श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में सीरियल बम धमाकों में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी और करीबन 500 से ज्यादा लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर है। कोलंबो में सिलसिलेवार 8 बम धमाके हुए। धमाकों में 27 विदेशी नागरिक भी मारे गए जिसमें एक भारतीय महिला की भी मौत हो गयी। ये धमाके ईस्टर के दिन हुए। बम धमाकों में चर्च जाने वाले लोगो को टार्गेट किया गया था। अधिकारियों के अनुसार इन धमाकों में 24 संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बम धमाकों के बाद श्रीलंकाई सरकार ने कोलंबो में कर्फ़्यू लगा दिया है साथ ही श्रीलंका में सोशल मीडिया पर भी रोक लगा दी गयी है। वहीं इन धमाकों के पीछे मुस्लिम संगठन भी शक के घेरे में है।
Over 24 suspects arrested by Police in Sri Lanka after deadly bomb blasts. Police suspects radical Islamist extremist group could be behind the terror attacks. In fact, Police Chief had sent prior intel warning about suspected suicide blasts around Easter by a Jihadi group. pic.twitter.com/9AevGvcbPK
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) April 22, 2019
दूसरी तरफ , इस सीरियल ब्लास्ट को लेकर निर्वासित पाकिस्तानी नेता और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के संस्थापक अल्ताफ हुसैन का दावा है कि इसमें पाकिस्तान की आईएसआई का हाथ हो सकता है। मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट के संस्थापक अलताफ हुसैन ने अपने बयान में कहा कि ‘कोलंबो के चर्चों और होटलों में हुए हमलों के पीछे पाकिस्तानी सेना और आईएसआई का हाथ होने से इंकार नहीं किया जा सकता। दुनियाभर में आतंकवाद की हरेक वारदात की नींव पाकिस्तान में ही रखी गई थी।’ वास्तव में देखा जाये तो अलताफ हुसैन की बातों में सच्चाई भी नजर आता है। आतंक को वित्त पोषित करने वाले पाकिस्तान के खिलाफ रोष अब श्री लंका में भी नजर आने लगा है। गौरतलब है कि भारत, ईरान और यहां तक कि अफगानिस्तान ने भी पाकिस्तान को आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है। फिर भी पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करता है। जाहिर है श्रीलंका में हुए एक के बाद एक धमाके को लेकर अल्ताफ हुसैन द्वारा किए गए दावे को नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता है।
हालांकि, इस हमले से पहले एक विदेशी इंटेलिजेंट एजेंसी ने अलर्ट करते हुए ये जानकारी दी थी कि ‘नेशनल तौहीत जमात (एनटीजे)’ नामक संगठन श्रीलंका के कुछ अहम गिरजाघरों को निशाना बना सकता है। जिस एनटीजे (नैशनल तौहीद जमात) का नाम श्रीलंका के धमाके में सामने आ रहा है वो एक कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन है। इस संगठन को तौहीद-ए-जमात के नाम से भी जाना जाता है और इसपर श्रीलंका में वहाबी विचारधारा को बढ़ाने के आरोप भी लगते रहे हैं।
बता दें कि रविवार को हमलावर ईस्टर के स्पेशल नाश्ते कि लाइन में लगा था। वो कतार में आगे बढ़ता रहा और जैसे ही वह लाइन के छोर पर पहुंचा उसने खुद को उड़ा लिया। हमलावर का नाम मोहम्मद आजम मोहम्मद बताया जा रहा है। वो एक रात पहले ही होटल में रुकने आया था। इस हमले में दो आरोपी पर आत्मघाती हमलावरों द्वारा किए गए हैं। शांगरी ला होटल पर हमले को आत्मघाती हमलावर जहरान हाशिम ने अंजाम दिया तो वहीं अबू मोहम्मद की पहचान बटालियको चर्च में हमलावर के रूप में की गई है।
श्रीलंका के इतिहास में ये सबसे भयावह हमलों में से एक है पुलिस प्रवक्ता रूवन गुनासेखरा के मुताबिक, “ये धमाके स्थानीय समयानुसार आठ बजकर 45 मिनट पर ईस्टर प्रार्थना सभा के दौरान कोलंबो के सेंट एंथनी, पश्चिमी तटीय शहर नेगेंबो के सेंट सेबेस्टियन चर्च और बट्टिकलोवा के एक चर्च में हुए। वहीं तीन अन्य विस्फोट पांच सितारा होटलों- शंगरीला, द सिनामोन ग्रांड और द किंग्सबरी में हुए। होटल में हुए विस्फोट में घायल विदेशी और स्थानीय लोगों को कोलंबो जनरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। पुलिस प्रवक्ता ने आगे बताया कि “छह धमाके सुबह लगभग एक ही समय पर हुए। देश में उस समय ईस्टर की तैयारियां जोरों पर थीं लेकिन धमाकों के कारण पूरा देश गम में डूब गया। वहीं सातवां और आठवां धमाका दोपहर बाद हुआ।“
बम धमाकों के बाद श्रीलंका सरकार ने पूरे देश में अगले आदेश तक के लिए कर्फ़्यू लगा दिया। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने लोगों से शांति बनाए रखने कि अपील की है। सिरिसेना ने कहा की ‘मैं इस अप्रत्याशित घटना से सदमे में हूं। सुरक्षाबलों को सभी जरूरी कार्यवाई करने के निर्देश दिये गए है।’ श्रीलंका के आर्थिक सुधार एवं लोक वितरण मंत्री हर्ष डि सिल्वा ने भी इस हमले पर दुःख व्यक्त किया ।
वैसे ये कोई पहली बार नहीं है जब श्रीलंका इस तरह के हमले से दहला है। दस साल पहले भी श्रीलंका इस तरह के हमले से दहल चुका है। इससे पहले जून 2008 में श्रीलंका में हुए बम धमाकों 120 लोगों की मौत हुई थी। 2008 में श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में दो बसों में जोरदार धमाके हुए थे जिसमें 22 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। उस दौरान कोलंबो में कई बम धमाके हुए थे। इस धमाके से पहले भीड़भाड़ वाली एक ट्रेन में बम विस्फोट हुआ था जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे। इन धमाकों से श्री लंका की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ा था। इस बार हुए इन सीरियल ब्लास्ट ने एक बार फिर से श्रीलंका को झकझोर कर रख दिया है।
बता दें कि श्रीलंका में हुए इस आतंकी हमले कि दुनिया भर में कड़ी निंदा हो रही है साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी इसे दुखद घटना बताया। आतंकवाद चाहे भारत में हो या दुनिया के किसी कोने में इसकी तस्वीर भयानक ही होती है और जिसका शिकार मासूम लोग होते हैं । जरूरत है इन आतंकियों को इन्हीं की भाषा में जवाब दिया जाए।