‘लोकतंत्र खतरे में हैं’ का नारा लगाकर दिन-रात अपने आप को पीड़ित दिखाने का ढोंग रचने वाली ममता बनर्जी के राज्य पश्चिम बंगाल से लोकतंत्र विरोधी घटनाओं के घटित होने की खबरें लगातार आ रही हैं। इसी कड़ी में अब राज्य से चुनाव आयोग के एक नोडल अधिकारी के लापता होने की खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दूसरे चरण के मतदान के लिए नोडल अधिकारी अर्नब रॉय की चुनावी ड्यूटी पश्चिम बंगाल में नदिया जिले के बिरापदास पाल चौधरी पोलिटेक्निक कॉलेज में लगी थी जो वहां पर EVM और VVPAT मशीनों की निगरानी कर रहे थे, लेकिन शाम के वक्त अज्ञात कारणों की वजह से वे लापता हो गए। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि अर्नब रॉय का नदिया के डिस्ट्रिक्ट मेजिस्ट्रेट सुमित गुप्ता के साथ उनकी कोई कहासुनी हुई थी, हालांकि पुलिस की जांच अभी जारी है।
फिर भी चुनाव के दिन ड्यूटी पर तैनात एक चुनाव आयोग के अधिकारी का ऐसे लापता हो जाना राज्य के कानूनी व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े करता है। हालांकि ममता राज में यह कोई नयी बात नहीं है। पिछले कुछ दिनों में हमने कई ऐसी खबरों को देखा है जिनमें सत्तासीन पार्टी टीएमसी के गुंडे समर्थकों ने लोकतन्त्र का गला घोटने का काम किया। चाहे वह हिंदुओं को वोट डालने से रोकने की बात हो, या फिर उनके द्वारा पत्रकारों पर हमला करने की हरकत हो, हर बार टीएमसी ने यह साबित किया है कि गुंडाराज को बरकरार रखने के लिए ये लोग किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
इन चुनावों में टीएमसी के गुंडों की हताशा का अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि अपने विरोधी पार्टी के उम्मीदवारों को भी ये लोग वोट डालने नहीं दे रहे हैं। 18 अप्रैल को मतदान के दौरान जब रायगंज लोकसभा सीट के पाटागोरा इलाके में सीपीआई पार्टी के उम्मीदवार मोहम्मद सलीम अपनी वोट डालने पहुंचे तो टीएमसी के गुंडों ने उनपर भी हमला बोल दिया। लोकल मीडिया को दिये एक बयान में उन्होंने कहा ‘जब मैं इस्लामपुर के पाटागोरा पोल्लिंग बूथ पर पहुंचा, तो मुझे 100 मीटर दूर टीएमसी के कुछ गुंडों ने घेर लिया और मेरी गाड़ी पर हमला बोल दिया’। इस घटना के अलावा टीएमसी के गुंडों की एक और हिंसक घटना सामने आई जिसमें उन्होंने रिपोर्टिंग कर रहे एबीपी न्यूज़ के रिपोर्टर और कैमरापर्सन पर हमला बोल दिया और उनका कैमरा तक तोड़ डाला। इससे पहले ममता की पार्टी के कार्यकर्ताओं का हिंसक रूप तब देखने को मिला था जब कुछ मुस्लिम युवकों ने वोट डालने जा रहे हिंदुओं को डरा-धमकाकर उन्हें वापस जाने को मजबूर किया। हैरानी की बात तो यह है कि इस सबके बावजूद इन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
आपको बता दें कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पिछले काफी समय से अपने लोकतंत्र विरोधी रुख के कारण चर्चाओं में हैं। चुनाव प्रचार के दौरान उनपर अपने विरोधी पार्टी के नेताओं को राज्य में प्रवेश न देने पर भी वे कई पार्टियों के निशाने पर आ चुकी हैं। पिछले दिनों उन्होंने राहुल गांधी के हेलिकॉप्टर को भी लैंड नहीं होने दिया था। उनपर पीएम मोदी, सीएम योगी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हेलिकॉप्टर को भी लैंड ना कराने दिये जाने के आरोप लग चुके हैं। जाहिर है कि बेशक ऐसे हथकंडे अपनाकर ममता बनर्जी अपना गुंडाराज स्थापित करने की नाकाम कोशिश करती रहें, लेकिन देश की जनता को इन चुनावों में उन्हें मुंह-तोड़ जवाब जरूर देना चाहिए।