आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू करने की दिशा में देश ने एक बड़ा कदम उठा लिया है। इस दिशा में जो पहली खुशखबरी है, वह देश के भविष्य बनने वाले छात्रों के लिए है। मोदी सरकार ने केंद्रीय शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश की चाहत रखने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों (ईडब्ल्यूएस) को एक बड़ी खुशखबरी दी है। बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में 2.15 लाख अतिरिक्त सीटें बढ़ाने की घोषणा की है। पिछड़े वर्ग के छात्रों को 10 फीसदी आरक्षण के तहत इन सीटों पर प्रवेश मिलेगा। साथ ही मंत्रीमंडल ने इस बात के भी निर्देश दिये हैं कि, आरक्षण की वजह से ओबीसी, एससी और एसटी आरक्षण में किसी तरह का बदलाव न हो। इस आरक्षण से अब उन छात्रों को बड़ा फायदा पहुंचने वाला है जो रुपयों की किल्लत के कारण केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश नहीं ले पाते थे।
158 बड़े शैक्षिक संस्थानों में मिलेगा इस आरक्षण का लाभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस आरक्षण को मंजूरी दी गई है। इस ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत छात्रों को केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाले देश के 158 शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण का लाभ मिलेगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा इस संबंध में पहले ही निर्देश जारी किए जा चुके हैं। गौरतलब है कि, इस आरक्षण को लागू करने के लिए सरकार ने करीब 4315.15 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इन रुपयों से ना सिर्फ केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाएगा बल्कि करीब 4000 शिक्षकों की भी भर्ती की जाएगी।
बढ़ेंगी कुल 2,14,766 सीटें
बता दें कि, केंद्रीय कैबिनेट ने कुल 2,14,766 सीटों को बढ़ाने की मंजूरी दी है। इन सीटों में से शैक्षणिक सत्र 2019-20 में 1,19,983 सीटें और सत्र 2020-21 में बाकी बची 95,783 सीटें बढ़ाई जाएंगी। ईडब्ल्यूएस (इकोनॉमिक वीकर सेक्शन) कैटेगरी के लिए यह 10 फीसदी का आरक्षण संविधान में 103वें संशोधन के तहत दिया गया है। गौरतलब है कि, राज्यसभा में संविधान संशोधन विधेयक को पिछली 9 जनवरी को मंजूरी दी गई थी।
पहले से आरक्षित सीटों में नहीं होगी कोई कटौती
बता दें कि, मानव संसाधन मंत्रालय विकास ने जनवरी में ही इकोनॉमिक वीकर सेक्शन के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए विशेष निर्देश जारी किए थे। इस निर्देश में कहा गया था कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों के लिए पहले से आरक्षित सीटों में कोई कटौती नहीं होगी।
चुनाव आयोग से मांगी थी अनुमति
मीडिया खबरों के अनुसार ऐसा कहा जा रहा है कि, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने इस प्रस्ताव को पेश करने से पहले निर्वाचन आयोग की अनुमति मांगी थी। वह इसलिए क्योंकि इस समय लोकसभा चुनावों के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लगी हुई है।