पाकिस्तान में लगातार जारी आतंकी घटनाओं की वजह से अमेरिका ने अपने सभी नागरिकों को पाकिस्तान की अपनी यात्रा पर दोबारा पुनर्विचार करने की सलाह दी है। चेतावनी में यह भी कहा गया है कि अमेरिकी नागरिकों को बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और पाकिस्तान के अवैध कब्ज़े वाले कश्मीर जैसे इलाकों में जाने से परहेज़ करना चाहिए। अमेरीकी सरकार ने पाकिस्तान में हो रहे आतंकी हमलों की वजह से यह चेतावनी जारी की है। आपको बता दें कि हाल ही में पाक के बलूचिस्तान प्रान्त में 12 अप्रैल को एक आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 20 लोगों के मरने की खबर सामने आई थी।
आपको यह भी बता दें कि अमेरिका ने पाक को तीसरे दर्जे वाले देशों की सूची में डाला हुआ है। पाक के बलूचिस्तान, केपीके प्रांत, पाक के अवैध कब्जे वाले कश्मीर और भारत-पाकिस्तान के बार्डर वाले इलाकों को तो अमेरिका ने चौथे दर्जे वाली सूची में शामिल किया है। अमेरिका ने इन इलाकों में अधिक खतरा होने की वजह से इन इलाकों को इस सूची में डाला है। अमेरिका ने इससे पहले फरवरी में भी अपने नागरिकों को पाक में ना जाने की सलाह दी थी, जब भारत ने पाक के बालाकोट में घुसकर आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी।
अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को तीसरे दर्जे वाले देशों की सूची में डाला जाना पाकिस्तान को एक गहरा झटका माना जा रहा है। इससे पहले पिछले महीने ही अमेरिका ने पाक को लेकर अपनी वीज़ा नीति में भी बदलाव किया था जिसके मुताबिक पाकिस्तान के नागरिकों को मिलने वाले अमेरिकी वीज़ा की अवधि को पांच साल से घटाकर 12 महीने कर दिया गया था। वहीं पाकिस्तानी मीडियाकर्मियों को मिलने वाले वीज़ा की अवधि को भी पांच साल से कम करके सिर्फ 3 महीने किया गया था।
अमेरिका में ट्रम्प सरकार आने के बाद से ही अमेरिकी प्रशासन का पाकिस्तान के प्रति सख्त रुख रहा है। राष्ट्रपति ट्रम्प पहले ही पाकिस्तान को मिलने वाली अरबों डॉलर की सैन्य मदद रोक चुके है। अमेरिका का कहना था कि उससे मिलने वाले पैसे से पाक आतंकियों के ख़िलाफ़ कोई सख्त कार्रवाई करने में असफल रहा है। राष्ट्रपति ट्रम्प व अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ कई मौकों पर यह कहते नजर आये हैं कि पाकिस्तान आतंकियो के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन चुका है। भारत पर हुए पुलवामा हमले के बाद भी अमेरिका की तरफ से पाक को खरी-खरी सुनाई गई थी। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान को अपने यहां मौजूद आतंक के ठिकानों को साफ करने में भारत की सहायता करनी चाहिए व किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई करने से बचना चाहिए। वहीं दूसरी ओर पाक द्वारा भारत के खिलाफ अमेरिकी लड़ाकू विमान एफ-16 को इस्तेमाल करने से भी पाकिस्तान-अमेरिकी संबंधो पर बुरा असर पड़ सकता है। हालांकि हमेशा की तरह झूठ बोलने वाला पाक अपने यहां किसी भी आतंकी ठिकाने की मौजूदगी को अस्वीकार करते आया है।
पाक की चीन से बढ़ती नज़दीकियों को लेकर भी अमेरिका पाक से नाराज़ चल रहा है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को भी अमेरिका दक्षिण एशिया में अपने दबदबे को चुनौती के तौर पर देखता है।
अमेरिका अफ़ग़ानिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन तालिबान को समर्थन करने को लेकर भी पाक पर आरोप लगाता आया है। अमेरिका का मानना है कि पाक अपने द्वारा समर्थित आतंकी गुटों से अफ़ग़ानिस्तान में भी आतंकी हमले कराता है जिनमें मासूम अफगानिस्तानी नागरिकों के साथ अमेरिकी सैनिक भी मारे जाते हैं। आने वाले दिनों में अमेरिका का रूख पाकिस्तान को लेकर और ज़्यादा सख्त हो सकता है।