आम चुनावों में अब थोड़ा ही वक्त बचा है और सभी पार्टियाँ जमकर प्रचार अभियान में जुटी हैं। लोकसभा चुनावों के परिणाम वैसे तो 23 मई को आएंगे लेकिन इससे पहले सर्वे बता रहे हैं कि, जनता किस पार्टी की सरकार बनाने के पक्ष में है। टाइम्स नाउ और वीएमआर ने एक सर्वे में देश की जनता का मूड जानने की कोशिश की है। सर्वे में देश में फिर एक बार एनडीए की सरकार बनते दिखाया गया है। सर्वे के अनुसार एनडीए को 543 में से 283 सीटें मिलने का अनुमान है, वहीं यूपीए सिर्फ 135 सीटों तक सिमट जाएगी। पश्चिम में भी बीजेपी को बढ़त मिलने का अनुमान है। सर्वे के अनुसार नॉर्थ ईस्ट के प्रदेश असम और हिंदी पट्टी के राज्यों में बीजेपी का दबदबा कायम रहेगा।
दिल्ली में क्लीन स्वीप करेगी बीजेपी
सर्वे के मुताबिक हिंदी बेल्ट के राज्यों से भाजपा को पिछली बार की तरह भरपूर समर्थन मिलने वाला है। अरविंद केजरीवाल की दिल्ली में भाजपा सभी 7 सीटों पर अपना परचम लहराकर क्लीन स्वीप कर सकती है। सर्वे के अनुुसार हिंदी बेल्ट के राज्य मध्य प्रदेश की 29 में से 22 सीटों पर बीजेपी को जीत मिलने का अनुमान है। दूसरी तरफ राजस्थान में भी बीजेपी 25 में से 20 सीटें जीत सकती है। इस तरह दिल्ली आप और कांग्रेस मुक्त हो जाएगी।
बिहार में भी एनडीए की बल्ले-बल्ले
बिहार की बात करें तो यहां साल 2014 चुनावों में भाजपा को एकतरफा जीत मिली थी। बिहार में बीजेपी को 51.5% वोट और 30 सीटें मिली थी। सर्वे में 2019 में एनडीए का वोट शेयर 48.40 रहने का अनुमान बताया गया है जिससे यहां एनडीए को 27 सीटें मिल सकती हैं। वहीं यूपीए को यहां चुनावों में 42.40 फीसदी वोट शेयर के साथ 13 सीट मिल सकती हैं। सर्वे के मुताबिक, बिहार के अलावा झारखंड में भी एनडीए की यूपीए पर बढ़त है। यहां एनडीए को 8 और यूपीए को छह सीटें मिल रही हैं।
#2019OpinionPoll: Here is the seat and vote share projection for Bihar. | TIMES NOW-VMR Poll Tracker. pic.twitter.com/I8UXm7KtRH
— TIMES NOW (@TimesNow) March 18, 2019
भाजपा ने पिछले काफी समय से पश्चिम बंगाल पर काफ़ी ध्यान दिया है जिसका असर आने वाले नतीजों में भी देखने को मिलेगा। सर्वे के आंकड़े अगर हकीकत में बदलते हैं तो बीजेपी को प्रदेश में 32 फीसदी वोट शेयर और 11 सीटें मिल सकती हैं। सर्वे के अनुसार प्रदेश में कांग्रेस और लेफ्ट का खाता भी नहीं खुलेगा। 2014 में बीजेपी को प्रदेश में 16.8 फीसदी वोट शेयर और 2 सीटों पर जीत मिली थी।
कर्नाटक में एनडीए को बढ़त जबकि बीएसपी व अन्य का नहीं खुलेगा खाता
दक्षिण भारत में भी भाजपा लगातार अपना जनाधार मज़बूत करने में जुटी है। सर्वे के मुताबिक कर्नाटक में एनडीए को बढ़त मिल सकती है। इस राज्य में एनडीए को 15 सीटें और यूपीए को 13 सीटें मिलती दिख रही हैं, जबकि बीएसपी और अन्य को एक भी सीट नहीं मिल रही है। यहां एनडीए को 44.30%, यूपीए को 43.50%, अन्य को 11.20% और बीएसपी को 0.90% वोट मिलता दिख रहा है।
ओडिशा में सबसे ज्यादा सीटें एनडीए को, यूपीए का नहीं खुलेगा खाता
इसके अलावा ओडिशा राज्य से भी भाजपा के लिए अच्छी खबर सामने आ सकती है। भाजपा अपने घटक दलों के साथ मिलकर राज्य में 14 सीट ला सकती है जबकि बीजेडी अबकी बार सिर्फ 7 सीटों पर सिमट सकती है। यूपीए के खाते में यहां एक भी सीट नहीं जा रही है। एनडीए को 39.4%, बीजेडी को 36.2%, यूपीए को 21.6% और अन्य को 2.8% वोट मिल रहा है। भाजपा इस राज्य में बड़ी ताकत के रूप में उभरी है। इस तरह यह राज्य भी कांग्रेस मुक्त रहेगा।
कांग्रेस मुक्त रहेगा पूर्वोत्तर
भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की बात करें तो भाजपा इन्हे कांग्रेस-मुक्त करने में सफल हो गयी है। उत्तर-पूर्व के सबसे अहम् राज्य असम में भाजपा पहले ही मज़बूत स्थिति में है। सर्वे के मुताबिक असम में इस बार एनडीए को आठ सीटें, यूपीए को 4, एआईयूडीएफ को 2 सीटें मिलती दिख रही हैं। वोट शेयर की अगर बात करें तो एनडीए को 37.00%, यूपीए को 32.40%, एआईयूडीएफ 12.80%, एजीपी को 3.60% और अन्य को 14.3% मिल रहा है।
कुल मिलाकर भाजपा इन चुनावों में भी केंद्र में सरकार बनाने में सफल होती दिख रही है। सर्वे बता रहे हैं कि, बीजेपी पिछली बार की तरह शायद अकेले बहुमत ना ला पाए, लेकिन वह अपने घटक दलों के साथ मिलकर अवश्य सरकार बनाने में सफल होगी। वहीं देश के विपक्ष, खासतौर पर कांग्रेस के लिए जनता के पास एक और सबक है। हमेशा देश से जुड़े सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर जनता की सोच से हटकर बयानबाज़ी करना कांग्रेस की आदत सी हो गयी है। अगर कांग्रेस में आत्मचिंतन की कोई गुंजाइश है भी, तो वह इस सर्वे के नतीजों में अपने लिए ‘आइना’ खोज सकती है। इस सर्वे से कांग्रेस को एक और बात समझने की जरूरत है वो ये कि उसे अपनी गंदी राजनीति से अब बाज आना चाहिए क्योंकि जनता आज भी उसके शासनकाल में हुए घोटाले, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की राजनीति को नहीं भूली है। इससे पहले इसी महीने इंडिया टीवी ने भी ऐसा ही एक सर्वे किया था जिसमें एनडीए को वापस सत्ता में लौटते हुए दिखाया गया था।