लोकसभा चुनाव 2019 में तीन चरणों में मतदान हो चुके है, देशभर में सात चरणों में मतदान होने हैं । चुनावी दौर में चुनाव आयोग भी अपनी ज़िम्मेदारी बखूबी निभाता नज़र आ रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बायोपिक पर निर्वाचन आयोग ने बैन लगा दिया है साथ ही इस फिल्म के ट्रेलर को तीन वेबसाइटों से हटाने के भी आदेश दिये गए है। ममता बनर्जी की बायोपिक का नाम ‘बाघिनी: द टाइग्रेस’ रखा गया है। वहीं ममता बनर्जी ने कहा है कि उनका इस फिल्म से कोई लेना-देना नहीं है।
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बायोपिक पर एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने फिल्म का ट्रेलर वेबसाइटों से हटाने के लिए आदेश दिये। अधिकारी ने प्रधानमंत्री पर बनी बायोपिक पर लगी रोक के आदेश का हवाला दिया। गौरतलब है कि इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी की बायोपिक पर भी आचार संहिता के चलते रोक लग चुकी है। प्रधानमंत्री की बायोपिक भी अब चुनाव खत्म हो जाने के बाद 10 अप्रैल के बाद ही रिलीज़ हो पाएगी।
हालांकि, फिल्म के प्रोड्यूसर ने दावा किया कि बायोपिक तीन मई को रिलीज होनी है लेकिन निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से फिल्म को प्रमाणपत्र जारी ही नहीं किया गया है। चुनाव आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए ये साफ कर दिया है कि आपत्तिजनक बयान या कोई फिल्म जो भी अचार संहिता का उल्लंघन करेगा आयोग उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा। वहीं इस बायोपिक पर पश्चिम बंगाल की मुखिया ममता बनर्जी का एक तरफ कहना है कि उनका इससे कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने अपनी सफाई में कहा, “यह सब क्या बकवास फैलाया जा रहा है। मेरी बायोपिक से कोई भी लेना देना नहीं है। यदि कुछ युवाओं ने कहानियाँ एकत्र की हैं और खुद व्यक्त किया है, तो उनके ऊपर निर्भर है। मैं नरेंद्र मोदी नहीं हूं। कृपया मेरे बारे में झूठ फैलाकर मानहानि के लिए दायर करने के लिए मजबूर न करें।” अपने इस बयान के जरिये ममता ने पीएम मोदी पर तंज जरुर कस दिया जो कुछ भी कर सकते हैं और खुद को छोटा बता दिया।
What is all this nonsense being spread! I have nothing at all to do with any biopic. If some young people have collected stories & expressed themselves, that’s up to them.Not related to us. I am not Narendra Modi.
Please do not compel me to file for defamation by spreading lies— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) April 24, 2019
गौरतलब है कि इस फिल्म की कहानी ममता बनर्जी से मिलती जुलती है। बंगाली फिल्म ‘बाघिनी बंगाल टाइग्रेस’ एक ऐसी साधारण लड़की की संघर्ष की कहानी है आगे चलकर राज्य की मुख्यमंत्री बनती है। बता दें कि चुनावों के चलते देश भर में आचार संहिता लागू है जिसके अंतर्गत किसी भी तरह का प्रचार प्रतिबंधित है लेकिन फिर भी इस तरह की फिल्मों को रिलीज़ करने की कोशिश की जा रही अहि जो राजनीति और राजनेता से संबंध रखती है। हालांकि, पीएम मोदी से जुडी बायोपिक पर रोक के बाद अब ‘बाघिनी बंगाल टाइग्रेस’ के रिलीज़ पर भी रोक लगा दी गयी है इसके साथ ट्रेलर पर भी रोक लगाई गयी है।