जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख ‘यासीन मलिक’ को मंगलवार को दिल्ली तिहाड़ जेल लाया गया था। एनआईए (NIA) ने अलगाववादी नेताओं और आतंकवादी समूहों को आर्थिक मदद मुहैया कराने के मामले में यासीन मलिक के खिलाफ ‘प्रॉडक्शन रिमांड वॉरेंट’ हासिल किया है अब एजेंसी उनसे दिल्ली में पूछताछ करेगी। यासीन को पिछले हफ्ते ही गिरफ्तार करके जम्मू कश्मीर के कोट बलवान जेल भेजा गया था। अब यासीन मलिक 22 अप्रैल तक NIA की रिमांड में रहेंगे।
National Investigation Agency brought Kashmiri separatist leader Yasin Malik to Delhi last evening as NIA Court had issued a production warrant against him. (File pic) pic.twitter.com/tGeXwtCAfJ
— ANI (@ANI) April 10, 2019
बता दें कि एनआईए (NIA) मलिक से उनके संगठन की फंडिंग को लेकर सवाल-जवाब करेगी। इससे पहले भी पिछले महीने मार्च में मोदी सरकार ने आतंक विरोधी कानून के तहत उनकी पार्टी लिब्रेशन फ्रंट (JKLF) को बैन कर दिया था। उनपर पहले भी आतंकी गतिविधियों को समर्थन करने का आरोप लगता रहा है जिसके कारण ईडी (ED) ने भी उसके कई ठिकानों पर छापेमारी की थी।
साथ ही JKLF पर तत्कालिन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी ‘रुबैया सईद’ का 1989 में अपहरण करने का आरोप था, साथ ही यासीन पर 1990 में साल की शुरुआती वक़्त में भारतीय वायुसेना के 4 जवानों की हत्या में शामिल होने का भी आरोप है। एनआईए ने जम्मू कश्मीर की विशेष अदालत से आतंकवाद को वित्तीय सहायता देने और आतंकवाद को बढ़ावा देने के मामले में यासीन मलिक को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की मांग की थी। जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट ने तीन दशक पुराने मामलों को फिर से खोलने की सीबीआई (CBI) की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इन मामलों में भी यासीन एक आरोपी है।
JKLF को पहले भी गैर कानूनी गतिविधियों के रोकथाम कानून के तहत बैन किया जा चुका है। सिर्फ यासीन मलिक ही नही एनआईए ने मंगलवार को ही अलगाववादी नेता ‘मीरवाइज उमर फारुख’ से भी लगातार दूसरे दिन जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी संगठनो और आतंकवादी समूहों के फंडिंग से जुड़े मामलों में पूछताछ की थी। उनसे भी करीब 10 घंटों तक पूछताछ चली थी।
पुलवामा हमले के बाद से ही मोदी सरकार आतंकवाद और अलगाववाद तत्वों के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर रही है मोदी सरकार ने शुरु से ही आतंकवाद के खिलाफ एक कडा रुख अपनाया है चाहे वो सर्जिकल स्ट्राइक की बात हो या आसमान मे दुश्मनों को धूल चटाती ऐयर स्ट्राइक। और जहाँ बात आती है घर के भेदियों की तो यासिन मलिक का उदाहरण इसके लिए एकदम सटीक बैठता है। जब अंतरराष्ट्रीय मंच पर मोदी सरकार और भारत ने आतंकवाद के खिलाफ इतना कडा रुख अपनाकर विश्व भर को एकजुट कर लिया है, तो देश के अंदर पनप रहे आतंकवाद और उसे सहारा देने वाले लोगों को कैसे और भला क्यों बख्शा जाएगा ? अब समय आ गया है कि आतंकवाद को जड़ से ख़त्म किया जाए और इसकी शुरुआत घर के अंदर यानि देश के अंदर से ही करनी होगी।