भ्रष्टाचार और कांग्रेस का साथ बहुत पुराना रहा है। अब फिर से आयकर विभाग देश के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर कांग्रेस की काली करतूतों का पर्दाफाश कर रहा है। एक तरफ बीते रविवार को आयकर विभाग ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के घर रेड मार कर 280 करोड़ रुपयों की संपत्ति बरामद की थी, वहीं कल शाम भी विभाग ने दिल्ली कांग्रेस दफ्तर के मुख्य अकाउंटेंट एसएम मोइन के घर छापेमारी कर लगभग 14 करोड़ रुपए की नकदी बरामद की थी। अपने घोटालों के लगातार उजागर होने से कांग्रेस पार्टी इतनी बौखला गई है कि अब उसने इन खबरों को रिपोर्ट कर रहे पत्रकारों पर ही हमला करना शुरू कर दिया है। एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष पत्रकारों के ‘जीवनरक्षक’ बन मीडिया में खूब वाहावाही बंटोर रहे हैं तो वहीं कांग्रेस के कार्यकर्ता उन्हीं पत्रकारों की जान के दुश्मन बने बैठे हैं।
दरअसल, कल शाम जब आयकर विभाग द्वारा मोइन के घर छापेमारी की खबर आई तो पत्रकारों की पूरी फौज वहां मौके पर पहुंच गई। लेकिन पत्रकारों के मुताबिक जब वे ग्राउंड ज़ीरो से रिपोर्टिंग कर रहे थे तो वहां अचानक से बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़ आ गई और पत्रकारों से बदसलूकी की जाने लगी। रिपब्लिक भारत के एक रिपोर्टर के मुताबिक अंधेरे का फायदा उठाकर उनपर पत्थर तक फेंकने की कोशिश की गई। रिपब्लिक भारत ने ट्विटर पर अपने पत्रकारों से हुई बदसलूकी की एक वीडियो भी साझा की है। पत्रकारों में रिपब्लिक भारत की एक महिला रिपोर्टर भी मौके पर मौजूद थी जिनके साथ कांग्रेस के हिंसक समर्थकों ने धक्का-मुक्की करने की कोशिश की। हैरानी की बात तो यह है कि जब यह पूरी घटना घटित हुई, उस वक्त मोइन के घर पर अहमद पटेल भी मौजूद थे, लेकिन उनके समर्थकों की इस शर्मनाक घटना पर उनका अब तक कोई बयान नहीं आया है।
#ElectionDirtyCash | IT विभाग ने कांग्रेस दफ्तर में कार्यरत मोईन के घर पर मारा था छापा, मोईन के समर्थकों ने R. भारत की टीम के साथ की बदसलूकी
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— Republic Bharat – रिपब्लिक भारत (@Republic_Bharat) April 8, 2019
हालांकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हिंसक रूप पिछले कुछ दिनों से कुछ ज्यादा ही खुलकर सामने आया है। हाल ही में तमिलनाडु की एक जनसभा के दौरान जब एक पत्रकार ने खाली पड़ी कुर्सियों की फोटो खींचने की कोशिश की थी तो वहां मौजूद हिसंक कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने उस पर हमला बोल दिया था। बाद में उसे अस्पताल में भी भर्ती करना पड़ा था।
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पिछले कुछ समय से पत्रकारों के हितैषी बन सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरने का काम कर चुके हैं। कुछ दिनों पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस सचिव प्रियंका गांधी की एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी जिसमें ये दोनों कुछ घायल पत्रकारों को ईलाज के लिए ले जाते हुए दिखाई दे रहे थे। प्रियंका गांधी ने तो उस घायल पत्रकार के जूते अपने हाथ में पकड़ रखे थे। दोनों भाई-बहन की पूरी कोशिश थी कि कहीं फोटो खींचाने का कोई अवसर न छूट जाए! इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष की एक और विडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थी। वीडियो में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से एक बंद कार में एक पत्रकार अपना माथा पुछवाता नजर आ रहा था। वह पत्रकार जब ‘घायल’ हुआ तो नाटकीय रूप से राहुल गांधी का काफिला भी वहीं से गुजर रहा था। इन घटनाओं से स्पष्ट है कि राहुल गांधी पत्रकारों पर दरियादिली दिखाने का सिर्फ ढोंग करते हैं क्योंकि अगर यह उनकी पार्टी का आदर्श होता तो उनकी पार्टी के कार्यकर्ता पत्रकारों पर इस तरह हिंसक हमले नहीं करते।