भारत में पाकिस्तान की फुल-टाइम प्रवक्ता बन चुकी महबूबा मुफ़्ती ने एक बार फिर पाकिस्तान की भाषा बोली है। मुफ़्ती ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि पाकिस्तान ने अपने न्यूक्लियर बॉम्ब ईद के लिए नहीं रखे हैं। उनका यह बयान तब आया है जब कुछ दिनों पहले ही पीएम मोदी ने पाकिस्तान को धमकी भरे शब्दों में कहा था कि भारत के पास न्यूक्लियर बॉम्ब दिवाली के लिए नहीं रखे हैं। पीएम मोदी के इस बयान से आहत होने वालों में पाकिस्तान के अलावा महबूबा मुफ़्ती और कांग्रेस भी शामिल हैं। ऐसा लगता है कि महबूबा मुफ्ती भारत के खिलाफ ‘युद्ध छेड़ने’ के आरोप में जेल में सजा काट रही आसिया आंद्राबी की राह पर चल पड़ी हैं।
https://twitter.com/VishuddhBhartiy/status/1120008151502163968
दरअसल, पिछले दिनों एक रैली को संबोधित कराते हुए पीएम मोदी ने कहा था ‘भारत ने पाकिस्तान की धमकी से डरने की नीति को छोड़ दिया। ये ठीक किया न मैंने? वर्ना आए दिन हमारे (पाकिस्तान) पास न्यूक्लियर बॉम्ब है। न्यूक्लियर बॉम्ब है! हमारे अखबार वाले भी लिखते थे, हमारे पास न्यूक्लियर बॉम्ब है, तो हमारे पास क्या है भाई? ये दिवाली के लिए रखा है क्या?’ पीएम मोदी के इस बयान की पाकिस्तान ने तो निंदा की ही, इसके साथ महबूबा मुफ़्ती भी पाकिस्तान का बचाव करने कूद पड़ी। उन्होंने तुरंत ट्वीट किया ‘अगर भारत ने न्यूक्लियर बॉम्ब दिवाली के लिए नहीं रखे हैं, तो जाहीर सी बात है कि पाकिस्तान ने भी अपने न्यूक्लियर बॉम्ब ईद के लिए नहीं रखे हैं। पता नहीं आखिर क्यों पीएम मोदी राजनीति का स्तर इतना गिरा रहे हैं’। जब पाकिस्तान भारत पर परमाणु हमले की धमकी देता है तब महबूबा मुफ्ती चुप्पी साध लेती हैं लेकिन पीएम मोदी ने पाक की धमकी का करारा जवाब दिया तो वो सक्रिय हो गयीं।
If India hasn’t kept nuclear bomb for Diwali, it’s obvious Pakistan’s not kept theirs for Eid either. Don’t know why PM Modi must stoop so low & reduce political discourse to this.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) April 22, 2019
महबूबा मुफ़्ती के मन में पीएम मोदी के लिए घृणा को समझा सकता है। पीएम मोदी की पार्टी भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में यह साफ किया है कि वह कश्मीर से अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को हटाने का काम करेगी, जिससे की कश्मीरियों के ठेकेदार बनने का ढोंग रचने वाले महबूबा मुफ़्ती और उमर अब्दुल्ला की राजनीतिक दुकाने बंद होना तय है। यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों से लगातार मुफ़्ती भारत विरोधी बयान दे रही हैं। हालांकि पीएम मोदी और भाजपा को घेरने के चक्कर में उनका भारत राष्ट्र को नीचा दिखाना और पाकिस्तान का महिमामंडन करना बेहद निंदनीय है।
पिछले दिनों ही उन्होंने अपने धमकी भरे बयान में कहा था कि अगर भारत सरकार कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने की सोचती है तो भारत और कश्मीर के बीच रिश्ता टूट जाएगा और कश्मीर के लोग तिरंगा छोडकर किसी और झंडे को उठाने पर मजबूर हो जाएंगे। अलगाववादी जड़ों को मजबूत करने वाली महबूबा इस बात से भी बेहद खफा है कि भारतीय सेना पिछले कुछ सालों में घाटी में बड़ी संख्या में आतंकवादियों को खत्म करने में सफल हुई है, जिससे कि कश्मीर शांति की ओर अग्रसर है, हालांकि कश्मीर में शांति इन नेताओं को बिल्कुल भी सूट नहीं करती। आजकल अपने पाकिस्तान प्रेम में वे इतनी अंधी हो चुकी है कि पीएम मोदी के न्यूक्लियर बॉम्ब वाले बयान के बाद पाकिस्तान से पहले महबूबा मुफ़्ती की प्रतिक्रिया आई। जाहिर है कि पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के लिए वे दिन-रात कड़ी मेहनत कर रही हैं। ऐसा प्रतीत होता है मानों कश्मीर में एक नई आसिया अंद्राबी का उदय हो रहा हो।
ऐसा लगता है की वो ये भूल रही हैं कि कुछ इसी तरह के देशविरोधी बोल बोलने वाली कश्मीर की एक अन्य अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी आज जेल में बंद हैं। अंद्राबी भारत के खिलाफ बगावत के लिए भड़काने, नफरत भरे संदेश फैलाने और देश को तोड़ने वाले भाषण देने में संलिप्त थीं। अंद्राबी धर्म के आधार पर देश के समुदायों में नफरत पैदा कर रही थीं। आज उसी तरह का काम महबूबा मुफ्ती भी करती नजर आ रही हैं। महबूबा मुफ़्ती का अगर यह आतंक-प्रेम बंद नहीं होता है, तो देश की सुरक्षा अथवा जांच एजेंसियों को उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने से परहेज नहीं करना चाहिए।