क्रिकेट की पिच पर बॉलर्स के पसीने छुड़ा देने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर जब से राजनीति में आए हैं तब से विरोधियों के छक्के छुड़ा रहे हैं। क्रिकेट की ही तरह यहां भी उनका हिट विरोधियों को बाउंड्री से बाहर कर दे रहा है। कुछ दिनों पहले ही देश को तोड़ने वाले बयान देने पर उन्होंने महबूबा मुफ्ती और उमर अबदुल्ला को ऐसा तीखा जवाब दिया था कि, उन लोगों से कोई जवाब देते नहीं बना था। राजनीति के मैदान में आते ही अपना बेहतरीन ओपनिंग कौशल दिखा रहे गौतम से अब केजरीवाल की पार्टी ने भिड़ने की नादान कोशिश की थी। इसका अंजाम यह हुआ कि, आम आदमी पार्टी मुंह की खाकर तो लौटी ही और अपनी बुरी तरह फजीहत भी करवा बैठी।
दरअसल, जब से गौतम गंभीर को भारतीय जनता पार्टी ने पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से टिकट दिया है, तब से ही कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के होश ढीले पड़े हुए हैं। इस सीट से कांग्रेस की ओर से दिग्गज नेता अरविंदर सिंह लवली प्रत्याशी हैं तो आम आदमी पार्टी की तरफ से आतिशी उम्मीदवार है। यहां अब गौतम गंभीर के मैदान में उतरते ही इन दोनों पार्टियों को हारने का डर सता रहा है।
यह डर ही है कि, जब बीजेपी उम्मीदवार गौतम गंभीर ने इस सीट से अपना नामांकन भरा तो आप प्रत्याशी ने आनन-फानन में इस पर आपत्ती भी दर्ज करा दी। पूर्वी दिल्ली से आप उम्मीदवार आतिशी ने इसमें गौतम गंभीर के नामांकन पत्र के साथ दिये गए एफिडेविट को लेकर सवाल उठाए थे। आपत्ती आने के बाद रिटर्निंग ऑफिसर ने गौतम गंभीर को नोटिस देकर बुधवार को जवाब देने के लिए बुलाया था।
अब आप प्रत्याशी की आपत्ती पर गौतम गंभीर ने जो जवाब दिया उससे न सिर्फ यह आपत्ती खारिज हो गई बल्कि आम आदमी पार्टी की बुरी तरह फजीहत भी हो गई। इस आपत्ति पर गौतम गंभीर व उनके वकीलों का कहना था कि जिसे आम आदमी पार्टी बैक डेट की नोटरी स्टाम्प बता रही है वो दरअसल नोटरी रजिस्टर का सीरियल नम्बर है। इस दौरान गौतम गंभीर के वकीलों ने नोटरी रजिस्टर को भी रिटर्निंग ऑफिसर के सामने रखा।
गौतम गंभीर के इस जवाब के बाद रिटर्निंग ऑफिसर ने गौतम गंभीर के जवाब से संतुष्टि जताते हुए आप उम्मीदवार आतिशी द्वारा दर्ज की गई आपत्ती को खारिज कर दिया।
दरअसल, आप उम्मीदवार आतिशी ने आरोप लगाया था कि गौतम गंभीर ने नामांकन के दौरान जो स्टाम्प पेपर लगाए हैं उसकी तारीख और उस पर लगे नोटरी स्टाम्प की तारीख में अंतर है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। जबकि असल में स्टांप पेपर और नोटरी स्टांप की तारीख समान ही थी। हुआ यूं कि, आप प्रत्याशी जिसे तारीख समझ रही थी वो दरअसल नोटरी रजिस्टर का सीरियल नंबर था। अब आप उम्मीदवार की इतनी बड़ी भूल सामने आने पर फजीहत तो होनी ही थी और हुई भी। सोशल मीडिया में इसका जमकर मजाक बनाया गया।
बता दें कि, गौतम गंभीर इस सीट से आप और कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती हैं। भाजपा उम्मीदवार गौतम गंभीर का सबसे मजबूत पक्ष उनकी क्रिकेट स्टार वाली छवि है। लगभग 16 लाख वोटर्स वाले इस लोकसभा क्षेत्र में बड़ी संख्या उन युवा वोटर्स की हैं जिन्हें उनकी क्रिकेटर स्टार वाली छवि लुभा सकती है। बता दें कि, बीजेपी की ओर से महेश गिरी ने पिछले लोकसभा चुनाव में यहां से पौने छह लाख से अधिक वोट प्राप्त किए थे। गौतम गंभीर को इसका भी फायदा मिलने वाला है। गंभीर के पंजाबी समुदाय से आने के कारण यहां पर उन्हें अपने वर्ग से भी खास समर्थन मिलने वाला है। वहीं गंभीर का राजनीति में धाकड़ एटीट्यूड तो सुर्खियां बटोर ही रहा है। ऐसे में यहां गंभीर के लिए हालात काफी अनुकूल दिखाई दे रहे हैं।