विपक्ष और मोदी विरोधियों के पास इन दिनों मुद्दों का अकाल पड़ा हुआ है। यही कारण है कि, मौजूदा सरकार के विरोधी लोग तथ्यों को तोड़-मरोड़कर व झूठ का सहारा लेकर बीजेपी को बदनाम करने में लगे हैं। ऐसा ही एक झूठ इन दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ फैलाया जा रहा है। योगी की एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि योगी वोट के लिए खुलेआम नोट बांट रहे हैं।
कईं फेसबुक पेजों पर यह वीडियो शेयर की जा रही है। हाल ही में यह वीडियो ‘I support Ravish kumar NDTV’ नाम के फेसबुक पेज पर भी शेयर की गई। वीडियो के टाइटल में लिखा है कि, “देखो योगी वोट के लिए कैसे खुले आम नोट बाँट रहा है। अब क्या इलेक्शन कमीशन इसके अगेंस्ट कुछ एक्शन लेगी, ये है हारने का डर।” लगातार शेयर की जा रही इस वायरल वीडियो में योगी आदित्यनाथ एक आराम-कुर्सी पर बैठे हुए दिखाई देते हैं और उनके बगल में खड़ा एक व्यक्ति लोगों को नाम से बुलाकर उन्हें पैसे दे रहा है। वीडियो में दिखता है कि अधिकांश लोग पैसे मिलने के बाद योगी आदित्यनाथ के आगे हाथ जोड़ते हैं और उनके पाँव को भी हाथ लगाते हैं। इस पेज पर करीब 70 हजार से ज्यादा लोग इस वीडियो को शेयर कर चुके हैं। ट्विटर और वहाट्सऐप पर भी इस वीडियो को खूब शेयर किया गया है।
लोग इस वीडियो के आधार पर ये सवाल उठा रहे हैं कि ‘अगर आगामी चुनाव से पहले यह सब हो रहा है, तो भारत का चुनाव आयोग क्या कर रहा है?’
देखो योगी वोट के लिए कैसे खुले आम नोट बाँट रहा है अब क्या इलेक्शन कमीशन इसके अगेंस्ट कुछ एक्शन लेगी ,ये है हारने का डर l21 March shaam ka hai yeh. Election commission kya karega??????
Priyanka Raghuvanshi Jee ಅವರಿಂದ ಈ ದಿನದಂದು ಪೋಸ್ಟ್ ಮಾಡಲಾಗಿದೆ ಶನಿವಾರ, ಮಾರ್ಚ್ 23, 2019
अब हम आपको बताते हैं कि, इस वीडियो के पीछे आखिर सच्चाई क्या है। दरअसल, इस वीडियो का आगामी लोकसभा चुनावों से कोई वास्ता नहीं है।
फैक्ट चेक करने पर पता चला कि, यह वीडियो 13 मार्च 2019 को ओल्ड इज गोल्ड टाइटल के साथ ‘Amit Shah Fans’ नाम के फेसबुक पेज पर पोस्ट किया गया था। इस वीडियो को अब तक 17 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है।
वीडियो की जब हमने पड़ताल की तो पाया कि यह वीडियो अप्रैल 2012 में यू-ट्यूब पर अपलोड किया गया था। साथ ही हमने पाया कि वीडियो में योगी के बगल में खड़ा व्यक्ति जो नोट बांट रहा है वो नोटबंदी से पहले के पुराने 500 के नोट हैं। 2012 में यह वीडियो विनय कुमार गौतम नाम के यू-ट्यूबर ने पोस्ट किया था। विनय उस समय योगी की टीम में बतौर कैमरापर्सन काम करते थे और उस वक्त योगी गोरखपुर के सांसद थे।
जिस विनय कुमार गौतम ने 2012 में यह वीडियो पोस्ट किया, उसने मीडिया को बताया कि अप्रैल 2012 में गोरखपुर ज़िले के कई खेतों में आग लग गई थीं। गोरखपुर से उस समय के सांसद योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित किसानों को कुछ सहायता राशि दिलवाई थी। हर पीड़ित परिवार को नुकसान के आधार पर डेढ-दो हज़ार रुपये दिए गए थे। इस वायरल वीडियो में योगी के पास खड़ा व्यक्ति लोगों के नाम पुकारकर वही रुपये बांट रहा है।
इस तरह यह वीडियो पूरी तरह फेक और प्रोपेगंडा साबित हुई है। विपक्षी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर इसी तरह कई सारे झूठ इन दिनों फैला रहे हैं। हमें इस तरह के झूठ से बचने की आवश्यकता है।