कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट का नाम इस्तेमाल किये जाने को लेकर अपना जवाब दाखिल किया है। इस जवाब में राहुल गांधी ने कोर्ट में कहा है कि उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान आवेश में आकर ऐसा बयान दिया था जिसके लिए उन्हें खेद है। इसके साथ अपने इस गलत बयान के लिए उन्होंने कोर्ट से माफ़ी भी मांग ली है।
Congress President Rahul Gandhi says "he regretted that he gave the statement" (on Rafale verdict), in his reply to the Supreme Court on contempt petition filed by Meenakshi Lekhi https://t.co/Hpjovr3srV
— ANI (@ANI) April 22, 2019
बता दें कि राहुल गांधी ने राफेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई को लेकर आम जनता को भ्रमित करने की कोशिश की थी। राफेल मामले में हो रही सुनवाई पर कोर्ट ने केंद्र सरकार की दलील खारिज करते हुए कहा था कि ‘गोपनीय दस्तावेज़ों को सबूत माना जा सकता है।‘ सुप्रीम कोर्ट द्वारा नए दस्तावेजों के आधार पर राफेल डील पर पुनर्विचार याचिका स्वीकार किये जाने को राहुल गांधी ने ‘चौकीदार चोर’ है के रूप में पेश किया था। अपनी एक चुनावी रैली में उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी ये मान लिया है कि ‘चौकीदार चोर’ है।
इस तरह से सुप्रीम कोर्ट का नाम अपने चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल किये जाने को लेकर बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने उनके खिलाफ कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट का मामला दर्ज कराया था। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया था और उनसे 22 अप्रैल तक जवाब मांगा था।
बता दें कि अपनी चुनावी रैली में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि ‘सुप्रीम कोर्ट में ये साबित हो गया है कि ‘चौकीदार ही चोर’ है।’ इसके बाद भाजपा नेता और दिल्ली से सांसद मीनाक्षी लेखी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ दायर कोर्ट की अवमानना की याचिका पर तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की थी।
15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि फैसला सिर्फ कानूनी सवाल पर आधारित था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई ने बताया कि “हमने ये कभी नहीं कहा हम इस मामले में सफाई मांगेंगे, कोर्ट ने कहा की हम ये साफ करना चाहते है कि जो भी विचार कोर्ट को लेकर मीडिया में कहे गए है वहैं पूरी तरह से गलत है।“ इस पूरे मामले को लेकर हम सफाई मांगेंगें , हमें उम्मीद है कि राहुल गांधी इस बयान पर अपनी सफाई देंगे।“
रक्षामंत्री ‘निर्मला सीतारमण’ ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि “सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील पर सवाल नहीं उठाए, कोर्ट की आज्ञा का पालन करेंगे। राहुल गांधी ने आज कोर्ट की अवमानना की है, जो व्यक्ति खुद जमानत पर है उसे कोर्ट के फैसले से देश को गुमराह करने का अधिकार किसने दिया? जो राहुल गांधी ने कहा वो कोर्ट ने नहीं कहा, संसद में AA (अनिल अंबानी) बोलने वाले आज RV (रॉबर्ट वाड्रा) के साथ।” रक्षा मंत्री ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष शायद आधा पैराग्राफ भी नहीं पढ़ते हैं, लेकिन यह कहकर कि अदालत ने मान लिया है और यह भी कह दिया कि अदालत ने ‘चौकीदार चोर है’ कहा है, ये अदालत की अवमानना है।“
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही राफेल मामले में केंद्र सरकार को क्लीन चिट दे चुका था। यहां तक कि कैग की रिपोर्ट में भी राफेल में कोई गड़बड़ी नहीं सामने नहीं आई यहां तक कि फ्रांस सरकार भी राफेल मामले को लेकर अपना पक्ष रख चुका है। फिर भी राहुल गांधी ‘राफेलिया’ नाम के रोग से बाहर नहीं निकल पा रहे।
देश में लोकसभा चुनाव शुरू हो चुके है इस दौरान राहुल गांधी ने खुद ही मुसीबत को न्योता दे दिया है बेहतर होगा के राहुल जी कुछ भी कहने से पहले बातों को सही से समझ लें मनगढ़ंत कहानियां ना बनाएं। हालांकि, ये पहली बार होगा जब राहुल गांधी ने स्वीकार किया है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को केकर झूठ बोला था और इसके लिए उन्हें खेद भी है। वैसे ये सोचने वाली बात भी है कि जिसे कांग्रेस देश के अगले प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में पेश करती है वो ही सार्वजानिक मंच से सफेद झूठ बोलते हैं और अक्सर उनका झूठ पकड़ा जाता है। इस बार उन्होंने कोर्ट को ही अपने झूठ में लपेटे में ले लिया लेकिन न्याय व्यवस्था का इस्तेमाल अपने उद्देश्य के लिए करना उन्हें भारी पड़ गया।