआ था, मेरे भाग्य बहुत अच्छे थे कि पीछे राहुल गांधी जी आ रहे थे, उन्होंने एम्स में मेरा इलाज करवाया। मैंने उनसे कहा कि आपसे मिलना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है, लेकिन राहुल जी ने कहा की आपको चोट आई है और अभी आपका इलाज करवाना सबसे महत्वपूर्ण है।”
The media person – Rajendra Vyas who was helped by @RahulGandhi after he met with an accident has been discharged @INCIndia pic.twitter.com/EIfyg617qy
— Neelam Pandey (@NPDay) March 27, 2019
पहली वीडियो में पत्रकार राजेंद्र व्यास को कोई खास चोट आई हुई नहीं दिखाई देती लेकिन दूसरी वीडियो में उनके सिर पर बंधी पट्टी कई सवाल खड़े करती है। वहीँं यह भी सवाल खड़ा होता है कि राहुल गांधी के प्राथमिक उपचार के बाद उनके ‘घाव’ साफ हुए या फिर कोई घाव था ही नहीं। अगर कोई घाव नहीं था तो फिर राहुल गांधी क्यों इतनी उत्सुकता से उनकी चोट साफ करने का ढोंग कर रहे थे? चुनाव शुरू होने में मात्र दो हफ्तों से भी कम समय बचा है, ऐसे में राहुल गांधी की ऐसी विवादास्पद वीडियो का सोशल मीडिया पर वायरल होना अपने आप में बड़ा दिलचस्प है।