सेना के नाम पर राजनीति करना और अपने वोट बैंक के लिए पीएम मोदी पर निशाना साधने वाला अवसरवादी विपक्ष फिर से वही कर रहा है। बसपा हो या सपा या टीएमसी या हो कांग्रेस इन दलों के नेता आये दिन कभी सेना को लेकर तो कभी रक्षा सौदे को लेकर आधारहीन आरोप केंद्र सरकार पर मढ़ते रहे हैं। और इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला जब मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और कांग्रेस नेता अजीज कुरैशी ने ये कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 42 जवानों की चिता की राख से अपना राजतिलक करवाना चाहते हैं। यहां तक कि उन्होंने अपने बयान में पुलवामा आतंकी हमले को ही एक सोची समझी साज़िश बता दिया।
अजीज कुरैशी मिज़ोरम के पूर्व राज्यपाल है और साथ ही 3 राज्यों के राज्यपाल भी रह चुके हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार अजीज कुरैशी ने कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी के इशारे पर ये हमला कराया गया था, सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा की मोदी 42 जवानों की राख से अपना राजतिलक करना चाहते हैं, लेकिन देश की जनता उन्हें ऐसा करने नहीं देगी। वो चाहे तो जवानों के खून से राजतिलक कर लें, लेकिन जनता उन्हें ऐसा नहीं करने देगी।“
साथ ही उन्होनें भोपाल सीट से कोई प्रत्याशी सामने न ला पाने के लिए भी बीजेपी पर हमला बोला और कहा कि “बीजेपी बिना दूल्हे की बारात है, बीजेपी जिसको भी सेहरा बांधती है वो भाग जाता है, कोई डर की वजह से सामने नहीं आ रहा है।“ अजीज कुरैशी से पहले भी विपक्ष वोट बंटोरने के लिए पीएम मोदी पर आरोप लगाता रहा है लेकिन अब जिस तरह के शब्द विपक्ष के नेता इस्तेमाल कर रहें है वो सच में राजनीति के निम्न स्तर को दर्शाता है।
गौरतलब है कि 2019 के फरवरी माह में जम्मू कश्मीर के ‘पुलवामा’ में सीआरपीएफ़ (CRPF) के काफिले पर आत्मघाती आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 42 जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। जवाबी कार्यवाही में भारत ने आतंकी जगहों पर एयर स्ट्राइक भी की थी। आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने ही सेना को खुली छुट दी थी। पुलवामा हमले ने पूरे देश को आक्रोश से भर दिया था और देश भर में आतंक के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग उठी थी तब पीएम मोदी ने ही भारतीय सेना को उचित कार्रवाई करने के लिए ‘फ्री हैंड’ किया था जिससे सेना अपने तरीके से आतंकवादियों को सबक सिखा सके।
प्रधानमंत्री ना केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी आतंकवाद को ख़त्म करने की अपनी मंशा साफ कर चुके हैं वो जहां भी जाते है आतंकवाद की समस्या को उजागर ज़रूर करते है। आतंकवाद को लेकर एक कड़ा रुख रखने वाले पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका और चीन जैसे देशों को भी अपने साथ कर लिया है। वो पीएम मोदी ही थे जिन्होंनें ‘सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक’ की इजाज़त देकर आतंकवाद को ये बता दिया था कि भारत अब आतंकवाद को उसी की भाषा में समझाने को तैयार है। विपक्षी नेताओं को इस तरह का बयान देते हुए शर्म आनी चाहिए। वास्तव में विपक्षी दल पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं क्योंकि इन सभी के लिए वोटबैंक देश की सुरक्षा और सम्मान से भी ज्यादा सर्वोपरि है।